पूरन चन्द जोशी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
[[Puran-Chand-Joshi.jpeg|thumb|250px|पूरन चन्द जोशी]]
[[चित्र:Puran-Chand-Joshi.jpeg|thumb|250px|पूरन चन्द जोशी]]
''पूरनचंद जोशी''' ''PuranChand Joshi'', जन्म- [[14 अप्रैल]], [[1907]], [[अल्मोड़ा|ज़िला अल्मोड़ा]], [[उत्तरांचल]]; मृत्यु- [[9 नवम्बर]], [[1980]], [[दिल्ली]]) स्वाधीनता सेनानी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक सदस्य थे।  वे कम्युनिटों के बीच पी.सी. जोशी के नाम से प्रसिद्ध थे। पूरन चन्द जोशी को सन [[1929]] में मेरठ षड्यंत्र केस में सज़ा भी हुई थी। वे सन [[1936]] में कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव बने थे तथा सन [[1951]] में [[इलाहाबाद]] से 'इण्डिया टुडे' पत्रिका निकाली थी। पी. सी. जोशी ने कम्युनिस्ट आंदोलन के संबंध में अनेक पुस्तकें लिखी थीं। ये कई बार जेल भी गये थे।<ref name="a">{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय चरित कोश|लेखक=लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय'|अनुवादक=|आलोचक=|प्रकाशक=शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली|संकलन=भारतकोश पुस्तकालय |संपादन=|पृष्ठ संख्या=475|url=}}</ref>
''पूरनचंद जोशी''' ''PuranChand Joshi'', जन्म- [[14 अप्रैल]], [[1907]], [[अल्मोड़ा|ज़िला अल्मोड़ा]], [[उत्तरांचल]]; मृत्यु- [[9 नवम्बर]], [[1980]], [[दिल्ली]]) स्वाधीनता सेनानी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक सदस्य थे।  वे कम्युनिटों के बीच पी.सी. जोशी के नाम से प्रसिद्ध थे। पूरन चन्द जोशी को सन [[1929]] में मेरठ षड्यंत्र केस में सज़ा भी हुई थी। वे सन [[1936]] में कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव बने थे तथा सन [[1951]] में [[इलाहाबाद]] से 'इण्डिया टुडे' पत्रिका निकाली थी। पी. सी. जोशी ने कम्युनिस्ट आंदोलन के संबंध में अनेक पुस्तकें लिखी थीं। ये कई बार जेल भी गये थे।<ref name="a">{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय चरित कोश|लेखक=लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय'|अनुवादक=|आलोचक=|प्रकाशक=शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली|संकलन=भारतकोश पुस्तकालय |संपादन=|पृष्ठ संख्या=475|url=}}</ref>
==जन्म एवं परिचय==
==जन्म एवं परिचय==

Revision as of 11:29, 28 October 2016

thumb|250px|पूरन चन्द जोशी पूरनचंद जोशी' PuranChand Joshi, जन्म- 14 अप्रैल, 1907, ज़िला अल्मोड़ा, उत्तरांचल; मृत्यु- 9 नवम्बर, 1980, दिल्ली) स्वाधीनता सेनानी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक सदस्य थे। वे कम्युनिटों के बीच पी.सी. जोशी के नाम से प्रसिद्ध थे। पूरन चन्द जोशी को सन 1929 में मेरठ षड्यंत्र केस में सज़ा भी हुई थी। वे सन 1936 में कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव बने थे तथा सन 1951 में इलाहाबाद से 'इण्डिया टुडे' पत्रिका निकाली थी। पी. सी. जोशी ने कम्युनिस्ट आंदोलन के संबंध में अनेक पुस्तकें लिखी थीं। ये कई बार जेल भी गये थे।[1]

जन्म एवं परिचय

पूरंनचंद्र जोशी का जन्म 14 अप्रैल, 1907 ई. को उत्तरांचल के अल्मोड़ा में हुआ था। पी. सी. जोशी ने एम.ए और कानून की परीक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पास की थी। वे कुछ समय तक उसी विश्वविद्यालय मे इतिहास के अध्यापक भी रहे थे।

कम्युनिस्ट आंदोलन

विद्यार्थी जीवन में ही पी. सी. जोशी कम्युनिस्ट आंदोलन के संपर्क में आ गए थे। गोपनीय गतिविधियों में उनके संलग्न रहने की सूचना मिलने पर गिरफ्तार कर लिए गये थे। मेरठ षड़्यंत्र केस 1929 में पूरनचंद्र जोशी पर भी मुकदमा चला और 1933 तक वे जेल में बंद रहे थे। बाहर आने पर जब कम्युनिस्ट पार्टी का भारत में केंद्रीय संगठन बना तो पी. सी. जोशी उसके महासचिव बनाए गए थे। 1935 की कम्युनिस्ट इंटरनेशनल के निश्चयों की पृष्ठभूमि में, देश के स्वतंत्रता संग्राम के लिए प्रयत्नाशील संगठन के सहारे अपनी संगठनात्मक शक्ति में वृद्धि करने के उद्देश्य से भारत के कम्युनिस्ट भी कांग्रेस संगठन में सम्मिलित हो गए थे। साथ ही पूरनचंद्र जोशी ने श्रमिकों के किसानों के और विद्यार्थियों के भी अलग संगठन बनाए थे। पी.सी.जोशी का इन सबमें अग्रणी योगदान था।[1]

कांग्रेस संगठन से निकाला

द्वितीय विश्वयुद्ध आरंभ होने पर पहले प्रमुख कम्युनिस्ट भी गिरफ्तार कर लिए गए थे। ब्रिटेन आदि के साथ रूस भी युद्ध में सम्मिलित हुआ तो कम्युनिस्टों की नीति बदल गई थी। पूरनचंद्र जोशी ब्रिटिश सरकार का विरोध करने के स्थान पर उसका समर्थन करने लगे थे और जेलों से बाहर तो पूरनचंद्र जोशी की अंग्रेज़ परस्त नीति को देखते हुए कम्युनिस्टों को कांग्रेस से निकाल दिया गया था। स्वतंत्रता के बाद पी. सी. जोशी कांग्रेस सरकारों का समर्थन करने के पक्ष में थे। इस पर उन्हें महामंत्री पद से ही नहीं, कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्यता से भी हटा दिया गया था , यद्यपि 1951 में वे फिर पार्टी के सदस्य बना लिए थे।

कृतियाँ

पी. सी. जोशी ने कम्युनिस्ट आंदोलन के संबंध में अनेक पुस्तकें लिखीं थी। वे कुछ वर्षों तक पार्टी के मुख पत्र ‘न्यू एज’ के संपादक भी रहे थे । सांस्कृतिक क्षेत्र में ‘इंडियन पीपुल्स थिएटर ऐसोसिएसन’ (इप्ट) की स्थापना में भी उनका प्रमुख हाथ था।[1]

निधन

पूरंनचंद्र जोशी का निधन 9 नवम्बर, 1980, दिल्ली में हुआ था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 475 |

संबंधित लेख

  1. REDIRECTसाँचा:स्वतन्त्रता सेनानी