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'''असद भोपाली''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Asad Bhopali'', जन्म: [[10 जुलाई]], [[1921]], [[भोपाल]]; मृत्यु: [[9 जून]], [[1990]]), बॉलीवुड के एक गीतकार और शायर  थे। उन्हें ऐसे गीतकार में शुमार किया जाता है, जिन्होंने फ़िल्म इंडस्ट्री में 40 साल तक का लंबा संघर्ष किया। उन्हें फ़िल्म 'मैंने प्यार किया' के लिए लिखे गीत 'कबूतर जा जा जा' के लिए प्रतिष्ठित फ़िल्मफेयर पुरस्कार मिला।
{{सूचना बक्सा जॉन अब्राहम}}
'''जॉन अब्राहम''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''John Abraham'', जन्म: [[17 दिसंबर]], [[1972]], [[केरल|केरला]]) भारतीय फ़िल्म अभिनेता होने के साथ साथ फ़िल्म निर्माता भी है। वह फ़िल्मी दुनिया में आने से पहले माॅडल थे। कई विज्ञापनों और कंपनियों के लिए माॅडलिंग कर चुके है, जॉन अब्राहम अपनी अच्छी बॉडी की वजह से भी जाने जाते हैं।<ref>{{cite web |url=https://www.filmibeat.com/celebs/john-abraham.html |title=John Abraham |accessmonthday=18 जुलाई |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=www.filmibeat.com |language=हिंदी}}</ref>
==परिचय==
==परिचय==
{{मुख्य|असद भोपाली का जीवन परिचय}}
{{मुख्य|जॉन अब्राहम का जीवन परिचय}}
असद भोपाली का जन्म 10 जुलाई, 1921 को भोपाल के इतवारा इलाके में पैदा हुए थे। उनका वास्तविक नाम असदुल्लाह खान था। उनके पिता मुंशी अहमद खाँ  भोपाल के आदरणीय व्यक्तियों में शुमार थे। वे एक शिक्षक थे और बच्चों को [[अरबी भाषा|अरबी]]-[[फ़ारसी भाषा|फारसी]] पढ़ाया करते थे। पूर्व राष्ट्रपति [[शंकरदयाल शर्मा]] भी उनके शिष्यों में से एक थे। वो घर में ही बच्चों को पढ़ाया करते थे, इसीलिए असद भी अरबी-फारसी के साथ-साथ [[उर्दू]] में भी महारत हासिल कर पाए, जो उनकी शायरी और गीतों में हमेशा झलकती रही। उनके पास शब्दों का खज़ाना था। एक ही अर्थ के बेहिसाब शब्द हुआ करते थे उनके पास। इसलिए उनके जानने वाले संगीतकार उन्हें गीत लिखने की मशीन कहा करते थे।<ref>{{cite web |url=http://radioplaybackindia.blogspot.in/2015/11/14.html |title=असद भोपाली |accessmonthday=13 जुलाई |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=radioplaybackindia.blogspot.in |language=हिंदी }}</ref>
जॉन अब्राहम का जन्म 17 दिसंबर 1972 को केरला में हुआ था। उनके पिता [[मलयाली भाषा|मलयाली]] और उनकी मां [[गुजराती भाषा|गुजराती]] हैं। उनके पिता का नाम अब्राहम जॉन है, जो की वास्तुकार (आर्किटेक्ट) हैं। उनकी मां का नाम फिरोजा ईरानी है। जॉन ने अपने जीवन का ज्यादातर वक्त अपनी मां के साथ ही बिताया है और वे काफी अच्छी गुजराती भी बोलते हैं। जॉन का [[पारसी]] नाम फरहान है, वहीं उनके पिता के क्रिश्यिन होने क नाते उन्होंने उनका नाम जॉन रखा। उनकी एक बहन भी है जिनका नाम सूसी मैथ्यू है और उनका एक छोटा भाई भी है आलन अब्राहम।
;जेल यात्रा
====शिक्षा====
असद भोपाली को शायरी का शौक़ किशोरावस्था से ही था। उस दौर में जब कवियों और शायरों ने आज़ादी की लड़ाई में अपनी कलम से योगदान किया था, उस दौर में उन्हें भी अपनी क्रान्तिकारी लेखनी के कारण जेल की हवा खानी पड़ी थी। आज़ादी की लड़ाई में हर वर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया था। इनमें साहित्यकारों की भी भूमिका रही है। असद भोपाली ने एक बुद्धिजीवी के रूप में इस लड़ाई में अपना योगदान किया था। क्रान्तिकारी लेखनी के कारण अँग्रेजी सरकार ने उन्हें जेल में बन्द कर दिया था। ये और बात है कि अँग्रेज़ जेलर भी उनकी 'गालिबी' के प्रशंसक हो गये थे। जेल से छूटने के बाद असद मुशायरों में हिस्सा लेते रहे। 
जॉन अब्राहम ने अपनी स्कूल की पढ़ाई बांबे स्काॅटिश स्कूल, [[मुंबई]] से की। उसके बाद स्नातक जय हिंद कॉलेज से प्राप्त की। जॉन ने मुंबई एजुकेशन ट्रस्ट से एम.बी.ए भी किया है।
==कॅरियर==
====विवाह====
{{मुख्य|असद भोपाली का फ़िल्मी कॅरियर}}
जॉन अब्राहम का [[2003]] में 'जिस्म' फ़िल्म की शूटिंग के दौरान अपनी को-स्टार बिपाशा बसु से अफेयर शुरू हुआ, तब से लेकर [[2011]] तक वह डेट करते रहे, दोनों के रिलेशन इतना अच्छा था की भारतीय मीडिया ने उन्हें सुपरकपल तक करार दिया। हालाँकि 2011 मे दोनों का ब्रेकप हो गया। उसके बाद जॉन ने [[1 जनवरी]], [[2014]] को एन.आर.आई और इंस्वेस्टमेंट बैंकर प्रिया रूंचाल से शादी कर ली।
[[1940]] के अंतिम दौर में मशहूर फ़िल्म निर्माता फजली ब्रादर्स 'दुनिया' नामक फ़िल्म बना रहे थे। फ़िल्म के गीत मशहूर शायर आरजू लखनवी लिख रहे थे, लेकिन दो गीत लिखने के बाद वे पाकिस्तान चले गए। बाद में [[एस. एच. बिहारी]], सरस्वती कुमार दीपक और तालिब इलाहाबादी ने भी उसके गीत लिखे। मगर, फजली बंधु और निदेशक एस. एफ. हसनैन लगातार नए गीतकार की तलाश कर रहे थे। इसी मकसद से उन्होंने [[5 मई]], [[1949]] को भोपाल टॉकिज में मुशायरे का आयोजन किया। असद भोपाली ने भी उसमें भाग लिया और अपने कलाम से महफिल लूट ली साथ ही फजली बंधुओं का दिल भी। फिर क्या था, अगले दिन भोपाल-भारत टॉकिज के मैनेजर सैयद मिस्बाउद्दीन साहब के जरिए असद को पांच सौ रुपए का एडवांस देकर फ़िल्म 'दुनिया' के लिए बतौर गीतकार साइन कर लिया गया। कुछ दिन बाद असद बंबई रवाना हो गए। 'दुनिया' उनकी पहली फ़िल्म थी। संगीतकार थे सी. रामचन्द्र और मुख्य भूमिकाओं में करण दीवान, [[सुरैया]], और याकूब जैसे महान कलाकार थे। इस फ़िल्म का गीत “अरमान लुटे दिल टूट गया...” लोकप्रिय भी हुआ था।<ref>{{cite web |url=http://vinitutpal.blogspot.in/2010/09/blog-post_27.html |title=असद भोपाली |accessmonthday=13 जुलाई |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=vinitutpal.blogspot.in |language=हिंदी }}</ref>
==फ़िल्मी सफ़र==
{{मुख्य|जॉन अब्राहम का फ़िल्मी सफ़र}}
असद भोपाली की पहली फ़िल्म बहुत बड़े बजट की 'अफसाना' थी, जिसमें [[अशोक कुमार]], [[प्राण]] आदि थे। सालों साल तक वह एन.के. दत्ता, हंसराज बहल, रवि, सोनिक ओमी, ऊषा खन्ना, [[लक्ष्मीकांत प्यारेलाल]] आदि संगीतकारों के साथ करते रहे। इस तरह असद भोपाली के फ़िल्मी सफर की शुरुआत हुई। 'दुनिया' के दो गीत 'अरमान लुटे, दिल टूट गया..' और 'रोना है तो चुपके-चुपके रो..' उन्होंने ही लिखे, लेकिन उन्हें ख्याति न दिला पाये। हालांकि काम मिलता गया लेकिन पहचान न मिली। उन्होंने हुस्नलाल-भगतराम के साथ फ़िल्म 'आधी रात' में दो ही गीत लिखे और दोनों को आवाज [[लता मंगेशकर]] ने दी। वो गीत थे- 'दिल ही तो है तड़प गया..' और 'इधर तो आओ मेरी सरकार..'।
;मॉडलिंग कॅरियर की शुरुआत
 
जॉन ने अपने मॉडलिंग कॅरियर की शुरूआात पंजाबी गायक जैजी बी के गाने ‘सूरमा’ के म्यूजिक वीडियो से की, इसके बाद उन्होंने एक मीडिया फर्म टाइम एंड स्पेस मीडिया एंटरटनमेंट प्रोमोशन्स लिमिटेड को ज्वाइन किया, जो कि बाद में आर्थिक तंगी की वजह से बंद हो गया। इसके बाद में उन्होंने एंटरप्राइजेज-नेक्सस के लिए मीडिया प्लानर के तौर पर काम किया। [[1999]] में उन्होंने 'ग्लैडरैग्स मैनहंट कान्टेस्ट' जीता और इसके बाद वे मैनहंट इंटरनेशनल के लिए फिलीपींस गए, जहाँ वे सेकेंड रनर-अप रहे थे। बाद में जॉन ने हांगकांग, [[लंदन]] और न्यूयार्क में माॅडलिंग की। फिर वे कई विज्ञापनों में भी दिखाई दिए और मशहूर गायकों के म्यूजिक वीडियोंज में भी दिखाई दिए, जिसमें पंकज उदास, हंस राज हंस और बाबुल सुप्रियो जैसे प्रसिद्ध गायक शामिल हैं। अभिनय की गुर सीखने के लिए उन्होंने किशोर नमित कपूर के स्कूल से एक्टिंग कोर्स पूरा किया।
[[बी. आर. चोपड़ा]] की फ़िल्म 'अफसाना' में 'वो आए बहारें लाए, बजी शहनाई..', 'कहां है तू मेरे सपनों के राजा', 'वो पास भी रहकर पास नहीं' आदि लिखा। असद भोपाली उस वक्त बंबई पहुंचे जब फ़िल्म संगीत में नया मोड़ आ रहा था। [[शंकर-जयकिशन]] की पहली फ़िल्म 'बरसात' भी इसी साल रिलीज हुई। [[1963]] में लक्ष्मीकांत- प्यारेलाल की पहली रिलीज फ़िल्म 'पारसमणि' का सबसे हिट गीत 'हंसता हुआ नूरानी चेहरा..' भी असद भोपाली का ही लिखा हुआ था। इसी फ़िल्म के गीत 'मेरे दिल में हल्की सी जो खलिश है.' और 'वो जब याद आए..' भी इन्होंने ही लिखे थे। [[1964]] की फ़िल्म 'आया तूफान' के सारे गीत हिट रहे, जो असद भोपाली ने लिखे थे। [[1965]] की फ़िल्म 'हम सब उस्ताद है', में सफलता की वही कहानी दोहराई गई। संगीतकार रवि के साथ काम करने के दौरान असद भोपाली ने सदाबहार गीत 'ऐ मेरे दिले नादां.', 'मै खुशनसीब हूं..' लिखा। [[29 दिसम्बर]], [[1989]] को जब 'मैने प्यार किया' बंबई में रिलीज हुई, तो फ़िल्म के सभी गीतों ने देशभर में धूम मचा दी। उन्हें साल के बेहतरीन गीतकार का फ़िल्मफेयर अवार्ड भी दिया गया, लेकिन उसे लेने वह नहीं जा सके। 40 साल के अरसे में करीब 100 फ़िल्मों के लिए असद साहब ने 400 गीत लिखे।
====फ़िल्मी कॅरियर====
==निधन==
जॉन ने अभिनय कॅरियर की शुरूआत 2003 में फ़िल्म 'जिस्म' से की, जो कि एक थ्रिलर फ़िल्म थी, जिसमें इनके साथ बिपाशा बासु ने अभिनय किया। हालाँकि फ़िल्म कोई खास धमाल नही मचा पाई और बॉक्स ऑफ़िस पर औसत रही थी। उनकी अगली फ़िल्में 'साया', 'पाप' और 'लकीर-फोर्बिडन लाइन्स' थी। इसके बाद वे सूपर हिट फ़िल्म 'धूम' में दिखाई दिए, जिसमें वे निगेटिव किरदार में थे और चोर की भूमिका निभाई थी। इस फ़िल्म में उनके काम की तारीफ भी हुई। यह फ़िल्म उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करनेे वाली फ़िल्मों में से एक थी। और इसी फ़िल्म की सफलता के बाद जॉन अब्राहम बेहतरीन अभिनेता के तौर मे पहचाने जाने लगे। इसके बाद उन्होंने सुपरनैचुरल फ़िल्म 'काल' और काॅमेडी फ़िल्म 'गरम मसाला' में काम किया। दोनों फ़िल्मों ने बाॅक्स आॅफ़िस पर अच्छा कारोबार किया। इसके बाद उन्होंने उसी साल फ़िल्म 'वाटर' में काम किया जिसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी सराहना मिली और [[2006]] के 79वें अकेडमी अवॉर्ड के लिए बेस्ट फाॅरेन लैंग्वेज फ़िल्म के अकेडमी अवार्ड के लिए भी नामांकित हुई। जॉन अब्राहम को फ़िल्म 'फोर्स' में बेहतरीन अभिनय करने के बाद हॉलीवुड फ़िल्मों का भी ऑफ़र मिला, जिसमें वे एक एक्सन हीरो के रोल मे थे, जिसे दर्शको ने खूब पसंद किया।
[[1990]] में असद को उनके द्वारा फ़िल्म 'मैंने प्यार किया' के लिए लिखे गीत 'कबूतर जा जा जा' के लिए प्रतिष्ठित फ़िल्मफेयर पुरस्कार दिया गया, हालांकि, तब तक वह पक्षाघात होने से अपाहिज हो गये थे और वह उसे लेने नहीं जा सके। [[9 जून]], [[1990]] को उनका निधन हो गया।
====समाज सेवक====
लोकप्रिय गीत
वैसे जॉन अब्राहम एक अच्छे अभिनेता के साथ-साथ कई सामाजिक अभिप्रायों के साथ भी जुड़े हुए हैं और नौजवानों को भी इस मानवता के उधार के काम करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। वह मुंबई के मशहूर लीलावती अस्पताल से भी जुड़े हुए थे, जहाँ उन्होंने अस्पताल के फंड के लिए 10 लाख रुपए का चेक दान दिया था। [[जनवरी]], [[2009]] में जॉन अपनी समाज सेवक गतिविधियों को एक नए स्तर पर ले गए और मुंबई मैराथन में उन्होंने भारतीय प्रतिष्ठित हस्तियों के एक समूह का नेतृत्व किया, यह कार्यक्रम उन्होंने यूनाइटेड वे की सहायता के लिए किया।
==असद भोपाली द्वारा लिखे कुछ लोकप्रिय गीत==
==प्रसिद्ध फ़िल्में==
{{मुख्य|असद भोपाली के लोकप्रिय गीत}}
{{मुख्य|जॉन अब्राहम का मुख्य फ़िल्में}}
*दिल दीवाना बिन सजना के माने ना - मैंने प्यार किया
जॉन ने अपने अभिनय कॅरियर की शुरूआत [[2003]] में फ़िल्म 'जिस्म' से की, जो कि एक थ्रिलर फ़िल्म थी। इसके बाद उन्होंने 'साया', 'ऐतबार', 'पाप', 'लकीर- फाॅरबिडेन लाइंस', 'धूम', 'ऐलान', 'करम', 'काल', 'विरूद्ध', 'वाटर', 'गरम मसाला', 'जिंदा', 'टैक्सी नं 9211', 'बाबुल', 'काबुल एक्सप्रेस', 'सलाम-ए-इश्कः एट्रिब्यूट टू लव', 'दोस्ताना',' न्यूयार्क', 'सात खून माफ', 'फोर्स', 'देसी ब्वायज', 'हाउसफुल2', 'रेस2', 'शूटआउट एट वडाला', 'मद्रास कैफे', 'वेलकम बॅक', 'फोर्स 2', 'वज़ीर', रॉकी हैंडसम।
*कबूतर जा जा जा - मैने प्यार किया
*हम तुम से जुदा होक - एक सपेरा एक लुटेरा
*दिल का सूना साज़ - एक नारी दो रूप
*ऐ मेरे दिल-ए-नादां तू ग़म से न घबराना - टॉवर हाउस
*दिल की बातें दिल ही जाने - रूप तेरा मस्ताना
*हसीन दिलरुबा करीब आ ज़रा - रूप तेरा मस्ताना
*अजनबी तुम जाने पहचाने से लगते हो - हम सब उस्ताद हैं
*इना मीना डीका दाई डम नीका - आशा
*वो जब याद आये बहुत याद आये - पारसमणि
*हम कश्म-ए कशे गम से गुज़र क्यों नही जाते – फ्री लव
*प्यार बांटते चलो - हम सब उस्ताद हैं
* सुनो जाना सुनो जाना - हम सब उस्ताद हैं
* हंसता हुआ नूरानी चेहरा- पारसमणि
* मैने कह था आना संडे को – उस्तादों के उस्ताद
* पजामा तंग है कुर्ता ढीला - शिमला रोड
*आप की इनायतें आप के करम - वंदना

Revision as of 13:01, 18 July 2017

कविता बघेल 7
पूरा नाम जॉन अब्राहम
अन्य नाम फरहान
जन्म 17 दिसंबर, 1972
जन्म भूमि केरल
अभिभावक पिता- अब्राहम जॉन और माता- फिरोजा ईरानी
पति/पत्नी प्रिया रूंचाल
कर्म भूमि मुम्बई
कर्म-क्षेत्र सिनेमा जगत
मुख्य फ़िल्में 'जिस्म', 'साया', 'ऐतबार', 'पाप', 'लकीर- फॉरबिडेन लाइंस', 'धूम', 'ऐलान', 'करम', 'काल', 'विरुद्ध' आदि
शिक्षा एम.बी.ए.
विद्यालय मुंबई एजुकेशन ट्रस्ट
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी जॉन अब्राहम अच्छे अभिनेता के साथ-साथ कई सामाजिक अभिप्रायों के साथ भी जुड़े हुए हैं। उन्होंने मुम्बई के मशहूर 'लीलावती अस्पताल' के फंड के लिए 10 लाख रुपए का चेक दान दिया था।
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जॉन अब्राहम (अंग्रेज़ी: John Abraham, जन्म: 17 दिसंबर, 1972, केरला) भारतीय फ़िल्म अभिनेता होने के साथ साथ फ़िल्म निर्माता भी है। वह फ़िल्मी दुनिया में आने से पहले माॅडल थे। कई विज्ञापनों और कंपनियों के लिए माॅडलिंग कर चुके है, जॉन अब्राहम अपनी अच्छी बॉडी की वजह से भी जाने जाते हैं।[1]

परिचय

जॉन अब्राहम का जन्म 17 दिसंबर 1972 को केरला में हुआ था। उनके पिता मलयाली और उनकी मां गुजराती हैं। उनके पिता का नाम अब्राहम जॉन है, जो की वास्तुकार (आर्किटेक्ट) हैं। उनकी मां का नाम फिरोजा ईरानी है। जॉन ने अपने जीवन का ज्यादातर वक्त अपनी मां के साथ ही बिताया है और वे काफी अच्छी गुजराती भी बोलते हैं। जॉन का पारसी नाम फरहान है, वहीं उनके पिता के क्रिश्यिन होने क नाते उन्होंने उनका नाम जॉन रखा। उनकी एक बहन भी है जिनका नाम सूसी मैथ्यू है और उनका एक छोटा भाई भी है आलन अब्राहम।

शिक्षा

जॉन अब्राहम ने अपनी स्कूल की पढ़ाई बांबे स्काॅटिश स्कूल, मुंबई से की। उसके बाद स्नातक जय हिंद कॉलेज से प्राप्त की। जॉन ने मुंबई एजुकेशन ट्रस्ट से एम.बी.ए भी किया है।

विवाह

जॉन अब्राहम का 2003 में 'जिस्म' फ़िल्म की शूटिंग के दौरान अपनी को-स्टार बिपाशा बसु से अफेयर शुरू हुआ, तब से लेकर 2011 तक वह डेट करते रहे, दोनों के रिलेशन इतना अच्छा था की भारतीय मीडिया ने उन्हें सुपरकपल तक करार दिया। हालाँकि 2011 मे दोनों का ब्रेकप हो गया। उसके बाद जॉन ने 1 जनवरी, 2014 को एन.आर.आई और इंस्वेस्टमेंट बैंकर प्रिया रूंचाल से शादी कर ली।

फ़िल्मी सफ़र

मॉडलिंग कॅरियर की शुरुआत

जॉन ने अपने मॉडलिंग कॅरियर की शुरूआात पंजाबी गायक जैजी बी के गाने ‘सूरमा’ के म्यूजिक वीडियो से की, इसके बाद उन्होंने एक मीडिया फर्म टाइम एंड स्पेस मीडिया एंटरटनमेंट प्रोमोशन्स लिमिटेड को ज्वाइन किया, जो कि बाद में आर्थिक तंगी की वजह से बंद हो गया। इसके बाद में उन्होंने एंटरप्राइजेज-नेक्सस के लिए मीडिया प्लानर के तौर पर काम किया। 1999 में उन्होंने 'ग्लैडरैग्स मैनहंट कान्टेस्ट' जीता और इसके बाद वे मैनहंट इंटरनेशनल के लिए फिलीपींस गए, जहाँ वे सेकेंड रनर-अप रहे थे। बाद में जॉन ने हांगकांग, लंदन और न्यूयार्क में माॅडलिंग की। फिर वे कई विज्ञापनों में भी दिखाई दिए और मशहूर गायकों के म्यूजिक वीडियोंज में भी दिखाई दिए, जिसमें पंकज उदास, हंस राज हंस और बाबुल सुप्रियो जैसे प्रसिद्ध गायक शामिल हैं। अभिनय की गुर सीखने के लिए उन्होंने किशोर नमित कपूर के स्कूल से एक्टिंग कोर्स पूरा किया।

फ़िल्मी कॅरियर

जॉन ने अभिनय कॅरियर की शुरूआत 2003 में फ़िल्म 'जिस्म' से की, जो कि एक थ्रिलर फ़िल्म थी, जिसमें इनके साथ बिपाशा बासु ने अभिनय किया। हालाँकि फ़िल्म कोई खास धमाल नही मचा पाई और बॉक्स ऑफ़िस पर औसत रही थी। उनकी अगली फ़िल्में 'साया', 'पाप' और 'लकीर-फोर्बिडन लाइन्स' थी। इसके बाद वे सूपर हिट फ़िल्म 'धूम' में दिखाई दिए, जिसमें वे निगेटिव किरदार में थे और चोर की भूमिका निभाई थी। इस फ़िल्म में उनके काम की तारीफ भी हुई। यह फ़िल्म उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करनेे वाली फ़िल्मों में से एक थी। और इसी फ़िल्म की सफलता के बाद जॉन अब्राहम बेहतरीन अभिनेता के तौर मे पहचाने जाने लगे। इसके बाद उन्होंने सुपरनैचुरल फ़िल्म 'काल' और काॅमेडी फ़िल्म 'गरम मसाला' में काम किया। दोनों फ़िल्मों ने बाॅक्स आॅफ़िस पर अच्छा कारोबार किया। इसके बाद उन्होंने उसी साल फ़िल्म 'वाटर' में काम किया जिसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी सराहना मिली और 2006 के 79वें अकेडमी अवॉर्ड के लिए बेस्ट फाॅरेन लैंग्वेज फ़िल्म के अकेडमी अवार्ड के लिए भी नामांकित हुई। जॉन अब्राहम को फ़िल्म 'फोर्स' में बेहतरीन अभिनय करने के बाद हॉलीवुड फ़िल्मों का भी ऑफ़र मिला, जिसमें वे एक एक्सन हीरो के रोल मे थे, जिसे दर्शको ने खूब पसंद किया।

समाज सेवक

वैसे जॉन अब्राहम एक अच्छे अभिनेता के साथ-साथ कई सामाजिक अभिप्रायों के साथ भी जुड़े हुए हैं और नौजवानों को भी इस मानवता के उधार के काम करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। वह मुंबई के मशहूर लीलावती अस्पताल से भी जुड़े हुए थे, जहाँ उन्होंने अस्पताल के फंड के लिए 10 लाख रुपए का चेक दान दिया था। जनवरी, 2009 में जॉन अपनी समाज सेवक गतिविधियों को एक नए स्तर पर ले गए और मुंबई मैराथन में उन्होंने भारतीय प्रतिष्ठित हस्तियों के एक समूह का नेतृत्व किया, यह कार्यक्रम उन्होंने यूनाइटेड वे की सहायता के लिए किया।

प्रसिद्ध फ़िल्में

जॉन ने अपने अभिनय कॅरियर की शुरूआत 2003 में फ़िल्म 'जिस्म' से की, जो कि एक थ्रिलर फ़िल्म थी। इसके बाद उन्होंने 'साया', 'ऐतबार', 'पाप', 'लकीर- फाॅरबिडेन लाइंस', 'धूम', 'ऐलान', 'करम', 'काल', 'विरूद्ध', 'वाटर', 'गरम मसाला', 'जिंदा', 'टैक्सी नं 9211', 'बाबुल', 'काबुल एक्सप्रेस', 'सलाम-ए-इश्कः एट्रिब्यूट टू लव', 'दोस्ताना',' न्यूयार्क', 'सात खून माफ', 'फोर्स', 'देसी ब्वायज', 'हाउसफुल2', 'रेस2', 'शूटआउट एट वडाला', 'मद्रास कैफे', 'वेलकम बॅक', 'फोर्स 2', 'वज़ीर', रॉकी हैंडसम।

  1. John Abraham (हिंदी) www.filmibeat.com। अभिगमन तिथि: 18 जुलाई, 2017।