प्रयोग:दीपिका3: Difference between revisions
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-अविभाज्यता | -अविभाज्यता | ||
+जनसंख्या | +जनसंख्या | ||
||संप्रभुता के कानूनी सिद्धांत के अंतर्गत संप्रभुता की निम्न विशेषताएं निर्धारित की गई हैं- 1.पूर्णता (Absoluteness) | ||संप्रभुता के कानूनी सिद्धांत के अंतर्गत संप्रभुता की निम्न विशेषताएं निर्धारित की गई हैं- 1.पूर्णता (Absoluteness) 2.सार्वभौमता (Universality) 3.अदेयता (Inalienability) 4.स्थायित्व ( Permanence) 5.अविभाज्यता (Indivisibility)। | ||
{व्यवहारवाद प्रेरणा लेता है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-35, प्रश्न-28 | {व्यवहारवाद प्रेरणा लेता है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-35, प्रश्न-28 | ||
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-[[फ्रांस]] | -[[फ्रांस]] | ||
||[[संयुक्त राज्य अमेरिका]] में नागरिक सेवा (सिविल सर्विसेज) की शुरुआत वर्ष 1871 में हुई। 19वीं सदी के शुरुआती दौर में उच्च सरकारी पदों पर नियुक्तियां राष्ट्रपति की इच्छा तथा आज्ञा से होती थीं तथा नियुक्त नौकरशाहों को किसी भी समय सेवामुक्त कर दिया जाता था। नौकरशाही की इस लूट प्रणाली को राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त करने के उद्देश्य से उपयोग किया गया। इसी समस्या के समाधनार्थ पेंडलेटन सिविल सेवा सुधार अधिनियम, 1883 तथा हैच अधिनियम, 1939 बना। | ||[[संयुक्त राज्य अमेरिका]] में नागरिक सेवा (सिविल सर्विसेज) की शुरुआत वर्ष 1871 में हुई। 19वीं सदी के शुरुआती दौर में उच्च सरकारी पदों पर नियुक्तियां राष्ट्रपति की इच्छा तथा आज्ञा से होती थीं तथा नियुक्त नौकरशाहों को किसी भी समय सेवामुक्त कर दिया जाता था। नौकरशाही की इस लूट प्रणाली को राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त करने के उद्देश्य से उपयोग किया गया। इसी समस्या के समाधनार्थ पेंडलेटन सिविल सेवा सुधार अधिनियम, 1883 तथा हैच अधिनियम, 1939 बना। | ||
{निम्न में से कौन-सा युग्म गलत है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-196,प्रश्न-23 | |||
|type="()"} | |||
-फ्रांस-संवैधानिक परिषद | |||
-स्विट्जरलैंड- लैंड्सजीमाइंड | |||
-चीन- केंद्रीय सैन्य आयोग | |||
+अमरीका- एक बार स्पीकर, सदैव स्पीकर | |||
||[[फ्रांस]] में संवैधानिक परिषद को सर्वोच्च संवैधानिक अधिकारिता प्राप्त है। स्विट्जरलैंड में लैंड्सजीमाइंड (कैंटोनल असेंबली) प्रत्यक्ष लोकतंत्र का एक प्राचीनतम प्रकार है। केंद्रीय सैन्य आयोग का गठन, 18 जून, 1983 को चीन में किया गया। अमेरिका में स्पीकर का चुनाव बहुमत द्वारा होता है, एक बार स्पीकर, सदैव स्पीकर नहीं होता है। | |||
{'इंट्रोडक्शन टू दि स्टडी ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन' पुस्तक के लेखक हैं- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-203,प्रश्न-19 | |||
|type="()"} | |||
-आर.आर. माहेश्वरी | |||
-ए.पी. शर्मा | |||
+एल.डी. व्हाइट | |||
-वुड्रो विल्सन | |||
||'इंट्रोडक्शन टू दि स्टडी ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन' पुस्तक के लेखक लेनॉर्ड डी. व्हाइट हैं। यह पुस्तक उनके मृत्यु वर्ष 1958 में प्रकाशित हुई ज्प उनके सहयोगी जीन श्निडर (Jean schneider) द्वारा प्रकाशित की गई। | |||
{"संकल्प न कि शक्ति राज्य का आधार है" किसने कहा था? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-12,प्रश्न-44 | |||
|type="()"} | |||
-[[प्लेटो]] | |||
+ग्रीन | |||
-हॉब्स | |||
-मैकियावेली | |||
||राज्य का आधार व्यक्तियों की सामाजिक और जन-कल्याणकारी इच्छा है। ग्रीन के अनुसार, "राज्य शक्ति नहीं, वरन् मानवीय इच्छा पर आधारित होता है"। व्यक्ति राज्य की आज्ञाओं का पालन स्वयं अथवा भय के कारण नहीं वरन् अपनी स्वाभाविक प्रवृति के कारण करते हैं। | |||
{कौन-सा सिद्धांत एकतत्त्ववादी संप्रभुता विरोधी है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-25,प्रश्न-19 | |||
|type="()"} | |||
-समाजवाद | |||
+बहुलवाद | |||
-व्यक्तिवाद | |||
-उदारवाद | |||
||प्रभुसत्ता के एकतत्त्ववादी या एकलवादी सिद्धांत के अनुसार, प्रभुसत्ता राज्य का सारभूत और अनिवार्य लक्षण है। इसके बिना कोई समाज राज्य का रूप धारण नहीं कर सकता, जबकि बहुलवादी (Pluralists) विचारधारा के अनुसार राज्य की रचना हेतु प्रभुसत्ता अनिवार्य नहीं है। | |||
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Revision as of 11:15, 23 January 2018
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