पर्यटन दिवस: Difference between revisions

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आज विश्व पर्यटन दिवस है। विश्व पर्यटन दिवस हर साल [[27 सितंबर]] को मनाया जाता है। विश्व में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए [[1980]] से संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व पर्यटन दिवस आयोजित करने की शुरूआत 27 सितम्बर को की तब से आज तक निरंतर विश्व पर्यटन दिवस सभी विश्व के संगठन के देश मनाते चले आ रहे हैं।
आज विश्व पर्यटन दिवस है। विश्व पर्यटन दिवस हर साल [[27 सितंबर]] को मनाया जाता है। विश्व में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए [[1980]] से संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व पर्यटन दिवस आयोजित करने की शुरूआत 27 सितम्बर को की थी, तब से आज तक निरंतर विश्व पर्यटन दिवस सभी विश्व के संगठन के देश मनाते चले आ रहे हैं।
==समुदाय को जागरूक==
==समुदाय को जागरूक==
इस दिन के लिए 27 सितंबर का दिन चुना गया क्योंकि इसी दिन 1970 में विश्व पर्यटन संगठन का संविधान स्वीकार किया गया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा हर साल विश्व पर्यटन दिवस की विषय-वस्तु तय करती है। विश्व पर्यटन दिवस को मनाने का मुख्य मक़सद पर्यटन और उसके सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक व आर्थिक मूल्यों के प्रति विश्व समुदाय को जागरूक करना है।
इस दिन के लिए 27 सितंबर का दिन चुना गया क्योंकि इसी दिन [[1970]] में विश्व पर्यटन संगठन का संविधान स्वीकार किया गया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा हर साल विश्व पर्यटन दिवस की विषय-वस्तु तय करती है। विश्व पर्यटन दिवस को मनाने का मुख्य मक़सद पर्यटन और उसके सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक व आर्थिक मूल्यों के प्रति विश्व समुदाय को जागरूक करना है।
==उद्देश्य==
==उद्देश्य==
विश्व पर्यटन दिवस का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना और पर्यटन के द्वारा अपने देश की आय को बढ़ाना है। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर एक राष्ट्र को मेज़बान राष्ट्र घोषित किया जाता है जो कि जीवोग्राफिकल आर्डर पर होता है। विश्व पर्यटन दिवस का मेज़बान 2006 में यूरो, 2007 में दक्षिण एशिया, 2008 में अमेरिका और 2009 में अफ्रीका को बनाया गया था। इस तरह पूरे विश्व के देशों में पर्यटन को बढ़ावा देने वाला कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। जिनमें सामाजिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक कार्यक्रम शामिल हैं।
विश्व पर्यटन दिवस का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना और पर्यटन के द्वारा अपने देश की आय को बढ़ाना है। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर एक राष्ट्र को मेज़बान राष्ट्र घोषित किया जाता है जो कि जीवोग्राफिकल आर्डर पर होता है। विश्व पर्यटन दिवस का मेज़बान [[2006]] में [[यूरो]], [[2007]] में [[दक्षिण एशिया]], [[2008]] में [[अमेरिका]] और [[2009]] में अफ़्रीका को बनाया गया था। इस तरह पूरे विश्व के देशों में पर्यटन को बढ़ावा देने वाला कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। जिनमें सामाजिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक कार्यक्रम शामिल हैं।
==योजनाएं==
==योजनाएँ==
भारत के प्रति विश्व के पर्यटकों की संख्या देश में निरंतर आई आर्थिक मंदी एवं ताज बम काण्ड जैसे धमाके होने के बावज़ूद कम नहीं हुई है। भारत में विदेशी सैलानियों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न शहरों में अलग-अलग योजनाएं लागू की गयीं। पर्यटन उद्यम की आय में देश में कायम शांति से बढ़ावा हुआ है और इससे जुड़े उद्यम समूहों में होटल समूह की तादाद काफ़ी है।
[[भारत]] के प्रति विश्व के पर्यटकों की संख्या देश में निरंतर आई आर्थिक मंदी एवं ताज बम काण्ड जैसे धमाके होने के बावज़ूद कम नहीं हुई है। भारत में विदेशी सैलानियों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न शहरों में अलग-अलग योजनाएँ लागू की गयीं हैं। पर्यटन उद्यम की आय में देश में कायम शांति से बढ़ावा हुआ है और इससे जुड़े उद्यम समूहों में होटल समूह की तादाद काफ़ी है।
==पैलेस ऑन व्हील्स==
==पैलेस ऑन व्हील्स==
पैलेस ऑन व्हील्स को देश की शाही सैलानी रेलगाड़ी का तीसरा हॉस्पिटेलिटी इंडिया इंटरनेशनल अवार्ड दिया गया है। राजस्थान पर्यटन विकास निगम का यह पहियों पर राजमहल दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर भारत का नाम रोशन करने वाला माना गया है। पैलेस ऑन व्हील्स की लोकप्रियता इतनी है कि इसमें 2010 की बुकिंग हो चुकी है। अब एक और पैलेस ऑन व्हील्स शुरू किए जाने की योजना है। इसमें पर्यटकों के लिए पहली से भी ज्यादा सुख-सुविधाएं होंगी।
पैलेस ऑन व्हील्स को देश की शाही सैलानी रेलगाड़ी का तीसरा हॉस्पिटेलिटी इंडिया इंटरनेशनल अवार्ड दिया गया है। [[राजस्थान पर्यटन]] विकास निगम का यह पहियों पर राजमहल दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर भारत का नाम रोशन करने वाला माना गया है। पैलेस ऑन व्हील्स की लोकप्रियता इतनी है कि इसमें [[2010]] की बुकिंग हो चुकी है। अब एक और पैलेस ऑन व्हील्स शुरू किए जाने की योज़ना है। इसमें पर्यटकों के लिए पहली से भी ज्यादा सुख-सुविधाऐं होंगी।
==अतुल्य भारत अभियान==
==अतुल्य भारत अभियान==
भारतीय पर्यटन विभाग ने सितम्बर 2002 में 'अतुल्य भारत' नाम से एक नया अभियान शुरू किया था। इस अभियान का उद्देश्य भारतीय पर्यटन को वैश्विक मंच पर प्रमोट करना था। सरकार और एक्सपीरियेंस इंडिया सोसायटी ने शुरुआती चरण के पहले तीन माह का खर्च वहन किया था। यह संस्था ट्रैवेल एजेंट्स से जुड़ी हुई है। इस अभियान के तहत हिमालय, वन्य जीव, योग और आयुर्वेद पर अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी का ध्यान खींचा गया। देश के पर्यटन क्षेत्र के लिए इस अभियान से संभावनाओं के नए द्वार खुले।
भारतीय पर्यटन विभाग ने सितम्बर [[2002]] में 'अतुल्य भारत' नाम से एक नया अभियान शुरू किया था। इस अभियान का उद्देश्य भारतीय पर्यटन को वैश्विक मंच पर प्रमोट करना था। सरकार और एक्सपीरियेंस इंडिया सोसायटी ने शुरुआती चरण के पहले तीन माह का खर्च वहन किया था। यह संस्था ट्रैवेल एजेंट्स से जुड़ी हुई है। इस अभियान के तहत हिमालय, वन्य जीव, योग और आयुर्वेद पर अंतर्राष्ट्रीय समूह का ध्यान खींचा गया। देश के पर्यटन क्षेत्र के लिए इस अभियान से संभावनाओं के नए द्वार खुले हैं।


देश की पर्यटन क्षमता को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करने वाला अपने किस्म का यह पहला प्रयास था। पर्यटन के क्षेत्र में विकास इसके पहले राज्य सरकारों के अधीन हुआ करता था। राज्यों में समन्वय के स्तर पर भी बहुत थोड़े प्रयास दिखते थे। देश के द्वार विदेशी सैलानियों के लिए खोलने का काम यदि सही और सटीक मार्केटिंग ने किया तो हवाई अड्डों से पर्यटन स्थलों की बेहतर कनैक्टीविटी ने पर्यटन क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज सैलानी पर्यटन के लिहाज से सुदूर स्थलों की सैर भी आसानी से कर सकते हैं। निजी क्षेत्रों की विमान कंपनियों को देश में उड़ान भरने की इजाजत ने भी महती भूमिका अदा की है।
देश की पर्यटन क्षमता को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करने वाला अपने किस्म का यह पहला प्रयास था। पर्यटन के क्षेत्र में विकास इसके पहले राज्य सरकारों के अधीन हुआ करता था। राज्यों में समन्वय के स्तर पर भी बहुत थोड़े प्रयास दिखते थे। देश के द्वार विदेशी सैलानियों के लिए खोलने का काम यदि सही और सटीक मार्केटिंग ने किया तो हवाई अड्डों से पर्यटन स्थलों की बेहतर कनैक्टीविटी ने पर्यटन क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज सैलानी पर्यटन के लिहाज से सुदूर स्थलों की सैर भी आसानी से कर सकते हैं। निजी क्षेत्रों की विमान कंपनियों को देश में उड़ान भरने की इजाज़त ने भी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है।
==उल्लेखनीय प्रगति==
==उल्लेखनीय प्रगति==
भारत में केवल गोवा, केरल, राजस्थान, उड़ीसा और मध्यप्रदेश में ही पर्यटन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई है, बल्कि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पर्यटन को भी अच्छा लाभ पहुँचा है। हिमाचल प्रदेश में पिछले वर्ष 6.5 मिलियन पर्यटक गए थे। यह आंकड़ा राज्य की कुल आबादी के लगभग बराबर बैठता है। इन पर्यटकों में से 2.04 लाख पर्यटक विदेशी थे। आंकड़ों के लिहाज से देखें तो प्रदेश ने अपेक्षा से कहीं अधिक सफल प्रदर्शन किया।
भारत में केवल [[गोवा]], [[केरल]], [[राजस्थान]], [[उड़ीसा]] और [[मध्यप्रदेश]] में ही पर्यटन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई है, बल्कि [[उत्तराखंड]], [[हिमाचल प्रदेश]], [[उत्तर प्रदेश]], [[झारखंड]], [[आंध्र प्रदेश]] और [[छत्तीसगढ़]] के पर्यटन को भी अच्छा लाभ पहुँचा है। हिमाचल प्रदेश में पिछले वर्ष 6.5 मिलियन पर्यटक गए थे। यह आंकड़ा राज्य की कुल आबादी के लगभग बराबर बैठता है। इन पर्यटकों में से 2.04 लाख पर्यटक विदेशी थे। आंकड़ों के लिहाज से देखें तो प्रदेश ने अपेक्षा से कहीं अधिक सफल प्रदर्शन किया।


==खूबियाँ==
==ख़ूबियाँ==
भारत विश्व के पांच शीर्ष पर्यटक स्थलों में से एक है। विश्व पर्यटन संगठन और वर्ल्ड टूरिज्म एण्ड ट्रैवल काउन्सिल तथा पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणीय संगठनों ने भारतीय पर्यटन को सबसे ज्यादा तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्र के रूप मे बताया है।  
भारत विश्व के पाँच शीर्ष पर्यटक स्थलों में से एक है। विश्व पर्यटन संगठन और वर्ल्ड टूरिज्म एण्ड ट्रैवल काउन्सिल तथा पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणीय संगठनों ने भारतीय पर्यटन को सबसे ज़्यादा तेज़ी से विकसित हो रहे क्षेत्र के रूप मे बताया है।  
भारतीय पर्यटन की कुछ खूबियाँ इस प्रकार हैं-
भारतीय पर्यटन की कुछ ख़ूबियाँ इस प्रकार हैं-
*कोन्डे नास्त ट्रैवलर पुस्तिका के पाठकों के अनुसार कि भारत का हैल्थ स्पाट विश्व के सर्वश्रेष्ठ हेल्थ स्पाट स्थलों में से एक है।  
*कोन्डे नास्त ट्रैवलर पुस्तिका के पाठकों के अनुसार कि भारत का हैल्थ स्पाट विश्व के सर्वश्रेष्ठ हेल्थ स्पाट स्थलों में से एक है।  
*विश्व पर्यटन संगठन ने भारतीय पर्यटन को सर्वाधिक तेजी से यानि 8.8 फीसदी वार्षिक की दर से विकसित हो रहे उद्योग के रूप में घोषित किया है।  
*विश्व पर्यटन संगठन ने भारतीय पर्यटन को सर्वाधिक तेज़ी से यानि 8.8 फ़ीसदी वार्षिक की दर से विकसित हो रहे उद्योग के रूप में घोषित किया है।  
*पर्यटन देश का तीसरा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाला उद्योग है। 2004 में पर्यटन से 21 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक की आय हुई।  
*पर्यटन देश का तीसरा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाला उद्योग है। [[2004]] में पर्यटन से 21 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक की आय हुई।  
*देश की कुल श्रम शक्ति में से 6 प्रतिशत को पर्यटन में रोजगार मिला हुआ है। पर्यटन उद्योग की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों मे रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं।  
*देश की कुल श्रम शक्ति में से 6 प्रतिशत को पर्यटन में रोज़गार मिला हुआ है। पर्यटन उद्योग की सबसे बड़ी ख़ूबी यह है कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों मे रोज़गार के अवसर पैदा हुए हैं।  
*सीआईआई-मैकिन्से रिपोर्ट के अनुसार चिकित्सा पर्यटन से देश में 2012 तक 10 हजार करोड़ रुपए तक की विदेशी मुद्रा आ सकती है।
*भारत के विशाल तथा ख़ूबसूरत तटीय क्षेत्र, अछूते वन, शान्त द्वीप समूह, वास्तुकला की प्राचीन, ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक परम्परा, रंगमंच तथा कलाकेन्द्र पश्चिम के पर्यटकों के लिए ख़ूबसूरत आकर्षण के केन्द्र बन सकते हैं।  
*भारत के विशाल तथा खूबसूरत तटीय क्षेत्र, अछूते वन, शान्त द्वीप समूह, वास्तुकला की प्राचीन, ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक परम्परा, रंगमंच तथा कलाकेन्द्र पश्चिम के पर्यटकों के लिए खूबसूरत आकर्षण के केन्द्र बन सकते हैं।  
*विदेशी पर्यटकों के प्रति आत्मीयता दर्शाने के लिए सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम 'अतिथि देवो भव:' शुरू किया गया है।  
*विदेशी पर्यटकों के प्रति आत्मीयता दर्शाने के लिए सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम अतिथि देवो भव शुरू किया गया है।  
 
 


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Revision as of 09:35, 23 September 2010

आज विश्व पर्यटन दिवस है। विश्व पर्यटन दिवस हर साल 27 सितंबर को मनाया जाता है। विश्व में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 1980 से संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व पर्यटन दिवस आयोजित करने की शुरूआत 27 सितम्बर को की थी, तब से आज तक निरंतर विश्व पर्यटन दिवस सभी विश्व के संगठन के देश मनाते चले आ रहे हैं।

समुदाय को जागरूक

इस दिन के लिए 27 सितंबर का दिन चुना गया क्योंकि इसी दिन 1970 में विश्व पर्यटन संगठन का संविधान स्वीकार किया गया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा हर साल विश्व पर्यटन दिवस की विषय-वस्तु तय करती है। विश्व पर्यटन दिवस को मनाने का मुख्य मक़सद पर्यटन और उसके सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक व आर्थिक मूल्यों के प्रति विश्व समुदाय को जागरूक करना है।

उद्देश्य

विश्व पर्यटन दिवस का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना और पर्यटन के द्वारा अपने देश की आय को बढ़ाना है। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर एक राष्ट्र को मेज़बान राष्ट्र घोषित किया जाता है जो कि जीवोग्राफिकल आर्डर पर होता है। विश्व पर्यटन दिवस का मेज़बान 2006 में यूरो, 2007 में दक्षिण एशिया, 2008 में अमेरिका और 2009 में अफ़्रीका को बनाया गया था। इस तरह पूरे विश्व के देशों में पर्यटन को बढ़ावा देने वाला कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। जिनमें सामाजिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक कार्यक्रम शामिल हैं।

योजनाएँ

भारत के प्रति विश्व के पर्यटकों की संख्या देश में निरंतर आई आर्थिक मंदी एवं ताज बम काण्ड जैसे धमाके होने के बावज़ूद कम नहीं हुई है। भारत में विदेशी सैलानियों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न शहरों में अलग-अलग योजनाएँ लागू की गयीं हैं। पर्यटन उद्यम की आय में देश में कायम शांति से बढ़ावा हुआ है और इससे जुड़े उद्यम समूहों में होटल समूह की तादाद काफ़ी है।

पैलेस ऑन व्हील्स

पैलेस ऑन व्हील्स को देश की शाही सैलानी रेलगाड़ी का तीसरा हॉस्पिटेलिटी इंडिया इंटरनेशनल अवार्ड दिया गया है। राजस्थान पर्यटन विकास निगम का यह पहियों पर राजमहल दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर भारत का नाम रोशन करने वाला माना गया है। पैलेस ऑन व्हील्स की लोकप्रियता इतनी है कि इसमें 2010 की बुकिंग हो चुकी है। अब एक और पैलेस ऑन व्हील्स शुरू किए जाने की योज़ना है। इसमें पर्यटकों के लिए पहली से भी ज्यादा सुख-सुविधाऐं होंगी।

अतुल्य भारत अभियान

भारतीय पर्यटन विभाग ने सितम्बर 2002 में 'अतुल्य भारत' नाम से एक नया अभियान शुरू किया था। इस अभियान का उद्देश्य भारतीय पर्यटन को वैश्विक मंच पर प्रमोट करना था। सरकार और एक्सपीरियेंस इंडिया सोसायटी ने शुरुआती चरण के पहले तीन माह का खर्च वहन किया था। यह संस्था ट्रैवेल एजेंट्स से जुड़ी हुई है। इस अभियान के तहत हिमालय, वन्य जीव, योग और आयुर्वेद पर अंतर्राष्ट्रीय समूह का ध्यान खींचा गया। देश के पर्यटन क्षेत्र के लिए इस अभियान से संभावनाओं के नए द्वार खुले हैं।

देश की पर्यटन क्षमता को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करने वाला अपने किस्म का यह पहला प्रयास था। पर्यटन के क्षेत्र में विकास इसके पहले राज्य सरकारों के अधीन हुआ करता था। राज्यों में समन्वय के स्तर पर भी बहुत थोड़े प्रयास दिखते थे। देश के द्वार विदेशी सैलानियों के लिए खोलने का काम यदि सही और सटीक मार्केटिंग ने किया तो हवाई अड्डों से पर्यटन स्थलों की बेहतर कनैक्टीविटी ने पर्यटन क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज सैलानी पर्यटन के लिहाज से सुदूर स्थलों की सैर भी आसानी से कर सकते हैं। निजी क्षेत्रों की विमान कंपनियों को देश में उड़ान भरने की इजाज़त ने भी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है।

उल्लेखनीय प्रगति

भारत में केवल गोवा, केरल, राजस्थान, उड़ीसा और मध्यप्रदेश में ही पर्यटन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई है, बल्कि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पर्यटन को भी अच्छा लाभ पहुँचा है। हिमाचल प्रदेश में पिछले वर्ष 6.5 मिलियन पर्यटक गए थे। यह आंकड़ा राज्य की कुल आबादी के लगभग बराबर बैठता है। इन पर्यटकों में से 2.04 लाख पर्यटक विदेशी थे। आंकड़ों के लिहाज से देखें तो प्रदेश ने अपेक्षा से कहीं अधिक सफल प्रदर्शन किया।

ख़ूबियाँ

भारत विश्व के पाँच शीर्ष पर्यटक स्थलों में से एक है। विश्व पर्यटन संगठन और वर्ल्ड टूरिज्म एण्ड ट्रैवल काउन्सिल तथा पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणीय संगठनों ने भारतीय पर्यटन को सबसे ज़्यादा तेज़ी से विकसित हो रहे क्षेत्र के रूप मे बताया है। भारतीय पर्यटन की कुछ ख़ूबियाँ इस प्रकार हैं-

  • कोन्डे नास्त ट्रैवलर पुस्तिका के पाठकों के अनुसार कि भारत का हैल्थ स्पाट विश्व के सर्वश्रेष्ठ हेल्थ स्पाट स्थलों में से एक है।
  • विश्व पर्यटन संगठन ने भारतीय पर्यटन को सर्वाधिक तेज़ी से यानि 8.8 फ़ीसदी वार्षिक की दर से विकसित हो रहे उद्योग के रूप में घोषित किया है।
  • पर्यटन देश का तीसरा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाला उद्योग है। 2004 में पर्यटन से 21 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक की आय हुई।
  • देश की कुल श्रम शक्ति में से 6 प्रतिशत को पर्यटन में रोज़गार मिला हुआ है। पर्यटन उद्योग की सबसे बड़ी ख़ूबी यह है कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों मे रोज़गार के अवसर पैदा हुए हैं।
  • भारत के विशाल तथा ख़ूबसूरत तटीय क्षेत्र, अछूते वन, शान्त द्वीप समूह, वास्तुकला की प्राचीन, ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक परम्परा, रंगमंच तथा कलाकेन्द्र पश्चिम के पर्यटकों के लिए ख़ूबसूरत आकर्षण के केन्द्र बन सकते हैं।
  • विदेशी पर्यटकों के प्रति आत्मीयता दर्शाने के लिए सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम 'अतिथि देवो भव:' शुरू किया गया है।


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