गणेश जी की आरती: Difference between revisions
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<poem>जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा । | <poem>जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा । | ||
माता जा की पार्वती, पिता महादेवा ॥ | माता जा की पार्वती, पिता महादेवा ॥ | ||
एकदन्त दयावन्त चार भुजाधारी | एकदन्त दयावन्त चार भुजाधारी | ||
माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी ।| | माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी ।| | ||
अन्धन को आँख देत, कोढ़िन को काया| | अन्धन को आँख देत, कोढ़िन को काया| | ||
बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ।| | बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ।| | ||
पान चढ़े फल चढ़े और चढ़े मेवा | पान चढ़े फल चढ़े और चढ़े मेवा | ||
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा ॥ | लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा ॥ | ||
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जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ॥</poem> | जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ॥</poem> | ||
'''दोहा''' | '''दोहा''' | ||
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पूरण चालीसा भयो मंगल मूर्ति गणेश॥ | पूरण चालीसा भयो मंगल मूर्ति गणेश॥ | ||
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Revision as of 10:11, 1 April 2010
श्री गणेशजी की आरती / Ganesh Arti
thumb|250|गणेश
Ganesha
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ।
माता जा की पार्वती, पिता महादेवा ॥
एकदन्त दयावन्त चार भुजाधारी
माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी ।|
अन्धन को आँख देत, कोढ़िन को काया|
बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ।|
पान चढ़े फल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा ॥
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जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ॥
दोहा
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पूरण चालीसा भयो मंगल मूर्ति गणेश॥