ग्रसनी: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) m (श्रेणी:नया पन्ना; Adding category Category:मानव शरीर (को हटा दिया गया हैं।)) |
शिल्पी गोयल (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Pharynx) ग्रसनी [[आहारनाल]] का अंग होते हैं। ग्रसनी [[मुखग्रासन गुहिका]] का पिछला छोटा भाग होता है। इसके पृष्ठ भाग को नासाग्रसनी तथा आहार भाग को मुखग्रसनी कहते हैं। नासाग्रसनी ग्लॉटिस द्वारा श्वासनली में खुलती हैं घाटी द्वार पर उपास्थि का बना एपीग्लॉटिस होता है। भोजन निगलते समय एपीग्लॉटिस ग्लॉटिस को ढँक लेता है, जिससे भोजन [[ग्रासनली]] में प्रविष्ट नहीं होता है। | ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Pharynx) '''{{PAGENAME}}''' अधिकांश जीव जंतुओं के शरीर का आवश्यक अंग हैं। इस लेख में मानव शरीर से सबंधित उल्लेख है। ग्रसनी [[आहारनाल]] का अंग होते हैं। ग्रसनी [[मुखग्रासन गुहिका]] का पिछला छोटा भाग होता है। इसके पृष्ठ भाग को नासाग्रसनी तथा आहार भाग को मुखग्रसनी कहते हैं। नासाग्रसनी ग्लॉटिस द्वारा श्वासनली में खुलती हैं घाटी द्वार पर उपास्थि का बना एपीग्लॉटिस होता है। भोजन निगलते समय एपीग्लॉटिस ग्लॉटिस को ढँक लेता है, जिससे भोजन [[ग्रासनली]] में प्रविष्ट नहीं होता है। | ||
मुखग्रसनी गुहिका ग्रसिका द्वारा ग्रासनली में खुलती है। | मुखग्रसनी गुहिका ग्रसिका द्वारा ग्रासनली में खुलती है। |
Revision as of 07:17, 27 November 2010
(अंग्रेज़ी:Pharynx) ग्रसनी अधिकांश जीव जंतुओं के शरीर का आवश्यक अंग हैं। इस लेख में मानव शरीर से सबंधित उल्लेख है। ग्रसनी आहारनाल का अंग होते हैं। ग्रसनी मुखग्रासन गुहिका का पिछला छोटा भाग होता है। इसके पृष्ठ भाग को नासाग्रसनी तथा आहार भाग को मुखग्रसनी कहते हैं। नासाग्रसनी ग्लॉटिस द्वारा श्वासनली में खुलती हैं घाटी द्वार पर उपास्थि का बना एपीग्लॉटिस होता है। भोजन निगलते समय एपीग्लॉटिस ग्लॉटिस को ढँक लेता है, जिससे भोजन ग्रासनली में प्रविष्ट नहीं होता है।
मुखग्रसनी गुहिका ग्रसिका द्वारा ग्रासनली में खुलती है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ