प्रयोग:Janmejay7: Difference between revisions
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<poem>आज जाने की ज़िद न करो | |||
यूँही पहलू में बैठे रहो | |||
हाय, मर जायेंगे | |||
हम तो लुट जायेंगे | |||
ऐसी बातें किया न करो | |||
तुम ही सोचो ज़रा, क्यों न रोकें तुम्हें? | |||
जान जाती है जब उठ के जाते हो तुम | |||
तुमको अपनी क़सम जान-ए-जाँ | |||
बात इतनी मेरी मान लो | |||
आज जाने की... | |||
वक़्त की क़ैद में ज़िंदगी है मगर | |||
चंद घड़ियाँ यही हैं जो आज़ाद हैं | |||
इनको खोकर मेरी, जान-ए-जाँ | |||
उम्र भर न तरसते रहो | |||
आज जाने की... | |||
कितना मासूम रंगीन है ये समा | |||
हुस्न और इश्क़ की आज मेराज<ref>यहाँ पर अर्थ है 'मिलन'। ([[इस्लाम]] की मान्यता के अनुसार मुहम्मद साहब का आसमान पर जाकर ईश्वर-साक्षात्कार करने को 'मेराज' (मिअराज) कहा गया)। अरबी में इसका अर्थ है 'सीढ़ी'</ref> है | |||
कल की किसको ख़बर जान-ए-जाँ | |||
रोक लो आज की रात को | |||
आज जाने की... | |||
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Revision as of 08:15, 22 April 2011
आज जाने की ज़िद न करो
यूँही पहलू में बैठे रहो
हाय, मर जायेंगे
हम तो लुट जायेंगे
ऐसी बातें किया न करो
तुम ही सोचो ज़रा, क्यों न रोकें तुम्हें?
जान जाती है जब उठ के जाते हो तुम
तुमको अपनी क़सम जान-ए-जाँ
बात इतनी मेरी मान लो
आज जाने की...
वक़्त की क़ैद में ज़िंदगी है मगर
चंद घड़ियाँ यही हैं जो आज़ाद हैं
इनको खोकर मेरी, जान-ए-जाँ
उम्र भर न तरसते रहो
आज जाने की...
कितना मासूम रंगीन है ये समा
हुस्न और इश्क़ की आज मेराज[1] है
कल की किसको ख़बर जान-ए-जाँ
रोक लो आज की रात को
आज जाने की...