शनिदेव जी की आरती: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 15: | Line 15: | ||
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥ जय..</poem></span></blockquote> | विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥ जय..</poem></span></blockquote> | ||
==संबंधित लेख== | |||
{{आरती स्तुति स्त्रोत}} | |||
[[Category:आरती_स्तुति_स्त्रोत]] | |||
[[Category:हिन्दू धर्म कोश]] | |||
}} | |||
[[Category: | |||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
Revision as of 06:38, 4 January 2011
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी॥ जय..
श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥ जय..
क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥ जय..
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥ जय..
देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥ जय..
संबंधित लेख
- REDIRECT साँचा:आरती स्तुति स्तोत्र