रूपक अलंकार: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('जिस जगह उपमेय पर उपमान का आरोप किया जाए, उसे रूपक अलं...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
Line 4: Line 4:
अम्बर-पनघट में डुबों रही, तारा-घट उषा नागरी।
अम्बर-पनघट में डुबों रही, तारा-घट उषा नागरी।


यहाँ अम्बर में पनघट, तारा में घट तथा उषा में नागरी का अभेद कथन है।
*यहाँ पर अम्बर में पनघट, तारा में घट तथा उषा में नागरी का अभेद कथन है।


{{लेख प्रगति
{{लेख प्रगति

Revision as of 11:45, 4 January 2011

जिस जगह उपमेय पर उपमान का आरोप किया जाए, उसे रूपक अलंकार कहा जाता है, यानी उपमेय और उपमान में कोई अन्तर न दिखाई पड़े।[1]

उदाहरण

बीती विभावरी जाग री। अम्बर-पनघट में डुबों रही, तारा-घट उषा नागरी।

  • यहाँ पर अम्बर में पनघट, तारा में घट तथा उषा में नागरी का अभेद कथन है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अलंकार (हिन्दी) (एच टी एम एल) हिन्दीकुंज। अभिगमन तिथि: 4 मई, 2011