हुलासखेड़ा: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "महत्वपूर्ण" to "महत्त्वपूर्ण") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति") |
||
Line 4: | Line 4: | ||
*हुलासखेड़ा से जो गुप्तकालीन अवशेष प्राप्त हुए है, उनमें दुर्ग के भग्नावशेष, ताँबे और चाँदी के सिक्के, गुप्तलिपि में लिखी कुछ मुहरें, हाथीदाँत की कंघी, मुहरछापे, 17 छड़ों वाली लोहे की अण्डाकार वस्तु इत्यादि प्रमुख हैं। | *हुलासखेड़ा से जो गुप्तकालीन अवशेष प्राप्त हुए है, उनमें दुर्ग के भग्नावशेष, ताँबे और चाँदी के सिक्के, गुप्तलिपि में लिखी कुछ मुहरें, हाथीदाँत की कंघी, मुहरछापे, 17 छड़ों वाली लोहे की अण्डाकार वस्तु इत्यादि प्रमुख हैं। | ||
{{प्रचार}} | |||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार=आधार1 | |आधार=आधार1 |
Revision as of 13:42, 10 January 2011
- हुलासखेड़ा उत्तर प्रदेश में लखनऊ में स्थित है।
- यहाँ से कुषाणकाल से गुप्तकाल तक के भौतिक अवशेष मिले है, जिनसे पता चलता हैं, कि पाँचवी शताब्दी ईस्वी तक हुलासखेड़ा एक नगर था।
- यहाँ से प्राप्त कुषाणकालीन अवशेषों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण 200 मीटर लम्बी सड़क, सुनियोजित जल निकासी-व्यवस्था, कार्तिकेय की स्वर्णप्रतिमा, चाँदी के आहत सिक्के और तीन कुषाण नरेशों के ताम्र सिक्के हैं।
- हुलासखेड़ा से जो गुप्तकालीन अवशेष प्राप्त हुए है, उनमें दुर्ग के भग्नावशेष, ताँबे और चाँदी के सिक्के, गुप्तलिपि में लिखी कुछ मुहरें, हाथीदाँत की कंघी, मुहरछापे, 17 छड़ों वाली लोहे की अण्डाकार वस्तु इत्यादि प्रमुख हैं।
|
|
|
|
|