सहकारी समिति: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "कामयाब" to "क़ामयाब") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति") |
||
Line 9: | Line 9: | ||
* [http://www.im4change.org/hindi/%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A5%82%E0%A4%9C-%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A5%8D/%E0%A4%86%EF%BF%BD%EF%BF%BD%E0%A4%BF%EF%BF%BD%EF%BF%BD%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A4%B9%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%AC%EF%BF%BD%EF%BF%BD%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%97%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%B0%E0%A4%A4-2753.html im4change.org] | * [http://www.im4change.org/hindi/%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A5%82%E0%A4%9C-%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A5%8D/%E0%A4%86%EF%BF%BD%EF%BF%BD%E0%A4%BF%EF%BF%BD%EF%BF%BD%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A4%B9%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%AC%EF%BF%BD%EF%BF%BD%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%97%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%B0%E0%A4%A4-2753.html im4change.org] | ||
{{प्रचार}} | |||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार=आधार1 | |आधार=आधार1 |
Revision as of 13:52, 10 January 2011
32px | यह पन्ना सहकारी समिति लेख के संबंध में प्रकाशित समाचार ही दर्शाता है। इस प्रकार के समाचार भारतकोश पर अनेक लेखों के शीर्षक चुनने में सहायक होते हैं। यह लेख की आधार अवस्था है। इसे प्रगति की ओर ले जाने का कार्य प्रारम्भ किया जाना है। आप भी इसमें सहायता कर सकते हैं। |
समाचार
गुरुवार, 4 नवम्बर, 2010
आदिवासी सहकारी समितियों की बदलेगी सूरत
किसानों व ग्रामीण इलाकों में कर्ज देने वाली प्राथमिक कृषि कर्ज समितियाँ और आदिवासी सहकारी समितियाँ शीघ्र ही मजबूत संस्थानों के तौर पर काम करने लगेंगी। केंद्र सरकार इन समितियों को सीमित आधार वाले मजबूत वित्तीय संस्थानों में तब्दील करने पर विचार कर रही है, ताकि दूर-दराज के इलाकों व बेहद पिछड़े वर्ग में तेजी से बैंकिंग सेवा पहुंचाई जा सके। वित्तीय संस्थान में तब्दील होने पर इन समितियों के काम करने का दायरा बढ़ेगा। ये तमाम बैंकिंग उत्पाद भी बेच सकेंगी। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इस बारे में भारतीय रिजर्व बैंक, नाबार्ड और कुछ राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों को मिलाकर एक समिति गठित की गई है। यह समिति देश में कृषि ऋण समितियों (पीएसी), बड़ी आदिवासी बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों (एलएएमपी), किसान सेवा समितियों (एफएसएस) के काम करने के तरीके का अध्ययन कर रही है। देश में फिलहाल 220 ऐसी पीएसी, एलएएमपी या एफएसएस हैं, जो बेहद सफलता से काम कर रही हैं। सरकार इनकी क़ामयाबी को...
समाचार को विभिन्न स्त्रोतों पर पढ़ें
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ