ल्यूलिन धूमकेतु: Difference between revisions
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Revision as of 13:53, 20 January 2011
thumb|200px|right|ल्यूलिन धूमकेतु
Lulin Comet
ल्यूलिन ( Lulin ) धूमकेतु अजीब से हरे रंग से चमकने वाला खूबसूरत विरला धूमकेतु है, यह हरा रंग इस धूमकेतु के नाभिक से निकलने वाली जहरीली गैस सायानोजेन ( Cyanogen / CN ) और द्वि परमाणुवीय कार्बन ( Diatomic Carbon / C2 ) के कारण है जो लगभग शून्य जगह में, जब इन दोनो पर, सूरज की किरणे पड़ती हैं तो यह पदार्थ हरे रंग में चमकने लगते हैं। इसलिये यह हरा लगता है। यह गैस अंतरिक्ष में बृहस्पति ग्रह के आकार जितने क्षेत्र में फैली हुई हैं।
यह धरती की निकटतम दूरी 38 करोड़ मील तक 24 फरवरी 2009 को मध्यरात्रि के बाद दक्षिणी - पश्चिमी आकाश में लगभग 30 डिग्री पर ब्रह्म मूहूर्त में ( शनि से बस कुछ ही अंश / कोण पर सिंह राशि में ) यह हमारे सबसे करीब था ! जिसे हम दूरबीन से आसानी से देख सकते थे ! उस हम धूमकेतु का पूंछ वाले हिस्से को सबसे ज्यादा देख सकते थे !
thumb|300px|right|ल्यूलिन धूमकेतु का पथ
Pathway of Lulin Comet
इस पुच्छल तारे की खोज 2007 में चीन और कोरिया के खगोलशास्त्रियों संयुक्त रूप से खोजा था और औपचारिक रूप से इसे C / 2007 N 3 नामकरण दिया गया है ! इसका नाम कोरियन वेधशाला ल्यूलिन के नाम पर रखा गया है क्योंकि वहीं इसका सबसे पहले चित्र खींचा गया था। दरअसल लूलिन की खोज का श्रेय ये ( YE ) नामके एक किशोर को दिया जाता है जो चीन स्थित मौसम पूर्वानुमान विभाग सन याट सेन विश्विद्यालय का छात्र है जिसने एक ताईवानी खगोलविद चाई सेंग लिंग द्वारा लुलिन वेधशाला से गगन गगन चक्रमण ( स्काई पेट्रोलिंग ) के दौरान खींचे चित्र में इसे अन्तरिक्ष के निस्सीम विस्तार में से खोज लिया था !
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