पंच लांगन व्रत: Difference between revisions
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Revision as of 09:05, 21 March 2011
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- शिलाहारराज गण्डरादित्य[1] के ताम्रपत्र पर उल्लिखित, जो वैशाख में चन्द्र ग्रहण के अवसर पर किया गया था।[2]
- मत्स्य पुराण[3] में इसके विषय में विस्तार से लिखा हुआ है।
- किसी पवित्र तिथि या ग्रहण या युगादि तिथि पर भूमि खण्ड का दान, उसके साथ कठोर काष्ठ के पाँच हल एवं सोने के पाँच हल तथा 10 बैल भी दान में दिये जाते हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
अन्य संबंधित लिंक
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