कुवांशी: Difference between revisions
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Revision as of 06:50, 8 April 2011
- कुवांशी गुजरात के मोरवी शहर से 25किलो मीटर की दूरी पर स्थित एक छोटा सा गाँव है।
- कुवांशी ग्राम में 4,000 वर्ष पुरानी सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
- पुराविदों के अनुसार कुवांशी में सैन्धव सभ्यता के अवशेष व एक बन्दरगाह का पता चला है।
- लोथन बन्दरगाह से जहाँ मध्य-पूर्वी देशों के साथ व्यापार होता था,वहीं कुवांशी बन्दरगाह से पश्चिम एशिया और अफ़गानिस्तान के साथ सम्बन्ध थे।
- कुवांशी के मिट्टी के बर्तनों के अवशेष तथा खनिज पदार्थों से निर्मित सामग्री से स्पष्ट होता है कि सौराष्ट्र में हड़प्पा काल में हस्तकला एवं वास्तुकला का अच्छा विकास हुआ।
- यहाँ से सोने के आभूषण और नीलम भी प्राप्त हुई है, जो केवल अफ़गानिस्तान में ही मिलती थीं।
- पुराविदों की मान्यता है कि नीलमणि अफ़गानिस्तान से आयात की जाती होगी और तैयार माल को पश्चिम एशिया में भेजा जाता होगा।
- हाल ही में ओमान में रास-एल-जुनाएद के निकट करवाये गये उत्खनन में हड़प्पा युग की निर्मित सामग्री मिली हैं।
- यह अनुमान किया जाता कि बहुमूल्य धातुओं की मालाओं और मोतियों को कुवांशी में तैयार कर ओमान भेजा जाता होगा।
करना है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ