प्रेमचंद के अनमोल वचन: Difference between revisions
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[[चित्र:Premchand.jpg|link=प्रेमचंद|right|100px]] | [[चित्र:Premchand.jpg|link=प्रेमचंद|right|100px]] | ||
*कुल की प्रतिष्ठा भी विनम्रता और सदव्यवहार से होती है, हेकड़ी और रुआब दिखाने से नहीं। | |||
*दुखियारों को हमदर्दी के आँसू भी कम प्यारे नहीं होते। | *दुखियारों को हमदर्दी के आँसू भी कम प्यारे नहीं होते। | ||
*अनुराग, यौवन, रूप या धन से उत्पन्न नहीं होता। अनुराग, अनुराग से उत्पन्न होता है। | *अनुराग, यौवन, रूप या धन से उत्पन्न नहीं होता। अनुराग, अनुराग से उत्पन्न होता है। <ref>{{cite web |url=http://www.abhivyakti-hindi.org/vichar/amarvani3.htm |title=सूक्तियाँ |accessmonthday=[[14 अप्रॅल]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=अभिव्यक्ति |language=[[हिन्दी]] }}</ref> | ||
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