प्रयोग:Janmejay7: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
{{सूचना बक्सा गीत गज़ल
|चित्र= Farida-khanum.jpg
|चित्र का नाम=
|फ़िल्म=
|एलबम= ग़ज़ल पैकार
|गायक=
|गायिका= फ़रीदा ख़ानम
|शायर= फ़ैयाज़ हाशमी
|संगीतकार= सुहेल राणा
|गीतकार=
|अभिनेता=
|अभिनेत्री=
|वर्ष=
|संगीत कंपनी= एच.एम.वी
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=
|पाठ 1=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|अन्य जानकारी=
|बाहरी कड़ियाँ= [http://www.musicindiaonline.com/#/album/51-Urdu_Ghazals/10841-Ghazalpaikar/ आज जाने की ज़िद ना करो (म्यूज़िक इन्डिया ऑनलाइन)]
}}
<poem>आज जाने की ज़िद न करो
<poem>आज जाने की ज़िद न करो
यूँही पहलू में बैठे रहो
यूँही पहलू में बैठे रहो
Line 26: Line 48:
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://www.musicindiaonline.com/#/album/51-Urdu_Ghazals/10841-Ghazalpaikar/ आज जाने की ज़िद ना करो (म्यूज़िक इन्डिया ऑनलाइन)]
*[http://www.youtube.com/watch?v=XUVS91UGNO8 आज जाने की ज़िद ना करो (यू ट्यूब विडियो)]
*[http://www.youtube.com/watch?v=XUVS91UGNO8 आज जाने की ज़िद ना करो (यू ट्यूब विडियो)]
*[http://www.musicindiaonline.com/#/album/51-Urdu_Ghazals/10841-Ghazalpaikar/ आज जाने की ज़िद ना करो (म्यूज़िक इन्डिया ऑनलाइन)]
*[http://www.youtube.com/watch?v=WFzCnob0HKw  आज जाने की ज़िद ना करो 'क्लासिकल' (यू ट्यूब विडियो)]

Revision as of 12:35, 22 April 2011

एलबम ग़ज़ल पैकार
गायिका फ़रीदा ख़ानम
शायर फ़ैयाज़ हाशमी
संगीतकार सुहेल राणा
संगीत कंपनी एच.एम.वी
बाहरी कड़ियाँ आज जाने की ज़िद ना करो (म्यूज़िक इन्डिया ऑनलाइन)

आज जाने की ज़िद न करो
यूँही पहलू में बैठे रहो
हाय, मर जायेंगे
हम तो लुट जायेंगे
ऐसी बातें किया न करो

तुम ही सोचो ज़रा, क्यूँ न रोकें तुम्हें?
जान जाती है जब उठ के जाते हो तुम
तुमको अपनी क़सम जान-ए-जाँ
बात इतनी मेरी मान लो
आज जाने की...

वक़्त की क़ैद में ज़िंदगी है मगर
चंद घड़ियाँ यही हैं जो आज़ाद हैं
इनको खोकर मेरी, जान-ए-जाँ
उम्र भर न तरसते रहो
आज जाने की...

कितना मासूम रंगीन है ये समा
हुस्न और इश्क़ की आज मेराज[1] है
कल की किसको ख़बर जान-ए-जाँ
रोक लो आज की रात को
आज जाने की...

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. यहाँ पर अर्थ है 'मिलन'। (इस्लाम की मान्यता के अनुसार मुहम्मद साहब का आसमान पर जाकर ईश्वर-साक्षात्कार करने को 'मेराज' (मिअराज) कहा गया)। अरबी में इसका अर्थ है 'सीढ़ी'

बाहरी कड़ियाँ