मध्य प्रदेश के उद्योग: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('{{पुनरीक्षण}} मध्य प्रदेश ने इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स, दूरस...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
Line 9: Line 9:
खनिज उत्‍पादन के क्षेत्र में राज्‍य का विशिष्‍ट स्‍थान है। वर्ष 2005-06 में 5312.65 करोड़ रुपये के खनिजों का उत्‍पादन हुआ। राज्‍य में 21 तरह के खनिज निकाले जाते हैं। 2006 में डोलोमाइट का उत्‍पादन 128 हज़ार मीट्रिक टन, हीरे का उत्‍पादन 44149 हज़ार कैरेट और चूना पत्‍थर का 25865 हज़ार मीट्रिक टन, बॉक्‍साइट का उत्‍पादन 87 हज़ार मिलियन मीट्रिक टन, ताम्र अयस्‍क का उत्‍पादन 1706 हज़ार मिलियन मीट्रिक टन और कोयले का उत्‍पादन 54000 हज़ार मिलियन मीट्रिक टन रहा। यह राज्‍य चंदेरी और माहेश्‍वर के पारंपरिक हस्‍तशिल्‍प और हथकरघे से बने कपड़ों के लिए प्रसिद्ध है। मध्यप्रदेश के मंदसौर ज़िले में अवस्थित [[हिंगलाजगढ़]] परमार मूर्तिकला के विशिष्ट केन्द्र के रूप में प्रसिद्ध है।
खनिज उत्‍पादन के क्षेत्र में राज्‍य का विशिष्‍ट स्‍थान है। वर्ष 2005-06 में 5312.65 करोड़ रुपये के खनिजों का उत्‍पादन हुआ। राज्‍य में 21 तरह के खनिज निकाले जाते हैं। 2006 में डोलोमाइट का उत्‍पादन 128 हज़ार मीट्रिक टन, हीरे का उत्‍पादन 44149 हज़ार कैरेट और चूना पत्‍थर का 25865 हज़ार मीट्रिक टन, बॉक्‍साइट का उत्‍पादन 87 हज़ार मिलियन मीट्रिक टन, ताम्र अयस्‍क का उत्‍पादन 1706 हज़ार मिलियन मीट्रिक टन और कोयले का उत्‍पादन 54000 हज़ार मिलियन मीट्रिक टन रहा। यह राज्‍य चंदेरी और माहेश्‍वर के पारंपरिक हस्‍तशिल्‍प और हथकरघे से बने कपड़ों के लिए प्रसिद्ध है। मध्यप्रदेश के मंदसौर ज़िले में अवस्थित [[हिंगलाजगढ़]] परमार मूर्तिकला के विशिष्ट केन्द्र के रूप में प्रसिद्ध है।
*मध्‍य प्रदेश में निम्‍न स्‍तर का कोयला प्रचुर मात्रा में होता है, जो बिजली उत्‍पादन के अनुकूल है। पनबिजली उत्‍पादन की भी यहाँ अपार क्षमता है। यहाँ राज्‍य में वर्ष 2005-2006 में विद्युत उत्‍पादन की कुल स्‍थापित क्षमता 7934.85 मेगावाट थी। यहाँ 902.5 मेगावाट बिजली उत्‍पादन क्षमता के आठ पनबिजली केंद्र है। राज्‍य के 51,806 में से 50,475 गांवों में बिजली पहुंच चुकी है।
*मध्‍य प्रदेश में निम्‍न स्‍तर का कोयला प्रचुर मात्रा में होता है, जो बिजली उत्‍पादन के अनुकूल है। पनबिजली उत्‍पादन की भी यहाँ अपार क्षमता है। यहाँ राज्‍य में वर्ष 2005-2006 में विद्युत उत्‍पादन की कुल स्‍थापित क्षमता 7934.85 मेगावाट थी। यहाँ 902.5 मेगावाट बिजली उत्‍पादन क्षमता के आठ पनबिजली केंद्र है। राज्‍य के 51,806 में से 50,475 गांवों में बिजली पहुंच चुकी है।


{{प्रचार}}
{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
Line 21: Line 20:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल}}
{{भारत के उद्योग}}
{{मध्य प्रदेश के नगर}}{{मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान}}
[[Category:मध्य_प्रदेश]]
{{मध्य प्रदेश के ज़िले}}
[[Category:उद्योग और कल कारख़ाने]]
 
[[Category:भारत के व्यापारिक क्षेत्र और नगर]]
 
[[Category:वाणिज्य व्यापार कोश]]
[[Category:मध्य_प्रदेश]][[Category:अद्यतन]]
__INDEX__
__NOTOC__ __INDEX__
__NOTOC__

Revision as of 10:20, 6 June 2011

चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

मध्य प्रदेश ने इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स, दूरसंचार, मोटरवाहनों, सूचना प्रौद्योगिकी आदि उच्‍च तकनीकी उद्योगों के क्षेत्र में प्रवेश कर लिया है। दूरसंचार प्रणालियों के लिए यह राज्‍य ऑप्टिकल फाइबर का उत्‍पादन कर रहा है। इंदौर के पास पीठमपुर में बडी संख्‍या में मोटर वाहन उद्योग स्‍थापित हुए है। राज्‍य में सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख उद्योग है - भोपाल में 'भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्‍स लि.', होशंगाबाद में 'सिक्‍योरिटी पेपर मिल', देवास में नोट छापने की प्रेस, नेपानगर में अख़बारी काग़ज़ की मिल और नीमच की अल्‍कालॉयड फैक्‍ट्री।

  • गत वर्ष राज्‍य में सीमेंट का उत्‍पादन 12.49 लाख मीट्रिक टन हुआ।
  • पीठमपुर में जल्‍दी ही एक मालवाहक विमान परिसर स्‍थापित किया जा रहा है।
  • भारत सरकार इंदौर में विशेष आर्थिक क्षेत्र स्‍थापित कर रही है। समग्र आर्थिक विकास नीति लागू कर प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश को प्रोत्‍साहित किया जा रहा है। राज्‍य ने निवेश को आकर्षित करने के लिए आकर्षक छूट देने के लिए औद्योगिक प्रोत्‍सा‍हन नीति की घोषणा की है। अब तक उद्योग लगाने की इच्‍छा जाहिर करने वाले 5200 करोड रुपये के निवेश प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए है।
  • सागर ज़िले के बीना में काफ़ी समय से लंबित 10,300 करोड़ रुपये की लागत वाली ओमान बीना तेलशोधक परियोजना तैयार है।
  • भारत सरकार ने धार ज़िले के पीठमपुर में एक राष्‍ट्रीय ऑटोमोटिव परीक्षण, अनुसंधान तथा विकास परियोजना को मंजूरी दे दी है।
  • राज्‍य सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक नई सूचना प्रौद्योगिकी नीति लागू की है।

खनिज उत्‍पादन के क्षेत्र में राज्‍य का विशिष्‍ट स्‍थान है। वर्ष 2005-06 में 5312.65 करोड़ रुपये के खनिजों का उत्‍पादन हुआ। राज्‍य में 21 तरह के खनिज निकाले जाते हैं। 2006 में डोलोमाइट का उत्‍पादन 128 हज़ार मीट्रिक टन, हीरे का उत्‍पादन 44149 हज़ार कैरेट और चूना पत्‍थर का 25865 हज़ार मीट्रिक टन, बॉक्‍साइट का उत्‍पादन 87 हज़ार मिलियन मीट्रिक टन, ताम्र अयस्‍क का उत्‍पादन 1706 हज़ार मिलियन मीट्रिक टन और कोयले का उत्‍पादन 54000 हज़ार मिलियन मीट्रिक टन रहा। यह राज्‍य चंदेरी और माहेश्‍वर के पारंपरिक हस्‍तशिल्‍प और हथकरघे से बने कपड़ों के लिए प्रसिद्ध है। मध्यप्रदेश के मंदसौर ज़िले में अवस्थित हिंगलाजगढ़ परमार मूर्तिकला के विशिष्ट केन्द्र के रूप में प्रसिद्ध है।

  • मध्‍य प्रदेश में निम्‍न स्‍तर का कोयला प्रचुर मात्रा में होता है, जो बिजली उत्‍पादन के अनुकूल है। पनबिजली उत्‍पादन की भी यहाँ अपार क्षमता है। यहाँ राज्‍य में वर्ष 2005-2006 में विद्युत उत्‍पादन की कुल स्‍थापित क्षमता 7934.85 मेगावाट थी। यहाँ 902.5 मेगावाट बिजली उत्‍पादन क्षमता के आठ पनबिजली केंद्र है। राज्‍य के 51,806 में से 50,475 गांवों में बिजली पहुंच चुकी है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख