झारखण्ड की अर्थव्यवस्था: Difference between revisions

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कृषि और कृषि सम्बंधित गतिविधियां झारखण्ड की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार हैं। कृषि योग्य भूमि का क्षेत्रफल केवल 38 लाख हेक्टेयर है। झारखण्ड राज्य के 79,714 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में से 18,423 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में वन हैं।  
कृषि और कृषि सम्बंधित गतिविधियां झारखण्ड की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार हैं। कृषि योग्य भूमि का क्षेत्रफल केवल 38 लाख हेक्टेयर है। झारखण्ड राज्य के 79,714 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में से 18,423 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में वन हैं।  
==सिंचाई और बिजली==
==सिंचाई और बिजली==
दामोदर, मयूराक्षी, बराकर, उत्तरी कोयेल, दक्षिणी कोयेल, संख, सुवर्णरेखा, खरकई और अजय यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं और राज्य के जल का प्रमुख स्त्रोत है। राज्य में कुल बुवाई का क्षेत्र 1.57 लाख हेक्टेयर है जिसमें से 8 प्रतिशत क्षेत्र में ही सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो पाती है। झारखण्ड में स्थापित विद्युत क्षमता 2,590 मेगावाट है। जिसके स्त्रोत हैं- 420 मेगावट (तेनुघाट ताप बिजलीघर) से, 840 मेगावाट (पतरातू ताप पनबिजलीघर) से, 130 (सिक्कीद्रि बिजली परियोजना) से और 1,200 मेगावाट (दामोदर घाटी निगम ताप / पनबिजली परियोजना)से। ताप व पनबिजली पर आधारित विभिन्न बिजलीघरों की क्षमता  4,736 मेगावाट की जा सकती है जिसमें 686 पनबिजली उत्पादन शामिल है।
दामोदर, मयूराक्षी, बराकर, उत्तरी कोयेल, दक्षिणी कोयेल, संख, सुवर्णरेखा, खरकई और अजय यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं और राज्य के जल का प्रमुख स्रोत है। राज्य में कुल बुवाई का क्षेत्र 1.57 लाख हेक्टेयर है जिसमें से 8 प्रतिशत क्षेत्र में ही सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो पाती है। झारखण्ड में स्थापित विद्युत क्षमता 2,590 मेगावाट है। जिसके स्रोत हैं- 420 मेगावट (तेनुघाट ताप बिजलीघर) से, 840 मेगावाट (पतरातू ताप पनबिजलीघर) से, 130 (सिक्कीद्रि बिजली परियोजना) से और 1,200 मेगावाट (दामोदर घाटी निगम ताप / पनबिजली परियोजना)से। ताप व पनबिजली पर आधारित विभिन्न बिजलीघरों की क्षमता  4,736 मेगावाट की जा सकती है जिसमें 686 पनबिजली उत्पादन शामिल है।
==उद्योग और खनिज==
==उद्योग और खनिज==
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कृषि और कृषि सम्बंधित गतिविधियां झारखण्ड की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार हैं। कृषि योग्य भूमि का क्षेत्रफल केवल 38 लाख हेक्टेयर है। झारखण्ड राज्य के 79,714 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में से 18,423 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में वन हैं।

सिंचाई और बिजली

दामोदर, मयूराक्षी, बराकर, उत्तरी कोयेल, दक्षिणी कोयेल, संख, सुवर्णरेखा, खरकई और अजय यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं और राज्य के जल का प्रमुख स्रोत है। राज्य में कुल बुवाई का क्षेत्र 1.57 लाख हेक्टेयर है जिसमें से 8 प्रतिशत क्षेत्र में ही सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो पाती है। झारखण्ड में स्थापित विद्युत क्षमता 2,590 मेगावाट है। जिसके स्रोत हैं- 420 मेगावट (तेनुघाट ताप बिजलीघर) से, 840 मेगावाट (पतरातू ताप पनबिजलीघर) से, 130 (सिक्कीद्रि बिजली परियोजना) से और 1,200 मेगावाट (दामोदर घाटी निगम ताप / पनबिजली परियोजना)से। ताप व पनबिजली पर आधारित विभिन्न बिजलीघरों की क्षमता 4,736 मेगावाट की जा सकती है जिसमें 686 पनबिजली उत्पादन शामिल है।

उद्योग और खनिज

झारखण्ड के कुछ बडे उद्योग हैं:

  • सार्वजनिक क्षेत्र का बोकारो स्टील प्लांट,
  • जमशेदपुर में निजी क्षेत्र की टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (टिस्को)।
  • अन्य प्रमुख उद्योग हैं: टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (टेल्को),
  • टिमकेन इंडिया लिमिटेड (जमशेदपुर),
  • भारत कुकिंग लिमिटेड (धनबाद),
  • खिलाडी सीमेंट फैक्टरी (पलामू),
  • इंडियन ऐल्यूमिनियम (मुरी),
  • ए सी सी सीमेंट (चाइबासर),
  • सेंट्रल कोलफीज्ड्स लिमिटेड (रांची),
  • उषा मार्टिन, उषा बैल्ट्रान, यूरेनियम कारपोरेशन (इं) लिमिटेड (जादूगोडा),
  • हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (मुसाबनी),
  • टिन प्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (जमशेदपुर),
  • इंडियन एक्सप्लोसिव लिमिटेड (गोमिया) और
  • हिंडालको बॉक्साइट (लोहरदगा), आदि।
  • झारखण्ड राज्य खनिज संसाधनों में देश का समृद्धतम राज्य है। यहाँ उपलब्ध प्रमुख खनिज हैं- कोयला, कच्चा लोहा चूना पत्थर, खनिज तांबा, बॉक्साइट, चीनी मिट्टी, काइनाइट चिकनी मिट्टी, डोलोमाइट, ग्रेफाइट, बैंटोनाइट, साबुन पत्थर बिल्लौरी रेत और सिलिका बालू।
  • इस नवगठित राज्य में सिंहभूम, बोकारो, हज़ारीबाग, रांची, कोडरमा और धनबाद में कोयला, अभ्रक और अन्य खनिजों के दोहन की अपार क्षमताएं हैं।

परिवहन

  • राज्य में सडकों की कुल लंबाई 4,311 किलोमीटर है। इसमें 1,500 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग और 2,711 किलोमीटर प्रांतीय राजमार्ग हैं।
  • राज्य में विकसित रेलवे प्रणाली है। रांची, बोकारो, धनबाद, जमशेदपुर कुछ प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं।
  • विमान सेवा से रांची, दिल्ली, पटना और मुंबई से जुड़ा है। जमशेदपुर, बोकारो, गिरिडीह, देवघर, हज़ारीबाग़, डाल्टनगंज और नोआमुंडी में हवाई पट्टियां हैं।


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