User:गोविन्द राम/sandbox2: Difference between revisions
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Revision as of 14:10, 12 August 2011
गोविन्द राम/sandbox2
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अन्य नाम | राखी, सलूनो, सावनी |
अनुयायी | हिन्दू और लगभग हर भारतीय |
उद्देश्य | भाई - बहन के प्रेम व रक्षा का पवित्र त्योहार |
प्रारम्भ | पौराणिक काल |
तिथि | श्रावण माह की पूर्णिमा |
उत्सव | आज के दिन बहनें स्नान करके अपने घर में दीवारों पर सोन रखती हैं और फिर सेवइयों, चावल की खीर और मिठाई से इनकी पूजा करती है। सोनों (श्रवण) के ऊपर खीर या मिठाई की सहायता से राखी के धागे चिपकाए जाते हैं। |
अनुष्ठान | घरों को लीप - पोत कर दरवाज़ों पर आम तथा केले के पत्तों के बन्दनवार लगाती हैं। स्नान - ध्यान करके अगरबत्ती व धूप जलाती हैं। तरह - तरह के स्वादिष्ट भोजन बनाती हैं। |
धार्मिक मान्यता | प्रातः शीघ्र उठकर बहनें स्नान के पश्चात भाइयों को तिलक लगाती हैं तथा उसकी दाहिने कलाई पर राखी बाँधती हैं। इसके पश्चात भाइयों को कुछ मीठा खिलाया जाता है। भाई अपनी बहन को भेंट देता है। |
प्रसिद्धि | भाई-बहन को स्नेह की डोर से बांधने वाला त्योहार |
संबंधित लेख | राखी, श्रावण, पूर्णिमा |
अन्य जानकारी | मुंबई में रक्षाबंधन पर्व को नारली (नारियल) पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। जल के देवता वरुण को प्रसन्न करने के लिए समुद्र को (नारियल) अर्पित किए जाते हैं। वरुणदेव ही पूजा के मुख्य देवता होते हैं। |