बिस्मिल्लाह: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
आदित्य चौधरी (talk | contribs) No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
'''बिस्मिल्लाह / Bismillah'''<br /> | '''बिस्मिल्लाह / Bismillah'''<br /> | ||
{{ | {{incomplete}} | ||
बिस्मिल्लाह, तस्मियाह भी कहलाता है। यह प्रार्थना, बिस्मिल्लाह अर-रहमान अर-रहीम, ‘उस [[अल्लाह]] के नाम पर है जो दयालु और करूणामय’ है। इसे सबसे पहले [[क़ुरान]] में शुरू किया गया था और यह प्रार्थना नौवें सुरा को छोड़कर हर सुरा (अध्याय) की शुरुआत में आती है। अक्सर [[मुसलमान]] महत्त्वपूर्ण कामों से पहले बिस्मिल्लाह करके अल्लाह को याद करते हैं। सभी औपचारिक दस्तावेज़ों और लेन-देन की शुरुआत में भी बिस्मिल्लाह किया जाता है। क़ानूनी तौर पर ज़रूरी कामों और वे काम, जिन्हें करने की सलाह दी गई हो, उनसे पहले भी बिस्मिल्लाह किया जाना चाहिए। इसका संक्षिप्त रूप भोजन जैसे दैनिक कामों से पहले बोला जाता है। | बिस्मिल्लाह, तस्मियाह भी कहलाता है। यह प्रार्थना, बिस्मिल्लाह अर-रहमान अर-रहीम, ‘उस [[अल्लाह]] के नाम पर है जो दयालु और करूणामय’ है। इसे सबसे पहले [[क़ुरान]] में शुरू किया गया था और यह प्रार्थना नौवें सुरा को छोड़कर हर सुरा (अध्याय) की शुरुआत में आती है। अक्सर [[मुसलमान]] महत्त्वपूर्ण कामों से पहले बिस्मिल्लाह करके अल्लाह को याद करते हैं। सभी औपचारिक दस्तावेज़ों और लेन-देन की शुरुआत में भी बिस्मिल्लाह किया जाता है। क़ानूनी तौर पर ज़रूरी कामों और वे काम, जिन्हें करने की सलाह दी गई हो, उनसे पहले भी बिस्मिल्लाह किया जाना चाहिए। इसका संक्षिप्त रूप भोजन जैसे दैनिक कामों से पहले बोला जाता है। | ||
[[Category:इस्लाम धर्म]] | [[Category:इस्लाम धर्म]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 12:05, 13 May 2010
बिस्मिल्लाह / Bismillah
40px | पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार करने में सहायता कर सकते हैं। |
बिस्मिल्लाह, तस्मियाह भी कहलाता है। यह प्रार्थना, बिस्मिल्लाह अर-रहमान अर-रहीम, ‘उस अल्लाह के नाम पर है जो दयालु और करूणामय’ है। इसे सबसे पहले क़ुरान में शुरू किया गया था और यह प्रार्थना नौवें सुरा को छोड़कर हर सुरा (अध्याय) की शुरुआत में आती है। अक्सर मुसलमान महत्त्वपूर्ण कामों से पहले बिस्मिल्लाह करके अल्लाह को याद करते हैं। सभी औपचारिक दस्तावेज़ों और लेन-देन की शुरुआत में भी बिस्मिल्लाह किया जाता है। क़ानूनी तौर पर ज़रूरी कामों और वे काम, जिन्हें करने की सलाह दी गई हो, उनसे पहले भी बिस्मिल्लाह किया जाना चाहिए। इसका संक्षिप्त रूप भोजन जैसे दैनिक कामों से पहले बोला जाता है।