राजुलमंडगिरि: Difference between revisions

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*यह इस ग्राम में स्थित '''रामलिंगेश्वर''' के '''शिवमंदिर''' की चट्टान पर उत्कीर्ण है।  
*यह इस ग्राम में स्थित '''रामलिंगेश्वर''' के '''शिवमंदिर''' की चट्टान पर उत्कीर्ण है।  
*इस अभिलेख में 15 पक्तियां हैं किंतु वह खंडितावस्था में हैं।  
*इस अभिलेख में 15 पक्तियां हैं किंतु वह खंडितावस्था में हैं।  
*[[भारतीय पुरातत्व विभाग]] के अनुसार यह धर्मलिपि येरागुड़ी की 'अमुख्य' धर्मलिपि की एक प्रतिलिपि जान पड़ती है जो अब से 25 वर्ष पहले ज्ञात हुई थी।  
*[[भारतीय पुरातत्त्व विभाग]] के अनुसार यह धर्मलिपि येरागुड़ी की 'अमुख्य' धर्मलिपि की एक प्रतिलिपि जान पड़ती है जो अब से 25 वर्ष पहले ज्ञात हुई थी।  





Revision as of 06:42, 3 October 2011

  • राजुलमंडगिरि, पट्टीकोंडा तालुका, ज़िला कुरनूल, आन्ध्र प्रदेश में स्थित है।
  • 1953-1954 में इस स्थान से मौर्य सम्राट अशोक का एक शिलालेख प्राप्त हुआ था।
  • यह इस ग्राम में स्थित रामलिंगेश्वर के शिवमंदिर की चट्टान पर उत्कीर्ण है।
  • इस अभिलेख में 15 पक्तियां हैं किंतु वह खंडितावस्था में हैं।
  • भारतीय पुरातत्त्व विभाग के अनुसार यह धर्मलिपि येरागुड़ी की 'अमुख्य' धर्मलिपि की एक प्रतिलिपि जान पड़ती है जो अब से 25 वर्ष पहले ज्ञात हुई थी।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ


माथुर, विजयेन्द्र कुमार ऐतिहासिक स्थानावली, द्वितीय संस्करण-1990 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर, पृष्ठ संख्या-784।

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