हुसैन सागर झील: Difference between revisions

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[[हैदराबाद]] और [[सिकंदराबाद]] के मध्य स्थित हुसैन सागर एक सुंदर झील है। इसके बीच में स्थित 'रॉक ऑफ गिब्राल्टर' पर स्थापित महात्मा [[बुद्ध]] की 18 मीटर ऊंची प्रतिमा पर्यटकों के लिए आकर्षण का खास कारण है। इस सौम्य प्रतिमा को नजदीक से देखने के लिए हम नाव से गए।
[[हैदराबाद]] और [[सिकंदराबाद]] के मध्य स्थित हुसैन सागर एक सुंदर झील है। इसके बीच में स्थित 'रॉक ऑफ गिब्राल्टर' पर स्थापित महात्मा [[बुद्ध]] की 18 मीटर ऊंची प्रतिमा पर्यटकों के लिए आकर्षण का खास कारण है।


350 टन की इस प्रतिमा को यहां स्थापित करना कठिन काम था। जब यह प्रतिमा नाव से यहां लाई जा रही थी तो वह नाव पलट गई थी और प्रतिमा झील में जा गिरी।  
350 टन की इस प्रतिमा को यहां स्थापित करना कठिन काम था। जब यह प्रतिमा नाव से यहां लाई जा रही थी तो वह नाव पलट गई थी और प्रतिमा झील में जा गिरी। हुसैन सागर झील
बेगमपेट के समीप हुसैन सागर झील का हैदराबाद में वही स्थान है जो मुंबई में मरीन ड्राइव का है। इसका निर्माण इब्राहिम कुली कुतुब शाह के दामाद हुसैन शाह ने कराया था। उन्हीं के नाम पर इस झील का नाम पड़ा है।
 
यहां का सबसे बड़ा आकर्षण झील के बीच स्थित भगवान बुद्ध की 17.5 मी. लंबी पत्थर की प्रतिमा है। यह एक ही पत्थर को तराश कर बनाई गई विश्व की सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक है। 1990 में यह प्रतिमा पानी में डूब गई थी और दो साल तक झील में ही पड़ी रही। दो साल बाद 350 टन की इस मूर्ति को पुन: झील के मध्य में स्थापित किया जा सका।
 
यह झील जुड़वा शहरों के नाम से मशहूर हैदराबाद और सिकंदराबाद को अलग करती है। यहां 33 प्रसिद्ध ऐतिहासिक लोगों की मूर्तियां भी हैं जिसमें नन्नय्या, तिक्कना, इर्रना, रुद्रम्मा, मोल्ला, जशुआ, अन्नमय्या, त्यागय्या, वेमाना और पिंगली वैंकय्या जैसी प्रसिद्व हस्तियां शामिल है।


बाद में सन 1992 में विशेषज्ञों की सहायता से इसे निकाल कर यहां स्थापित किया गया। झील के पास लुंबिनी पार्क में संगीतमय फव्वारे लगे हैं। ये शाम के समय बेहद सुंदर दिखते हैं।  
बाद में सन 1992 में विशेषज्ञों की सहायता से इसे निकाल कर यहां स्थापित किया गया। झील के पास लुंबिनी पार्क में संगीतमय फव्वारे लगे हैं। ये शाम के समय बेहद सुंदर दिखते हैं।  

Revision as of 10:37, 25 May 2010

हुसैन सागर झील

हैदराबाद और सिकंदराबाद के मध्य स्थित हुसैन सागर एक सुंदर झील है। इसके बीच में स्थित 'रॉक ऑफ गिब्राल्टर' पर स्थापित महात्मा बुद्ध की 18 मीटर ऊंची प्रतिमा पर्यटकों के लिए आकर्षण का खास कारण है।

350 टन की इस प्रतिमा को यहां स्थापित करना कठिन काम था। जब यह प्रतिमा नाव से यहां लाई जा रही थी तो वह नाव पलट गई थी और प्रतिमा झील में जा गिरी। हुसैन सागर झील बेगमपेट के समीप हुसैन सागर झील का हैदराबाद में वही स्थान है जो मुंबई में मरीन ड्राइव का है। इसका निर्माण इब्राहिम कुली कुतुब शाह के दामाद हुसैन शाह ने कराया था। उन्हीं के नाम पर इस झील का नाम पड़ा है।

यहां का सबसे बड़ा आकर्षण झील के बीच स्थित भगवान बुद्ध की 17.5 मी. लंबी पत्थर की प्रतिमा है। यह एक ही पत्थर को तराश कर बनाई गई विश्व की सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक है। 1990 में यह प्रतिमा पानी में डूब गई थी और दो साल तक झील में ही पड़ी रही। दो साल बाद 350 टन की इस मूर्ति को पुन: झील के मध्य में स्थापित किया जा सका।

यह झील जुड़वा शहरों के नाम से मशहूर हैदराबाद और सिकंदराबाद को अलग करती है। यहां 33 प्रसिद्ध ऐतिहासिक लोगों की मूर्तियां भी हैं जिसमें नन्नय्या, तिक्कना, इर्रना, रुद्रम्मा, मोल्ला, जशुआ, अन्नमय्या, त्यागय्या, वेमाना और पिंगली वैंकय्या जैसी प्रसिद्व हस्तियां शामिल है।

बाद में सन 1992 में विशेषज्ञों की सहायता से इसे निकाल कर यहां स्थापित किया गया। झील के पास लुंबिनी पार्क में संगीतमय फव्वारे लगे हैं। ये शाम के समय बेहद सुंदर दिखते हैं।