गोवा की अर्थव्यवस्था: Difference between revisions

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{{पुनरीक्षण}}[[गोवा]] [[भारत]] के अति विकसित राज्‍यों में से एक के रूप में उभरा है। निवेश वातावरण और आधारभूत संरचना के मामलों में भी गोवा ने भारत के श्रेष्‍ठतम राज्‍यों में से एक का दर्जा हासिल किया है। यह महानगरों, व्‍यापारिक और वाणिज्यिक केंद्रों के साथ सड़क, रेल, समुद्री मार्गों के अलावा वायु मार्ग के द्वारा भी भली प्रकार जुड़ा हुआ है। गोवा के मोरमुगांव में एक प्राकृतिक बंदरगाह है और साथ ही कई छोटे बंदरगाह भी हैं, जिनमें व्‍यवसायिक सुविधाओं के विकास की अपार संभावनाएं विद्यमान हैं। इसके अलावा इसमें पूर्ण विकसित इन्‍टरनेट संयोजन और टेलीफोन एक्‍सचेंजों का विशाल नेटवर्क भी है, जो इसके नागरिकों को उच्‍च गुणवत्‍ता वाले जीवन की सुविधा उपलब्‍ध कराते हैं। अत: भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के विकास में गोवा अग्रणी राज्‍य है। यह राज्‍य घने जंगलों और खनिज संपदा से संपन्‍न है। यहाँ विभिन्‍न प्रकार कृषि फसलों और उद्यान कृषि की उपज होती है। राज्‍य ने, पर्यटन, इलेक्‍ट्रॉनिकी, औषधि निर्माण और कृषि रसायनों के क्षेत्रों में उल्‍लेखनीय प्रगति हुई है। यह राष्‍ट्रीय राजकोष में, खनन और पर्यटन के माध्‍यम से विदेशी मुद्रा का उल्‍लेखनीय योगदान करता है। राज्‍य की अर्थव्‍यवस्‍था में [[कृषि]], उद्योग और सेवा के क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं विद्यमान हैं।<ref>{{cite web |url=http://business.gov.in/hindi/investment_incentives/goa.php |title=गोवा |accessmonthday=[[11 जून]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format=पी.एच.पी.|publisher=व्यापार ज्ञान संसाधन |language=[[हिन्दी]] }}</ref>
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गोवा भारत के अति विकसित राज्‍यों में से एक के रूप में उभरा है। निवेश वातावरण और आधारभूत संरचना के मामलों में भी गोवा ने भारत के श्रेष्‍ठतम राज्‍यों में से एक का दर्जा हासिल किया है। यह महानगरों, व्‍यापारिक और वाणिज्यिक केंद्रों के साथ सड़क, रेल, समुद्री मार्गों के अलावा वायु मार्ग के द्वारा भी भली प्रकार जुड़ा हुआ है। गोवा के मोरमुगांव में एक प्राकृतिक बंदरगाह है और साथ ही कई छोटे बंदरगाह भी हैं, जिनमें व्‍यवसायिक सुविधाओं के विकास की अपार संभावनाएं विद्यमान हैं। इसके अलावा इसमें पूर्ण विकसित इन्‍टरनेट संयोजन और टेलीफोन एक्‍सचेंजों का विशाल नेटवर्क भी है, जो इसके नागरिकों को उच्‍च गुणवत्‍ता वाले जीवन की सुविधा उपलब्‍ध कराते हैं। अत: भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के विकास में गोवा अग्रणी राज्‍य है। यह राज्‍य घने जंगलों और खनिज संपदा से संपन्‍न है। यहाँ विभिन्‍न प्रकार कृषि फसलों और उद्यान कृषि की उपज होती है। राज्‍य ने, पर्यटन, इलेक्‍ट्रॉनिकी, औषधि निर्माण और कृषि रसायनों के क्षेत्रों में उल्‍लेखनीय प्रगति हुई है। यह राष्‍ट्रीय राजकोष में, खनन और पर्यटन के माध्‍यम से विदेशी मुद्रा का उल्‍लेखनीय योगदान करता है। राज्‍य की अर्थव्‍यवस्‍था में कृषि, उद्योग और सेवा के क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं विद्यमान हैं।[1]

उद्योग

गोवा में मत्स्य उद्योग महत्त्वपूर्ण है, सरकारी नीतियों व रियायतों ने औद्योगिक क्षेत्र के ज़रिये गोवा के तीव्र औद्योगिकीकरण को बढ़ावा दिया है। उर्वरक, रसायन, दवा, लोहा और चीनी उद्योग यहाँ के बड़े उद्योग हैं। यहाँ पर मध्यम व लघु उद्योग भी हैं, जिनमें पारम्परिक हस्तशिल्प उद्योग भी शामिल हैं। औद्योगिक उत्पादों का भारत व विदेश में अच्छा बाज़ार है।

  • राज्य में लघु उद्योगों की संख्या 7110 है।
  • 20 औद्योगिक परिसर हैं। राज्य के खनिज उत्पादों में फैरो मैंगनीज, बॉक्साइट, लौह-अयस्क आदि शामिल हैं और इनके निर्यात से राज्य की अर्थवस्था में महत्त्वपूर्ण योगदान मिलता है।

मत्‍स्‍यकी

गोवा में मत्‍स्‍यकी का एक प्रमुख स्‍थान है क्‍योंकि गोवा की 90 प्रतिशत जनसंख्‍या मत्‍सय उद्योग में लगी है। एक लाख लोग लगभग मत्‍स्‍य उद्योग में कार्यरत हैं। 3220 मछुआरों को राज्‍य बीमा योजना में शामिल किया गया है। 718 मछुआरों को सेविंग-कम-रीलीफ फंड योजना में शामिल किया गया है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. गोवा (हिन्दी) (पी.एच.पी.) व्यापार ज्ञान संसाधन। अभिगमन तिथि: 11 जून, 2011

बाहरी कड़ियाँ

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