प्रयोग:गोविन्द: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
(पन्ने को खाली किया)
No edit summary
Line 1: Line 1:
 
<noinclude>{| width="49%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5"
|-</noinclude>
| style="background:transparent;"|
{| style="background:transparent; width:100%"
|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|<font color="#003366">[[भारतकोश सम्पादकीय 5 मई 2012|साप्ताहिक सम्पादकीय<small>-आदित्य चौधरी</small>]]</font>
|-
{{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}}
{| style="background:transparent; width:100%" align="left"
|- valign="top"
|
[[चित्र:Ghost.jpg|right|border|100px|link=भारतकोश सम्पादकीय 5 मई 2012]]
<poem>
[[भारतकोश सम्पादकीय 5 मई 2012|बस एक चान्स !]]
      इस बात का पता 'चंद लोगों' को ही था कि छोटे पहलवान दुनियाँ का सबसे अक़्लमंद लड़का है। इन 'चंद लोगों' में थे- एक तो छोटे पहलवान ख़ुद और बाक़ी उसके माता-पिता और परिवारी जन। बाहर की दुनियाँ से छोटे का ज़्यादा सम्पर्क हुआ नहीं था। इसी दौर में उसे यह भी महसूस होने लगा कि वह दुनियाँ का महानतम विद्वान भी है।... [[भारतकोश सम्पादकीय 5 मई 2012|पूरा पढ़ें]]
</poem>
<center>
{| style="margin:0; background:transparent" cellspacing="3"
|-
| [[भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी|पिछले लेख]] →
| [[भारतकोश सम्पादकीय 28 अप्रॅल 2012|मैं तो एक भूत हूँ]] ·
| [[भारतकोश सम्पादकीय 21 अप्रॅल 2012|सफलता का शॉर्ट-कट]]
|}</center>
|}
|}<noinclude>[[Category:मुखपृष्ठ के साँचे]]</noinclude>

Revision as of 14:02, 5 May 2012

साप्ताहिक सम्पादकीय-आदित्य चौधरी

right|border|100px|link=भारतकोश सम्पादकीय 5 मई 2012

बस एक चान्स !
      इस बात का पता 'चंद लोगों' को ही था कि छोटे पहलवान दुनियाँ का सबसे अक़्लमंद लड़का है। इन 'चंद लोगों' में थे- एक तो छोटे पहलवान ख़ुद और बाक़ी उसके माता-पिता और परिवारी जन। बाहर की दुनियाँ से छोटे का ज़्यादा सम्पर्क हुआ नहीं था। इसी दौर में उसे यह भी महसूस होने लगा कि वह दुनियाँ का महानतम विद्वान भी है।... पूरा पढ़ें

पिछले लेख मैं तो एक भूत हूँ · सफलता का शॉर्ट-कट