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|पालक माता=
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|जन्म विवरण=शरीर मन्थन से जनक का जन्म
|जन्म विवरण=शरीर मन्थन से जनक का जन्म
|समय-काल=
|समय-काल=रामायण काल
|धर्म-संप्रदाय=
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|परिजन=
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|गुरु=
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|विवाह=विदेही
|विवाह=विदेही
|संतान=सीता, पुत्र=भांमडल
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|विद्या पारंगत=
|विद्या पारंगत=
|रचनाएँ=
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|अन्य विवरण=
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|मृत्यु=
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|यशकीर्ति=नरकवासियों की मुक्ति
|यशकीर्ति=जनक सभी सुविधाओं में रहकर संन्यासी माने गये। नारद को भी उन्होंने ज्ञान दिया।
|अपकीर्ति=
|अपकीर्ति= अष्टावक्र का अपमान
|संबंधित लेख=
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=
|शीर्षक 1=ऐतिहासिक महत्व
|पाठ 1=
|पाठ 1=इतिहासकार जनक को कृषि विशेषज्ञ के रूप में स्वीकार करते हैं और "सीता" का अर्थ हल की फाल से मानते हैं।
|शीर्षक 2=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|पाठ 2=

Revision as of 10:51, 1 June 2010

संक्षिप्त परिचय
Shilpi2
अन्य नाम विदेह, सिरध्वज, मिथि
वंश-गोत्र मिथिलावंश, निमि
कुल निमि
पिता मिथि
जन्म विवरण शरीर मन्थन से जनक का जन्म
समय-काल रामायण काल
विवाह विदेही
संतान सीता, भांमडल
महाजनपद मिथिला
संदर्भ ग्रंथ रामायण
यशकीर्ति जनक सभी सुविधाओं में रहकर संन्यासी माने गये। नारद को भी उन्होंने ज्ञान दिया।
अपकीर्ति अष्टावक्र का अपमान
ऐतिहासिक महत्व इतिहासकार जनक को कृषि विशेषज्ञ के रूप में स्वीकार करते हैं और "सीता" का अर्थ हल की फाल से मानते हैं।