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नगर शाजापुर जिले का मुख्यालय, मध्य प्रदेश राज्य, मध्य भारत, यह आगरा-मुंबई (भूतपूर्व बंबई) राष्टीय रायमार्ग (एन,एच-3) पर स्थित है, और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों सें जुड़ा है, जिनमें गुना, इंदौर और उज्जैन शामिल है, शाजापुर निकटवर्ती पहाडियों से निकली काली सिंध की सहायक नदी लाकुंडा के पश्चिमी तट स्थित है, नगर के नजदीक की भैरव टेकरी चोटी मालवा की पहाडियों की सबसे ऊपरी चोटी है, यहा पर भैरव की एक मूर्ति है, शाजापुर जिले में (क्षेत्रफल 6.201 वर्ग किमी) भूतपूर्व ग्वालियर, भोपाल और देवास रियासतों के हिस्से आतें है, यह उर्वर मावला पठार पर स्थित है, और काली सिंध तता नेवाज नदियों द्रारा सिचिंत है, इस नगर की स्थापना लगभग 1640 में मुगल बादशाह शाहजहां नेंकी थी और इसका नाम शाहजहांपुर का ही विकृत रूप है, शाहजहांपुर अपने 75 मंदिरों के लिए विख्यात है, जिनमें सोमेश्वर महादेव, ओंकारेश्रर महादेव, मांगनाथ, नित्यानंद, गिरिवर और राजराजेश्वरी, जामा मस्जिद, बाग और कुछ जैन मंदिर शामिल है, जैन मतावलबी इस जिले में चारों तरफ बिखरें है, 1956. में इस जिले को ग्वालियर संभाग से स्थानांतरित कर दिया गया,
शाजापुर अपने वाणिज्य एवं व्यापार के लिए उज्जैन और इंदौर पर निर्भर करता है, यह नगर सड़क और पश्चिमी रेलवे का बडा जंक्शन है, और महत्वपूर्ण कृषि केद्रं है, यहां के उधोग कपास ओटाई व गांठ बनाने, आटा उत्पादन और ईट निर्माण से जुडे है, यहां पर एक अत्यंत सुरक्षित किले के भीतर ऐतिहासिक मराठा रानी तारा बाई महल स्थित है,
नगर में व्रिकम विशवविधालय उज्जैन से संबद्र अनेक महाविधालय है, और पास ही एक फल अनुसंधान केंद्र भी है, जनसंख्या (2001) नगर 50.086. जिला कुल 12.90.230.

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नगर शाजापुर जिले का मुख्यालय, मध्य प्रदेश राज्य, मध्य भारत, यह आगरा-मुंबई (भूतपूर्व बंबई) राष्टीय रायमार्ग (एन,एच-3) पर स्थित है, और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों सें जुड़ा है, जिनमें गुना, इंदौर और उज्जैन शामिल है, शाजापुर निकटवर्ती पहाडियों से निकली काली सिंध की सहायक नदी लाकुंडा के पश्चिमी तट स्थित है, नगर के नजदीक की भैरव टेकरी चोटी मालवा की पहाडियों की सबसे ऊपरी चोटी है, यहा पर भैरव की एक मूर्ति है, शाजापुर जिले में (क्षेत्रफल 6.201 वर्ग किमी) भूतपूर्व ग्वालियर, भोपाल और देवास रियासतों के हिस्से आतें है, यह उर्वर मावला पठार पर स्थित है, और काली सिंध तता नेवाज नदियों द्रारा सिचिंत है, इस नगर की स्थापना लगभग 1640 में मुगल बादशाह शाहजहां नेंकी थी और इसका नाम शाहजहांपुर का ही विकृत रूप है, शाहजहांपुर अपने 75 मंदिरों के लिए विख्यात है, जिनमें सोमेश्वर महादेव, ओंकारेश्रर महादेव, मांगनाथ, नित्यानंद, गिरिवर और राजराजेश्वरी, जामा मस्जिद, बाग और कुछ जैन मंदिर शामिल है, जैन मतावलबी इस जिले में चारों तरफ बिखरें है, 1956. में इस जिले को ग्वालियर संभाग से स्थानांतरित कर दिया गया, शाजापुर अपने वाणिज्य एवं व्यापार के लिए उज्जैन और इंदौर पर निर्भर करता है, यह नगर सड़क और पश्चिमी रेलवे का बडा जंक्शन है, और महत्वपूर्ण कृषि केद्रं है, यहां के उधोग कपास ओटाई व गांठ बनाने, आटा उत्पादन और ईट निर्माण से जुडे है, यहां पर एक अत्यंत सुरक्षित किले के भीतर ऐतिहासिक मराठा रानी तारा बाई महल स्थित है, नगर में व्रिकम विशवविधालय उज्जैन से संबद्र अनेक महाविधालय है, और पास ही एक फल अनुसंधान केंद्र भी है, जनसंख्या (2001) नगर 50.086. जिला कुल 12.90.230.