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{{सूचना बक्सा साहित्यकार
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|चित्र=
'''उत्तर प्रदेश की झीलें'''
|पूरा नाम=
[[उत्तर प्रदेश]] में झीलों का अभाव है। यहाँ की अधिकांश झीलें कुमाऊँ क्षेत्र में हैं जोकि प्रमुखतः भूगर्भीय शक्तियों के द्वारा भूमि के धरातल में परिवर्तन हो जाने के परिणामस्वरुप निर्मित हुई हैं। इन झीलों में जल स्त्रोत मुख्यतः हिमानियाँ हैं।
|अन्य नाम=
जिनमें निम्नलिखित के नाम विशेष उल्लेखनीय है।
|जन्म=150 वर्ष ई पू से 450 ईसवी के मध्य
*[[भीमताल झील]]
|जन्म भूमि=[[उत्तर प्रदेश]]
*[[नैनीताल झील]]
|अविभावक=
*[[नौकछिया ताल झील]]
|पति/पत्नी=[[विद्योत्तमा]]  
*[[सात ताल झील]]
|संतान=
==राज्य की अन्य झील==
|कर्म भूमि=संस्कृत कवि
राज्य की अन्य झीलों में निम्न के नाम उल्लेखनीय है।
|कर्म-क्षेत्र=श्रृंगार रस कवि
*पूनाताल,
|मृत्यु=
*मालवाताल
|मुख्य रचनाएँ=नाटक- अभिज्ञान शाकुन्तलम्, विक्रमोवशीर्यम् और मालविकाग्निमित्रम्, महाकाव्य- रघुवंशम् और कुमारसंभवम्, खण्डकाव्य- मेघदूतम् और ऋतुसंहार
*खुरपाताल
|विषय=श्रृंगार रस
|भाषा=संस्कृत
उत्तर प्रदेश की पहाड़ी क्षेत्र में स्थित [[गंगोत्री]] और [[यमुनोत्री]] भी एक प्रकार की झील है, जिनसे [[गंगा नदी|भागीरथी]] और [[यमुना नदी|यमुना]] नदियों का उदगम होता है।
|विद्यालय=
==निर्माण ==
|पुरुस्कार-उपाधि=महाकवि
*झीलों का निर्माण भूगर्भिक हलचलों से, गर्तों के जलप्लावित होने से और नदियों के मोड़ों से निर्मित गोखुर झील आदि के अनेक उदाहरण उत्तर प्रदेश में दृष्टिगोचर होते हैं।
|प्रसिद्धि=
**भूगर्भिक हलचलों के कारण पड़ी दरार गर्त से निर्मित झीलों का प्रमुख उदाहरण मिर्जापुर ज़िलें का टाण्डादरी ताल है, जिसके जल का उपयोग मिर्जापुर नगर में किया जाता है। यह ताल मिर्जापुर से 14 किमी दूर स्थित है।
|विशेष योगदान=संस्कृत साहित्य
 
|नागरिकता=
*गर्तों के जलप्लावित होने से बनी अनेक झीलें पर्वतीय भाग में पायी जाती हैं।
|संबंधित लेख=
==अन्य प्रकार की झील==
|शीर्षक 1=
कुछ अन्य प्रकार की झीलों में निम्न के नाम उल्लेखनीय हैं।
|पाठ 1=
*[[लखनऊ]] की दुलास खेड़ा के निकट करेला व मोहना के समीप इतौजा
|शीर्षक 2=
*[[रायबरेली]] की भुगेताल तथा विसैया
|पाठ 2=
*[[प्रतापगढ़]] की बेती तथा नइया
|अन्य जानकारी=
*[[सुल्तानपुर]] के राजा का बाँध
|बाहरी कड़ियाँ=
*लौधीताल व भोजपुर
}}
*[[रामपुर]] की मोती व गौर
*[[उन्नाव]] की कुन्द्रा समुन्दर
*[[कानपुर]] की बलाहापारा
*[[फतेहपुर]] की मोराय
*[[वाराणसी]] की औंधी ताल
*[[आगरा]] की कीठम झील
*नदी मोड़ से निर्मित गौखुर झील का मुख्य उदाहरण शाहजहाँपुर ज़िलें की बड़ाताल झील जो रामगंगा नदी के मोड़ द्वारा निर्मित है।
==उत्तर प्रदेश की प्रमुख नदियाँ और उनके किनारे स्थित नगर==
उत्तर प्रदेश की मुख्य नदियों में गंगा, यमुना, गोमती आदि के किनारे अनेक ऐतिहासिक नगर बसे हैं। जिनका उल्लेख निम्नलिखित तालिका में प्रस्तुत है:
{| class="wikitable" border="1"
|-
! नदी
! नगर
|-
| गंगा नदी
| ॠषिकेश, बद्रीनाथ, हरिद्वार, कानपुर, वाराणसी, गढ़मुक्तेश्वर, सौंरो, राजघाट, फर्रुख़ाबाद, मिर्जापुर
|-
| गंगा-यमुना का संगम
| इलाहाबाद
|-
| यमुना नदी
| मथुरा, आगरा, वृन्दावन, बटेश्वर, कोशाम्बी, हमीरपुर
|-
| गोमती नदी
| लखनऊ
|-
| सरयू नदी
| अयोध्या
|}

Revision as of 09:45, 2 June 2010

उत्तर प्रदेश की झीलें उत्तर प्रदेश में झीलों का अभाव है। यहाँ की अधिकांश झीलें कुमाऊँ क्षेत्र में हैं जोकि प्रमुखतः भूगर्भीय शक्तियों के द्वारा भूमि के धरातल में परिवर्तन हो जाने के परिणामस्वरुप निर्मित हुई हैं। इन झीलों में जल स्त्रोत मुख्यतः हिमानियाँ हैं। जिनमें निम्नलिखित के नाम विशेष उल्लेखनीय है।

राज्य की अन्य झील

राज्य की अन्य झीलों में निम्न के नाम उल्लेखनीय है।

  • पूनाताल,
  • मालवाताल
  • खुरपाताल

उत्तर प्रदेश की पहाड़ी क्षेत्र में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री भी एक प्रकार की झील है, जिनसे भागीरथी और यमुना नदियों का उदगम होता है।

निर्माण

  • झीलों का निर्माण भूगर्भिक हलचलों से, गर्तों के जलप्लावित होने से और नदियों के मोड़ों से निर्मित गोखुर झील आदि के अनेक उदाहरण उत्तर प्रदेश में दृष्टिगोचर होते हैं।
    • भूगर्भिक हलचलों के कारण पड़ी दरार गर्त से निर्मित झीलों का प्रमुख उदाहरण मिर्जापुर ज़िलें का टाण्डादरी ताल है, जिसके जल का उपयोग मिर्जापुर नगर में किया जाता है। यह ताल मिर्जापुर से 14 किमी दूर स्थित है।
  • गर्तों के जलप्लावित होने से बनी अनेक झीलें पर्वतीय भाग में पायी जाती हैं।

अन्य प्रकार की झील

कुछ अन्य प्रकार की झीलों में निम्न के नाम उल्लेखनीय हैं।

  • लखनऊ की दुलास खेड़ा के निकट करेला व मोहना के समीप इतौजा
  • रायबरेली की भुगेताल तथा विसैया
  • प्रतापगढ़ की बेती तथा नइया
  • सुल्तानपुर के राजा का बाँध
  • लौधीताल व भोजपुर
  • रामपुर की मोती व गौर
  • उन्नाव की कुन्द्रा समुन्दर
  • कानपुर की बलाहापारा
  • फतेहपुर की मोराय
  • वाराणसी की औंधी ताल
  • आगरा की कीठम झील
  • नदी मोड़ से निर्मित गौखुर झील का मुख्य उदाहरण शाहजहाँपुर ज़िलें की बड़ाताल झील जो रामगंगा नदी के मोड़ द्वारा निर्मित है।

उत्तर प्रदेश की प्रमुख नदियाँ और उनके किनारे स्थित नगर

उत्तर प्रदेश की मुख्य नदियों में गंगा, यमुना, गोमती आदि के किनारे अनेक ऐतिहासिक नगर बसे हैं। जिनका उल्लेख निम्नलिखित तालिका में प्रस्तुत है:

नदी नगर
गंगा नदी ॠषिकेश, बद्रीनाथ, हरिद्वार, कानपुर, वाराणसी, गढ़मुक्तेश्वर, सौंरो, राजघाट, फर्रुख़ाबाद, मिर्जापुर
गंगा-यमुना का संगम इलाहाबाद
यमुना नदी मथुरा, आगरा, वृन्दावन, बटेश्वर, कोशाम्बी, हमीरपुर
गोमती नदी लखनऊ
सरयू नदी अयोध्या