अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
गोविन्द राम (talk | contribs) |
||
Line 9: | Line 9: | ||
<references/> | <references/> | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
*[http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/7047/9/193 मातृभाषा के लिए क्या हम आधी रात में जाग सकते हैं] | |||
*[http://www.unesco.org/new/en/culture/themes/cultural-diversity/languages-and-multilingualism/ Languages matter!] | |||
*[http://raj-bhasha-hindi.blogspot.in/2010/02/blog-post_22.html अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस और हिन्दी] | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{अंतर्राष्ट्रीय विश्व दिवस}} | {{अंतर्राष्ट्रीय विश्व दिवस}} |
Revision as of 12:10, 3 February 2013
अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 21 फरवरी को मनाया जाता है। 17 नवंबर, 1999 को यूनेस्को ने इसे स्वीकृति दी। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है कि विश्व में भाषाई एवं सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषिता को बढ़ावा मिले।
इतिहास
यूनेस्को द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की घोषणा से बांग्लादेश के भाषा आन्दोलन दिवस को अन्तर्राष्ट्रीय स्वीकृति मिली, जो बांग्लादेश में सन 1952 से मनाया जाता रहा है। बांग्लादेश में इस दिन एक राष्ट्रीय अवकाश होता है। 2008 को अन्तर्राष्ट्रीय भाषा वर्ष घोषित करते हुए, संयुक्त राष्ट्र आम सभा ने अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के महत्व को फिर महत्त्व दिया था। हमारे संविधान निर्माताओं की आकांक्षा थी कि स्वतंत्रता के बाद भारत का शासन अपनी भाषाओं में चले ताकि आम जनता शासन से जुड़ी रहे और समाज में एक सामंजस्य स्थापित हो और सबकी प्रगति हो सके। इसमें कोई शक नहीं कि भारत हमारा देश प्रगति के पथ पर अग्रसर है। पर यह भी सच है कि इस प्रगति का लाभ देश की आम जनता तक पूरी तरह पहुंच नहीं पा रहा है। इसके कारणों की तरफ़ जब हम दृष्टि डालते हैं तो पाते हैं कि हम शासन को जनता तक उसकी भाषा में पहुंचाने में अभी तक क़ामयाब नहीं हुए हैं। यह एक प्रमुख कारण है। जब तक इस काम में तेज़ी नहीं आती तब तक किसी भी क्षेत्र में देश की बड़ी से बड़ी उपलब्धि और प्रगति का कोई मूल्य नहीं रह जाता।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- मातृभाषा के लिए क्या हम आधी रात में जाग सकते हैं
- Languages matter!
- अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस और हिन्दी
संबंधित लेख