भारतकोश:अभ्यास पन्ना: Difference between revisions
Krishna anuj (talk | contribs) No edit summary |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 2: | Line 2: | ||
<!--सम्पादन अभ्यास इस से नीचे करे --> | <!--सम्पादन अभ्यास इस से नीचे करे --> | ||
'''पी. जयराज''' पूरा नाम पैंदी जयराज (जन्म 28 सितम्बर, 1909 आंध्र प्रदेश - मृत्यु 11 अगस्त, 2000 बम्बई) हिन्दी फिल्म जगत् के एकमात्र जीवित ऐसे वृद्ध अभिनेता थे जो मूक फिल्मों के दौर से लेकर वर्तमान दौर की अनेक फिल्मों में काम कर चुके थे। हिन्दी सिनेमा के पर्दे पर सर्वाधिक राष्ट्रीय और ऐतिहासिक नायकों को जीवित करने का कीर्तिमान इसी कलाकार के साथ जुड़ा है। नौशाद जैसे महान संगीतकार को फिल्मों में ब्रेक देने का श्रेय भी जयराज के नाम है। उनकी जिंदगी हिन्दी सिने जगत के इतिहास के साथ साथ चलती हुई, एक सिनेमा की कहानी जैसी है। वे सरोजिनी नाइडू , पद्माजा नाइडू | '''पी. जयराज''' पूरा नाम पैंदी जयराज (जन्म 28 सितम्बर, 1909 आंध्र प्रदेश - मृत्यु 11 अगस्त, 2000 बम्बई) हिन्दी फिल्म जगत् के एकमात्र जीवित ऐसे वृद्ध अभिनेता थे जो मूक फिल्मों के दौर से लेकर वर्तमान दौर की अनेक फिल्मों में काम कर चुके थे। हिन्दी सिनेमा के पर्दे पर सर्वाधिक राष्ट्रीय और ऐतिहासिक नायकों को जीवित करने का कीर्तिमान इसी कलाकार के साथ जुड़ा है। नौशाद जैसे महान संगीतकार को फिल्मों में ब्रेक देने का श्रेय भी जयराज के नाम है। उनकी जिंदगी हिन्दी सिने जगत के इतिहास के साथ साथ चलती हुई, एक सिनेमा की कहानी जैसी है। वे सरोजिनी नाइडू , पद्माजा नाइडू (जो बंगाल की गवर्नर थीं) के भतीजे थे। 'पाइदीपाटी जैरुला नाइडू' उनका आन्ध्रीय नाम था।हैदराबाद में पले बड़े हुए जिससे उर्दू भाषा पर पकड़ अच्छी थी, वो काम आयी। | ||
(जो बंगाल की गवर्नर थीं) के भतीजे थे। 'पाइदीपाटी जैरुला नाइडू' उनका आन्ध्रीय नाम था।हैदराबाद में पले बड़े हुए जिससे उर्दू भाषा पर पकड़ अच्छी थी, वो काम आयी। | |||
==जीवन परिचय== | ==जीवन परिचय== |
Revision as of 10:53, 7 February 2013
अभ्यास पन्ने पर आपका स्वागत है यह अभ्यास पन्ना "सम्पादन अभ्यास" के लिए है। इसका पाठ प्रतिदिन समाप्त कर दिया जाता है। देखें: सहायता |
पी. जयराज पूरा नाम पैंदी जयराज (जन्म 28 सितम्बर, 1909 आंध्र प्रदेश - मृत्यु 11 अगस्त, 2000 बम्बई) हिन्दी फिल्म जगत् के एकमात्र जीवित ऐसे वृद्ध अभिनेता थे जो मूक फिल्मों के दौर से लेकर वर्तमान दौर की अनेक फिल्मों में काम कर चुके थे। हिन्दी सिनेमा के पर्दे पर सर्वाधिक राष्ट्रीय और ऐतिहासिक नायकों को जीवित करने का कीर्तिमान इसी कलाकार के साथ जुड़ा है। नौशाद जैसे महान संगीतकार को फिल्मों में ब्रेक देने का श्रेय भी जयराज के नाम है। उनकी जिंदगी हिन्दी सिने जगत के इतिहास के साथ साथ चलती हुई, एक सिनेमा की कहानी जैसी है। वे सरोजिनी नाइडू , पद्माजा नाइडू (जो बंगाल की गवर्नर थीं) के भतीजे थे। 'पाइदीपाटी जैरुला नाइडू' उनका आन्ध्रीय नाम था।हैदराबाद में पले बड़े हुए जिससे उर्दू भाषा पर पकड़ अच्छी थी, वो काम आयी।