रेज़ीडेंसी संग्रहालय लखनऊ: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
('==स्थिति और निर्माण== रेसिडेंसी वर्तमान में एक राष्ट्...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 18: | Line 18: | ||
बंद रहने का दिन - सोमवार | बंद रहने का दिन - सोमवार | ||
[[Category:उत्तर_प्रदेश_के_ऐतिहासिक_स्थान]][[Category:उत्तर_प्रदेश_के_पर्यटन_स्थल]]__INDEX__ | [[Category:उत्तर_प्रदेश_के_ऐतिहासिक_स्थान]] | ||
[[Category:उत्तर_प्रदेश_के_पर्यटन_स्थल]] | |||
[[Category:लखनऊ]] | |||
__INDEX__ |
Revision as of 10:01, 27 June 2010
स्थिति और निर्माण
रेसिडेंसी वर्तमान में एक राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक है। रेसिडेंसी का निर्माण लखनऊ के समकालीन नवाब आसिफउद्दौला ने सन 1780 में प्रारम्भ करवाया था जिसे बाद में नवाब सआदत अली द्वारा सन 1800 में पूरा करावाया गया। रेसिडेंसी अवध प्रांत की राजधानी लखनऊ में रह रहे, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंम्पनी के अधिकारियों का निवास स्थान हुआ करता थी।
सम्पूर्ण परिसर मे प्रमुखतया पाँच-छह भवन थे, जिनमें मुख्य भवन, बेंक्वेट हाल, ड़ॉक्टर फेयरर का घर, बेगम कोठी, बेगम कोठी के पास एक मस्जिद, ट्रेज़री आदि प्रमुख थे।
संग्रहालय
आज इन इमारतों के भग्नावषेश ही बचे हैं। रेजीडेन्सी के खंडहर हमें लखनऊ में 1857 के महान विद्रोह की याद दिलाते हैं। वे यथास्थिति में परिरक्षित है जिसमें वे 1920 में केन्द्रीय संरक्षण में आए। यह संग्रहालय भारतीय स्वतंत्रता के प्रथम संग्राम के दौरान इसके महत्व को ध्यान में रखते हुए स्थापित किया गया है। यह संग्रहालय ऐसे भाग में स्थित है जो मुख्य रेसीडेन्सी भवन से जुड़ा है और जिसका पहले प्रयोग रेजीडेन्सी परिसर के एक मॉडल को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता था।
यह संग्रहालय 1857 के स्वतंत्रता संघर्ष के दृश्यमान विवरण प्रस्तुत करने के लिए तैयार किया गया है और इसमें रेजीडेन्सी एक मॉडल, पुरानी फोटो, शिलालेख, चित्र, दस्तावेज, अवधि से सम्बंधित वस्तुएं जैसे बन्दूकें, तलवारें, ढालें, तोपें, रैंक के बिल्ले, तमगे तथा अन्य वस्तुएं मौजूद हैं। कैनवास पर चित्रावली और चित्रकारियॉं प्रदर्शित वस्तुओं में शामिल हैं जिनमें रेजीडेन्सी में हुए कुछ युद्ध तथा इसी भाव से जुड़ी अन्य चीजें दर्शायी गई हैं।
प्रदर्शित वस्तुएं 1857 की गाथा को कालानुक्रम में प्रस्तुत करती है। स्थानीय वीरों के मानव चित्रों के साथ-साथ विद्रोह से सम्बंधित मूल छायाचित्र और अनेक स्थलों के शिलालेख और विद्रोह की महत्वपूर्ण घटनाओं को दर्शाने वाले चित्र प्रदर्शित किए गए हैं। लखनऊ में जो कि 1857 के विद्रोह का केन्द्र था, रणनीतिक स्थितियों को दर्शाने वाले अनेक मानचित्र, रेजीडेन्सी का मानचित्र और दीर्घा के विन्यास का रेखाचित्र भी प्रदर्शित किया गया है।
यह संग्रहालय दो भागों- भूतल और बेसमेंट में विभाजित है। दक्षिणी दिशा में एक विशाल दोहरे स्तंभ वाले पोर्टिको से लेकर भूतल पर प्रवेश किया जा सकता है। प्रवेश द्वार पर बने एक छोटे कमरे से होकर भूतल पर स्थित दीघाओं में पहुंचा जाता है और घुमावदार सीढ़ियों से बेसमेंट में स्थित दीर्घाओं में पहुँचा जाता है। भूतल में चार दीर्घाएं हैं और बेसमेंट में सात दीर्घाएं हैं।
हाल ही में संग्रहालय के बेसमेंट में एक नई दीर्घा को जोड़ा गया है जिसमें रेजीडेन्सी के दक्षिणी भाग में खुदाई के दौरान पाई गई कला वस्तुएं मौजूद हैं। इनमें टेराकोटा की अनेक मानव और पशु मूर्तिकाएं, एक गोली भरी पिस्तौल, चीनी मिट्टी के बर्तन, तोप के गोले, टेराकोटा की खपरैल, शराब की बोतलों के टुकड़े और चांदी की परत वाला मक्खी उड़ाने वाला यंत्र इत्यादि शामिल हैं।
पर्यटन समय
खुले रहने का समय: प्रात: 10.00 बजे से 5.00 बजे शाम तक
बंद रहने का दिन - सोमवार