आज़ादी की चाह -जवाहरलाल नेहरू: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 47: Line 47:
|}
|}
__INDEX__
__INDEX__
 
<noinclude>[[Category:प्रेरक प्रसंग]]</noinclude>


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

Revision as of 01:33, 6 August 2014

आज़ादी की चाह -जवाहरलाल नेहरू
मूल शीर्षक जवाहरलाल नेहरू
प्रकाशक भारतकोश प्रकाशन
प्रकाशन तिथि 2014
देश भारत
पृष्ठ: 80
भाषा हिन्दी
शैली प्रेरक प्रसंग
मुखपृष्ठ रचना प्रेरक प्रसंग-भारतकोश

बात उस समय की है जब जवाहरलाल नेहरू किशोर अवस्था के थे। पिता मोतीलाल नेहरू उन दिनों अंग्रेजों से भारत को आज़ाद कराने की मुहिम में शामिल थे। इसका असर बालक जवाहर पर भी पड़ा। मोतीलाल ने पिंजरे में तोता पाल रखा था। एक दिन जवाहर ने तोते को पिंजरे से आज़ाद कर दिया। मोतीलाल को तोता बहुत प्रिय था। उसकी देखभाल एक नौकर करता था। नौकर ने यह बात मोतीलाल को बता दी।

मोतीलाल ने जवाहर से पूछा, 'तुमने तोता क्यों उड़ा दिया।

बालक जवाहर ने कहा, 'पिताजी पूरे देश की जनता आज़ादी चाह रही है। तोता भी आज़ादी चाह रहा था, सो मैंने उसे आज़ाद कर दिया।'

मोतीलाल बालक जवाहर का मुंह देखते रह गये।

आगे पढ़ने के लिए जवाहरलाल नेहरू -भारतकोश पर जाएँ


टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध