डर का सामना -स्वामी विवेकानंद: Difference between revisions

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Revision as of 10:54, 13 January 2015

डर का सामना -स्वामी विवेकानंद
विवरण स्वामी विवेकानन्द
भाषा हिंदी
देश भारत
मूल शीर्षक प्रेरक प्रसंग
उप शीर्षक स्वामी विवेकानन्द के प्रेरक प्रसंग
संकलनकर्ता अशोक कुमार शुक्ला

एक बार बनारस में स्वामी जी दुर्गा जी के मंदिर से निकल रहे थे कि तभी वहां मौजूद बहुत सारे बंदरों ने उन्हें घेर लिया । वे उनके नज़दीक आने लगे और डराने लगे । स्वामी जी भयभीत हो गए और खुद को बचाने के लिए दौड़ कर भागने लगे, पर बन्दर तो मानो पीछे ही पड़ गए और वे उन्हें दौडाने लगे । पास खड़े एक वृद्ध सन्यासी ये सब देख रहे थे । उन्होंने स्वामी जी को रोका और बोले ,
” रुको ! उनका सामना करो !”
     
स्वामी जी तुरन्त पलटे और बंदरों के तरफ बढ़ने लगे । ऐसा करते ही सभी बन्दर भाग गए । इस घटना से स्वामी जी को एक गंभीर सीख मिली और कई सालों बाद उन्होंने एक संबोधन में कहा भी –
” यदि तुम कभी किसी चीज से भयभीत हो तो उससे भागो मत, पलटो और सामना करो ।”


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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