लक्ष्य पर ध्यान -स्वामी विवेकानंद: Difference between revisions

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Revision as of 10:54, 13 January 2015

लक्ष्य पर ध्यान -स्वामी विवेकानंद
विवरण स्वामी विवेकानन्द
भाषा हिंदी
देश भारत
मूल शीर्षक प्रेरक प्रसंग
उप शीर्षक स्वामी विवेकानन्द के प्रेरक प्रसंग
संकलनकर्ता अशोक कुमार शुक्ला

स्वामी विवेकानन्द अमेरिका में भ्रमण कर रहे थे । एक जगह से गुजरते हुए उन्होंने पुल पर खड़े कुछ लड़कों को नदी में तैर रहे अंडे के छिलकों पर बन्दूक से निशाना लगाते देखा । किसी भी लड़के का एक भी निशाना सही नहीं लग रहा था । तब उन्होंने ने एक लड़के से बन्दूक ली और खुद निशाना लगाने लगे । उन्होंने पहला निशाना लगाया और वो बिलकुल सही लगा ….. फिर एक के बाद एक उन्होंने कुल 12 निशाने लगाये और सभी बिलकुल सटीक लगे । ये देख लड़के दंग रह गए और उनसे पुछा ,

” भला आप ये कैसे कर लेते हैं ?”
स्वामी जी बोले ,
“तुम जो भी कर रहे हो अपना पूरा दिमाग उसी एक काम में लगाओ । अगर तुम निशाना लगा रहे हो तो तम्हारा पूरा ध्यान सिर्फ अपने लक्ष्य पर होना चाहिए । तब तुम कभी चूकोगे नहीं । अगर तुम अपना पाठ पढ़ रहे हो तो सिर्फ पाठ के बारे में सोचो । मेरे देश में बच्चों को ये करना सिखाया जाता है । ”


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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