देवघर पर्यटन: Difference between revisions
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*ठाकुर अनुकूलचंद्र के अनुयायियों के लिए यह स्थान धार्मिक आस्था का प्रतीक है। | |||
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Revision as of 12:06, 17 August 2010
झारखंड कुछ प्रमुख तीर्थस्थानों का केंद्र है जिनका ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्व है। इन्हीं में से एक स्थान है देवघर। यह स्थान संथाल परगना के अंतर्गत आता है। देवघर शांति और भाईचारे का प्रतीक है। यहाँ पर कई पर्यटन स्थल है जो इस प्रकार है:-
पर्यटन स्थल
वैद्यनाथ धाम
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- ज्योतिर्लिंगों की गणना में श्री वैद्यनाथ शिवलिंग का नौवाँ स्थान बताया गया है।
- भगवान श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का मन्दिर जिस स्थान पर अवस्थित है, उसे वैद्यनाथधाम कहा जाता है।
- यह स्थान झारखण्ड प्रान्त, पूर्व में बिहार प्रान्त के सन्थाल परगना के दुमका नामक जनपद में पड़ता है।
वासुकीनाथ मन्दिर
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- वासुकीनाथ अपने शिव मंदिर के लिए जाना जाता है।
- बैद्यनाथ मंदिर की यात्रा तब तक अधूरी मानी जाती है जब तक वासुकीनाथ में दर्शन नहीं किए जाते।
- यह मंदिर देवघर से 45.20 किमी. दूर स्थित हिन्दुओं का यह तीर्थ स्थल दुमका ज़िले में स्थित है।
बैजू मंदिर
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- बाबा वैद्यनाथ मंदिर परिसर के पश्चिम में देवघर के मुख्य बाजार में तीन और मंदिर भी हैं।
- इन्हें बैजू मंदिर के नाम से जाना जाता है।
त्रिकुट
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- देवघर से 16 किमी. दूर दुमका रोड पर एक खूबसूरत पर्वत त्रिकूट स्थित है।
- इस पहाड़ पर बहुत सारी गुफाएं और झरनें हैं।
नौलखा मंदिर
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- देवघर के बाहरी हिस्से में स्थित यह मंदिर अपने वास्तुशिल्प की खूबसूरती के लिए जाना जाता है।
- इस मंदिर का निर्माण बालानंद ब्रह्मचारी के एक अनुयायी ने किया था।
नंदन पहाड़
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- इस पर्वत की महत्ता यहाँ बने मंदिरों के झुंड के कारण है।
- जो विभिन्न भगवानों को समर्पित हैं।
सत्संग आश्रम
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- ठाकुर अनुकूलचंद्र के अनुयायियों के लिए यह स्थान धार्मिक आस्था का प्रतीक है।
- सर्व धर्म मंदिर के अलावा यहाँ पर एक संग्रहालय और चिड़ियाघर भी है।
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