ईस्ट इंडिया कम्पनी: Difference between revisions

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[[इंग्लैण्ड]] की रानी एलिजाबेथ प्रथम के समय में 31 दिसम्बर, 1600 को [[भारत]] में 'दि गवर्नर एण्ड कम्पनी ऑफ़ लन्दन ट्रेडिंग इन्टू दि ईस्ट इंडीज' अर्थात ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना हुई। ईस्ट इंडिया कम्पनी एक निजी व्यापारिक कम्पनी थी जिसने शाही अधिकार पत्र द्वारा व्यापार करने का अधिकार प्राप्त कर लिया था। कम्पनी का मुख्य उद्देश्य धन कमाना था। 1708 ई॰ में ईस्ट इंडिया कम्पनी की प्रतिद्वन्दी कम्पनी 'न्यू कम्पनी' का ईस्ट इंडिया कम्पनी में विलय हो गया। परिणाम स्वरूप 'द यूनाइटेड कम्पनी ऑफ़ मर्चेट्स ऑफ़ इंग्लैण्ड ट्रेडिंग टू ईस्ट इंडिज' की स्थापना हुई।
[[इंग्लैण्ड]] की रानी एलिजाबेथ प्रथम के समय में 31 दिसम्बर, 1600 को [[भारत]] में 'दि गवर्नर एण्ड कम्पनी ऑफ़ लन्दन ट्रेडिंग इन्टू दि ईस्ट इंडीज' अर्थात ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना हुई। ईस्ट इंडिया कम्पनी एक निजी व्यापारिक कम्पनी थी जिसने शाही अधिकार पत्र द्वारा व्यापार करने का अधिकार प्राप्त कर लिया था। कम्पनी का मुख्य उद्देश्य धन कमाना था। 1708 ई. में ईस्ट इंडिया कम्पनी की प्रतिद्वन्दी कम्पनी 'न्यू कम्पनी' का ईस्ट इंडिया कम्पनी में विलय हो गया। परिणाम स्वरूप 'द यूनाइटेड कम्पनी ऑफ़ मर्चेट्स ऑफ़ इंग्लैण्ड ट्रेडिंग टू ईस्ट इंडिज' की स्थापना हुई।





Revision as of 08:30, 25 August 2010

इंग्लैण्ड की रानी एलिजाबेथ प्रथम के समय में 31 दिसम्बर, 1600 को भारत में 'दि गवर्नर एण्ड कम्पनी ऑफ़ लन्दन ट्रेडिंग इन्टू दि ईस्ट इंडीज' अर्थात ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना हुई। ईस्ट इंडिया कम्पनी एक निजी व्यापारिक कम्पनी थी जिसने शाही अधिकार पत्र द्वारा व्यापार करने का अधिकार प्राप्त कर लिया था। कम्पनी का मुख्य उद्देश्य धन कमाना था। 1708 ई. में ईस्ट इंडिया कम्पनी की प्रतिद्वन्दी कम्पनी 'न्यू कम्पनी' का ईस्ट इंडिया कम्पनी में विलय हो गया। परिणाम स्वरूप 'द यूनाइटेड कम्पनी ऑफ़ मर्चेट्स ऑफ़ इंग्लैण्ड ट्रेडिंग टू ईस्ट इंडिज' की स्थापना हुई।


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