तूफ़ान और कितने -वीरेन्द्र खरे ‘अकेला’: Difference between revisions

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बदलेगी दिल की पुस्तक उन्वान और कितने  
बदलेगी दिल की पुस्तक उन्वान और कितने  


जो सुख नहीं रहे तो दुख भी नहीं रहेंगे  
जो सुख नहीं रहे तो दु:ख भी नहीं रहेंगे  
किसी एक घर रूकेंगे मेहमान और कितने  
किसी एक घर रूकेंगे मेहमान और कितने  



Latest revision as of 14:01, 2 June 2017

तूफ़ान और कितने -वीरेन्द्र खरे ‘अकेला’
जन्म 18 अगस्त, 1968
जन्म स्थान किशनगढ़, छतरपुर, मध्यप्रदेश
मुख्य रचनाएँ शेष बची चौथाई रात (ग़ज़ल संग्रह), सुबह की दस्तक (ग़ज़ल-गीत संग्रह), अंगारों पर शबनम (ग़ज़ल संग्रह)
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
वीरेन्द्र खरे ‘अकेला’ की रचनाएँ


गुज़रेंगे इस चमन से तूफ़ान और कितने
रूठे रहेंगे हमसे भगवान और कितने

अब हाल पर हमारे तुम हमको छोड़ भी दो
लेते फिरंे तुम्हारे अहसान और कितने

नेता, वकील, पंडित, मुल्ला, समाज सेवक
बदलेगा रूप आखि़र शैतान और कितने

हमें तोड़ने की ख़ातिर, हमें लूटने की ख़ातिर
हमसे करेंगे आखि़र पहचान और कितने

आँसू, अभाव, विपदा, आहें, घुटन, हताशा
बदलेगी दिल की पुस्तक उन्वान और कितने

जो सुख नहीं रहे तो दु:ख भी नहीं रहेंगे
किसी एक घर रूकेंगे मेहमान और कितने

दिन की तरह कोई दिन निकले भी अब ‘अकेला’
होंगे तिमिर के बंदी दिनमान और कितने

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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