मनोहर पेडनेकर: Difference between revisions

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'''मनोहर पेडनेकर''' का जन्म सन [[1936]] में [[गोवा]] के परनेम गाँव में हुआ था। यह [[भारत]] की आज़ादी के लिए संघर्ष करने वाले प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे। इनके पिता का नाम श्री श्रीकृष्ण पेडनेकर था। वह गोमांतक दल के सक्रिय सदस्य थे।
'''मनोहर पेडनेकर''' का जन्म सन [[1936]] में [[गोवा]] के परनेम गाँव में हुआ था। यह [[भारत]] की आज़ादी के लिए संघर्ष करने वाले प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे। इनके पिता का नाम श्री श्रीकृष्ण पेडनेकर था। वह गोमांतक दल के सक्रिय सदस्य थे।


*मनोहर पेडनेकर का हौसला इतना बढ़ा हुआ था कि वह पुर्तगाली पुलिस एवं फौज से जब-तब भिड़ जाया करते थे और भारी हानि के साथ उन्हें पीछे हटाते थे।  
*मनोहर पेडनेकर का हौसला इतना बढ़ा हुआ था कि वह पुर्तग़ाली पुलिस एवं फौज से जब-तब भिड़ जाया करते थे और भारी हानि के साथ उन्हें पीछे हटाते थे।  
*सन [[1961]] में केरी नामक एस स्थान पर मिलिट्री की एक कंपनी के साथ उनकी मुठभेड़ हो गई। स्वयं के ही हाथ में हथगोला फट जाने के कारण युद्धभूमि में उन्होंने वीरगति प्राप्त कर ली। <ref>{{cite web |url=http://www.kranti1857.org/goa%20krantikari.php#Laxman%20V |title=मनोहर पेडनेकर|accessmonthday=16 फरवरी|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=क्रांति 1857|language= हिंदी}}</ref>
*सन [[1961]] में केरी नामक एस स्थान पर मिलिट्री की एक कंपनी के साथ उनकी मुठभेड़ हो गई। स्वयं के ही हाथ में हथगोला फट जाने के कारण युद्धभूमि में उन्होंने वीरगति प्राप्त कर ली। <ref>{{cite web |url=http://www.kranti1857.org/goa%20krantikari.php#Laxman%20V |title=मनोहर पेडनेकर|accessmonthday=16 फरवरी|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=क्रांति 1857|language= हिंदी}}</ref>



Latest revision as of 14:31, 7 July 2017

मनोहर पेडनेकर का जन्म सन 1936 में गोवा के परनेम गाँव में हुआ था। यह भारत की आज़ादी के लिए संघर्ष करने वाले प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे। इनके पिता का नाम श्री श्रीकृष्ण पेडनेकर था। वह गोमांतक दल के सक्रिय सदस्य थे।

  • मनोहर पेडनेकर का हौसला इतना बढ़ा हुआ था कि वह पुर्तग़ाली पुलिस एवं फौज से जब-तब भिड़ जाया करते थे और भारी हानि के साथ उन्हें पीछे हटाते थे।
  • सन 1961 में केरी नामक एस स्थान पर मिलिट्री की एक कंपनी के साथ उनकी मुठभेड़ हो गई। स्वयं के ही हाथ में हथगोला फट जाने के कारण युद्धभूमि में उन्होंने वीरगति प्राप्त कर ली। [1]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मनोहर पेडनेकर (हिंदी) क्रांति 1857। अभिगमन तिथि: 16 फरवरी, 2017।

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  1. REDIRECTसाँचा:स्वतन्त्रता सेनानी