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'''चार्ल्स डार्विन''' (अंग्रेज़ी: ''Charles Darwin''; जन्म- [[12 फ़रवरी]], [[1809]], [[इंग्लैंड]]; मृत्यु- [[19 अप्रैल]], [[1882]]) महान प्रकृतिवादी वैज्ञानिक थे जिन्होंने *क्रमविकास के सिद्धांत* को दुनिया के सामने रखा। उन्होंने प्राचीन समय से इंसानों और अन्य जीवों में होने वाले विकास को अपने शोध में बहुत ही आसान तरीके से बताया था। | |||
==संक्षिप्त परिचय== | |||
चार्ल्स डार्विन का जन्म [[12 फ़रवरी]], [[1809]] को [[इंग्लैंड]] में हुआ था। इनका पूरा नाम चार्ल्स रॉबर्ट डार्विन था। ये अपने माता-पिता की पांचवी संतान थे। डार्विन एक बहुत ही पढ़े – लिखे और अमीर परिवार में पैदा हुए थे। उनके पिता राबर्ट डार्विन एक जाने माने डॉक्टर थे। डार्विन जब महज 8 साल के थे तो उनकी माता की मृत्यु हो गई थी। | |||
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डार्विन 1817 में जब 8 साल के थे तो उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा के लिए एक इसाई मिशनरी स्कूल में दाखिल करवाया गया था। | |||
;एडिनबर्घ मेडिकल युनिर्वसिटी | |||
डार्विन के पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे इसलिए वो डार्विन को अपने साथ रखने लगे | |||
और डॉक्टर बनने की ट्रेनिंग देने लगे। 1825 ईसवी में जब डार्विन 16 साल के थे तो उन्हें | |||
एडिनबर्घ की मेडिकल युनिर्वसिटी में दाखिल करवाया गया। | |||
चार्ल्स डार्विन को मेडिकल में कोई ज्यादा रूचि नहीं थी। वो हमेशा प्रकृति का इतिहास | |||
जानने की कोशिश करते रहते। विविध पौधों के नाम जानने की कोशिश करते रहते और पौधों के | |||
टुकडो को भी जमा करते। | |||
क्राइस्ट कॉलेज | |||
एडिनबर्ग युनिर्वसिटी के बाद डार्विन को 1927 में क्राइस्ट कॉलेज में दाखिल करवाया गया | |||
ताकि वो मेडीकल की आगे की पढ़ाई पूरी कर सके। पर यहां भी उनका मन मेडिकल में कम और | |||
प्राकृतिक विज्ञान में ज्यादा लगा रहता। | |||
क्राइस्ट कॉलेज में रहने के दौरान डार्विन ने प्रकृति विज्ञान के कोर्स को भी join कर | |||
लिया था। प्रकृति विज्ञान की साधारण अंतिम परीक्षा में वे 178 विद्यार्थियों में से दसवे | |||
नंबर पर आये थे। मई 1931 तक वो क्राइस्ट कॉलेज में ही रहे। |
Revision as of 13:22, 11 July 2017
चार्ल्स डार्विन (अंग्रेज़ी: Charles Darwin; जन्म- 12 फ़रवरी, 1809, इंग्लैंड; मृत्यु- 19 अप्रैल, 1882) महान प्रकृतिवादी वैज्ञानिक थे जिन्होंने *क्रमविकास के सिद्धांत* को दुनिया के सामने रखा। उन्होंने प्राचीन समय से इंसानों और अन्य जीवों में होने वाले विकास को अपने शोध में बहुत ही आसान तरीके से बताया था।
संक्षिप्त परिचय
चार्ल्स डार्विन का जन्म 12 फ़रवरी, 1809 को इंग्लैंड में हुआ था। इनका पूरा नाम चार्ल्स रॉबर्ट डार्विन था। ये अपने माता-पिता की पांचवी संतान थे। डार्विन एक बहुत ही पढ़े – लिखे और अमीर परिवार में पैदा हुए थे। उनके पिता राबर्ट डार्विन एक जाने माने डॉक्टर थे। डार्विन जब महज 8 साल के थे तो उनकी माता की मृत्यु हो गई थी।
- शिक्षा
डार्विन 1817 में जब 8 साल के थे तो उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा के लिए एक इसाई मिशनरी स्कूल में दाखिल करवाया गया था।
- एडिनबर्घ मेडिकल युनिर्वसिटी
डार्विन के पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे इसलिए वो डार्विन को अपने साथ रखने लगे और डॉक्टर बनने की ट्रेनिंग देने लगे। 1825 ईसवी में जब डार्विन 16 साल के थे तो उन्हें एडिनबर्घ की मेडिकल युनिर्वसिटी में दाखिल करवाया गया।
चार्ल्स डार्विन को मेडिकल में कोई ज्यादा रूचि नहीं थी। वो हमेशा प्रकृति का इतिहास जानने की कोशिश करते रहते। विविध पौधों के नाम जानने की कोशिश करते रहते और पौधों के टुकडो को भी जमा करते।
क्राइस्ट कॉलेज
एडिनबर्ग युनिर्वसिटी के बाद डार्विन को 1927 में क्राइस्ट कॉलेज में दाखिल करवाया गया ताकि वो मेडीकल की आगे की पढ़ाई पूरी कर सके। पर यहां भी उनका मन मेडिकल में कम और प्राकृतिक विज्ञान में ज्यादा लगा रहता।
क्राइस्ट कॉलेज में रहने के दौरान डार्विन ने प्रकृति विज्ञान के कोर्स को भी join कर लिया था। प्रकृति विज्ञान की साधारण अंतिम परीक्षा में वे 178 विद्यार्थियों में से दसवे नंबर पर आये थे। मई 1931 तक वो क्राइस्ट कॉलेज में ही रहे।