प्रयोग:रिंकू2: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
'''पुतलीबाई''' (जन्म- 1839, दात्राल गाँव, [[जूनागढ़]]; मृत्यु- 1891)<ref>{{cite web |url=https://www.geni.com/people/Putlibai-Gandhi/6000000009016607497 |title=पुतलीबाई |accessmonthday= 14 अक्टूबर|accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=www.geni.com |language=हिंदी }}</ref> [[मोहनदास करमचंद गाँधी|महात्मा गाँधी]] की माता तथा करमचंद गाँधी, जिन्हें कबा गाँधी के नाम से भी जाना जाता था, की चौथी पत्नी थीं।
[[चित्र:Trade-Mark.jpg|thumb|250px|ट्रेड मार्क]]
==जीवन परिचय==
'''ट्रेड मार्क''' (''Trade Mark'') सामान्य भाषा में किसी ब्रांड नाम से प्रचलित वह दृश्य चिह्न है, जो शब्द हस्ताक्षर, नाम, उपाय/युक्ति, लेबल, अंक, रंगों के संयोजन कुछ भी हो सकता है। ट्रेड मार्क को किसी कम्पनी द्वारा अपने माल अथवा सेवाओं व अन्य वाणिज्यिक मदों को, समान माल अथवा सेवायें बनाने वाली अन्य कम्पनियों से अलग दिखाने हेतु प्रयोग किया जाता है। ट्रेड मार्क चयन के लिए आविष्कारित शब्द अथवा निर्मित शब्द सर्वश्रेष्ठ मार्क होते हैं। इसके लिए भौगोलिक नाम के चयन से बचें क्योंकि किसी को भी उस पर एकाधिकार नहीं हो सकता।
पुतलीबाई का जन्म सन् 1839 में जूनागढ़ के पास दात्राल गाँव में हुआ था। वे एक निर्धन परिवार से सम्बंधित थीं। उनका विवाह करमचंद गाँधी के साथ हुआ था। पुतलीबाई उनकी चौथी पत्नी थीं।
==वैवाहिक जीवन==
कबा और पुतलीबाई की आयु में दुगुने से भी अधिक का अंतर था, लेकिन जल्दी ही उन्होनें घर की पूरी ज़िम्मेदारी सँभाल ली। कबा का परिवार बहुत बड़ा था। दीवान होने के कारण उनके घर मेहमानों और रिश्तेदारों का आना-जाना लगा ही रहता था। घर में हर शाम 40-50 लोगों का भोजन बनता था। पुतलीबाई घर की अन्य महिलाओं के साथ स्वंय रसोई का काम सँभालती थीं। पुतलीबाई ने सौतेली संतानों से कभी भेदभाव नहीं किया। वास्तव में उनकी सौतेली संताने उम्र में उनसे बड़ी थीं, जिनके साथे उन्होंने सद्भावपूर्ण व्यवहार किया, उनकी सुख- सुविधाओं का बेहतर ख्याल रखा। बड़े सवेरे उठकर नित्य कर्मों से निवृत्त होकर वे पूजा-आराधना करतीं फिर रसोई के कार्य में जुट जातीं।


उनकी सादगी और निस्स्वार्थ सेवा की लोग प्रशंसा करते थे। कहते थे कि दीवान की पत्नी होकर भी उनमें लेशमात्र गर्व नहीं है। ऐसी पत्नी को पाकर कबा गर्व से फूले नहीं समाते थे।
ट्रेड मार्क को अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत कराने हेतु विधिक अपेक्षायें निम्नवत है-         
==संतान==
*चयनित ट्रेड मार्क को लिखित/चित्र रूप में प्रस्तुत करने योग्य (कागज़ पर) होना अनिवार्य है।
पुतलीबाई के तीन पुत्र थे। सबसे बड़े लक्ष्मीदास उर्फ़ कालदास सन [[1861]] में पैदा हुए। उनके बाद सन् [[1862]] में एक पुत्री रलियातबेन उर्फ़ गोकीबेन पैदा हुई। सन् [[1866]] करसनदास (कृष्णदास) और [[2 अक्टूबर]], [[1869]] में मोहनदास का जन्म हुआ।
*इसमे एक कम्पनी के माल अथवा सेवाओं को अन्य से अलग दिखाने की क्षमता होनी चाहिये।
 
===ट्रेड मार्क के कार्य===
सबसे छोटे मोहनदास सभी के लाड़ले थे। पुतलीबाई भी उनसे बहुत लाड़ करती थीं। अपने सारे संस्कारों, अभिलाषाओं और भावनाओं का सिंचन उन्होंने मोहनदास में ही किया था। वस्तुत: गांधी जी का भक्तिभाव, नम्रता, मेहनत, सेवा-परायणता और अखंड धर्मनिष्ठा उनकी माँ की ही देन थे।
*यह माल/सेवा तथा उसके मूल की पहचान कराता है।
*यह उक्त उत्पाद की गुणवत्ता के अपरिवर्तित रहने की गारंटी लेता है।
*यह माल/सेवाओं का विज्ञापन करता है।
*यह माल/सेवाओं की एक छवि निर्मित करता है।
=== ट्रेड मार्क का लाभ ===
ट्रेड मार्क के पंजीकरण से उसके मालिक को पंजीकृत ट्रेड मार्क पर एकाधिकार प्राप्त हो जाता है तथा इसे जिन माल अथवा सेवाओं के संबंध में पंजीकृत किया गया है उन पर चिह्न (R) के द्वारा इंगित किया जाता है। इस एकाधिकार के अतिलंघित होने पर स्वामी देश के उपयुक्त न्यायालय में अतिलंघन से राहत की मांग कर सकता है। तथापि, यह एकाधिकार पंजी में उल्लिखित शर्तों जैसे प्रयोग हेतु सीमित क्षेत्र, इत्यादि पर आधारित होता है। यही नहीं, यदि विशेष परिस्थितियों में किन्हीं दो अथवा अधिक व्यक्तियों ने एक समान अथवा लगभग एक समान ट्रेड मार्क पंजीकृत करवा लिया हो तो ऐसे मामलों में एकाधिकार का एक-दूसरे के विरुद्ध प्रयोग नहीं किया जा सकता।

Revision as of 12:52, 15 October 2017

thumb|250px|ट्रेड मार्क ट्रेड मार्क (Trade Mark) सामान्य भाषा में किसी ब्रांड नाम से प्रचलित वह दृश्य चिह्न है, जो शब्द हस्ताक्षर, नाम, उपाय/युक्ति, लेबल, अंक, रंगों के संयोजन कुछ भी हो सकता है। ट्रेड मार्क को किसी कम्पनी द्वारा अपने माल अथवा सेवाओं व अन्य वाणिज्यिक मदों को, समान माल अथवा सेवायें बनाने वाली अन्य कम्पनियों से अलग दिखाने हेतु प्रयोग किया जाता है। ट्रेड मार्क चयन के लिए आविष्कारित शब्द अथवा निर्मित शब्द सर्वश्रेष्ठ मार्क होते हैं। इसके लिए भौगोलिक नाम के चयन से बचें क्योंकि किसी को भी उस पर एकाधिकार नहीं हो सकता।

ट्रेड मार्क को अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत कराने हेतु विधिक अपेक्षायें निम्नवत है-

  • चयनित ट्रेड मार्क को लिखित/चित्र रूप में प्रस्तुत करने योग्य (कागज़ पर) होना अनिवार्य है।
  • इसमे एक कम्पनी के माल अथवा सेवाओं को अन्य से अलग दिखाने की क्षमता होनी चाहिये।

ट्रेड मार्क के कार्य

  • यह माल/सेवा तथा उसके मूल की पहचान कराता है।
  • यह उक्त उत्पाद की गुणवत्ता के अपरिवर्तित रहने की गारंटी लेता है।
  • यह माल/सेवाओं का विज्ञापन करता है।
  • यह माल/सेवाओं की एक छवि निर्मित करता है।

ट्रेड मार्क का लाभ

ट्रेड मार्क के पंजीकरण से उसके मालिक को पंजीकृत ट्रेड मार्क पर एकाधिकार प्राप्त हो जाता है तथा इसे जिन माल अथवा सेवाओं के संबंध में पंजीकृत किया गया है उन पर चिह्न (R) के द्वारा इंगित किया जाता है। इस एकाधिकार के अतिलंघित होने पर स्वामी देश के उपयुक्त न्यायालय में अतिलंघन से राहत की मांग कर सकता है। तथापि, यह एकाधिकार पंजी में उल्लिखित शर्तों जैसे प्रयोग हेतु सीमित क्षेत्र, इत्यादि पर आधारित होता है। यही नहीं, यदि विशेष परिस्थितियों में किन्हीं दो अथवा अधिक व्यक्तियों ने एक समान अथवा लगभग एक समान ट्रेड मार्क पंजीकृत करवा लिया हो तो ऐसे मामलों में एकाधिकार का एक-दूसरे के विरुद्ध प्रयोग नहीं किया जा सकता।