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| {सोवियत संघ के उस [[चित्रकार]] का नाम बताएं जो [[भारत]] के [[कला]]- सौन्दर्य से प्रभावित होकर [[भारत]] में ही बस गया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-226,प्रश्न-302
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| -बोरोस्की
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| -स्वारोस्की
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| +निकोलस रोरिक
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| -दस्वेदनियां
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| ||निकोलस रोरिक का जन्म [[9 अक्टूबर|9 अक्टूवर]], [[1874]] को सेंटबर्ग ([[रूस]]) में हुआ किंतु वह लंबे समय तक [[भारत]] में रहे। वर्ष [[1928]] से वह [[हिमालय]] के सम्मुख आए। इसके अनुपम सौंदर्य से वह इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपने जीवन के 20 वर्ष [[कुल्लू|कुल्लू घाटी]] में व्यतीत किए।
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| {अजंता चित्रकला का माध्यम क्या है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-29,प्रश्न-2
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| -[[तैल रंग]] माध्यम
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| -[[जल रंग]] माध्यम
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| +फ्रेस्को तकनीक
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| -टेम्परा माध्यम
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| {प्रो. के. एस. कुलकर्णी किस कला-संस्थान से जुड़े रहे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-93,प्रश्न-2
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| -दिल्ली कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स
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| -जे.जे. स्कूल ऑफ़ आर्ट्स, [[मुंबई]]
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| -गढ़ी स्टूडियो, [[नई दिल्ली]]
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| +[[संगीत]] एवं ललित कला महाविद्यालय, [[बनारस हिंदू विश्वविद्यालय|बी.एच.यू.]] [[वाराणसी]]
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| {संचारी भाव कितने हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-155,प्रश्न-12
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| -30
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| -10
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| -23
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| ||संचारी शब्द का अर्थ साथ-साथ चलना होता है। संचारी भाव, स्थायी भाव के साथ संचरित होते हैं। जो भाव केवल थोड़ी देर के लिए स्थायी भाव को पुष्ट करने के निमित्त सहायक रूप में आते हैं और तुरंत लुप्त हो जाते हैं, वे संचारी भाव होते हैं। विभाव, अनुभाव तथा संचारी भाव के संयोग से रस की निष्पत्ति होती है।
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| {[[चित्रकार]] [[एम.एफ. हुसैन]] की किन आकृतियों को उनकी पहचान के साथ जोड़ा जाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-99,प्रश्न-13
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| -[[गाय|गायों]] को
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| +[[घोड़ा|घोड़े]] को
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| -[[घड़ियाल|घड़ियालों]] को
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| -बकरियों को
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| ||[[एम.एफ. हुसैन]] प्रसिद्ध चित्र 'नीली रात' के चित्रकार हैं। इनकी कला यथार्थवादी चित्रांकन से लेकर उन्नीसवीं शताब्दी की ब्रिटिश अकादमिक परंपरा से संभावित शैली का प्रतिनिधित्व करती है। इन्होंने कई फ़िल्में बनाई जिनमें मीनाक्षी, गजगामिनी, थ्रू द आइज़ ऑफ पेंटर आदि इनकी प्रमुख फ़िल्में हैं। साथ ही सुप्रसिद्ध चित्र शृंखलाएं भी बनाई जिसमें प्रमुख हैं- [[सरस्वती]], [[मदर टेरेसा]], घोड़े, माधुरी, ज़मीन, लैंप और मकड़ी, दो स्त्रियों का संवाद, मुर्गा, अंतिम भोज, राइडर्स, आपातकाल, ढोलकिया, नीला रात, [[जापान]] में प्रेमी, दुपट्टों में तीन औरतें, बनारस के घाट तथा भारतमाता (यह चित्र काफी विवादास्पद रहा) आदि।
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| {[[बूंदी चित्रकला|बूंदी शैली]] में चित्रित चित्र 'दूज का चांद देखते प्रेमी युगल' पर किस [[चित्रकार]] का नाम अंकित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-52,प्रश्न-2
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| -[[बदन सिंह]]
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| +मोहन
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| -अमर चंद
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| -भवानी दास
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| ||बूंदी शैली में चित्रित 'दूज का चांद देखते प्रेमी युगल' पर 'मोहन' नामक चित्रकार का नाम अंकित है। यह पेंटिंग बूंदी शैली का सबसे अच्छा लद्यु चित्र माना जाता है।
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| {[[अवनीन्द्रनाथ टैगोर|अबनीन्द्रनाथ टैगोर]] के प्रारंभिक कला गुरु थे- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-79,प्रश्न-12 | | {[[अवनीन्द्रनाथ टैगोर|अबनीन्द्रनाथ टैगोर]] के प्रारंभिक कला गुरु थे- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-79,प्रश्न-12 |