प्रयोग:दीपिका3: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
No edit summary
No edit summary
Line 5: Line 5:
|
|
<quiz display=simple>
<quiz display=simple>
{संसदीय सरकार का सबसे महत्त्वपूर्ण लक्षण है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-100,प्रश्न-6
{प्राकृतिक अधिकारों के सिद्धांत की पुष्टि की गई है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-91,प्रश्न-17
|type="()"}
|type="()"}
-[[संसद]] की संप्रभुता
-सभी उदारवादियों द्वारा
+कार्यपालिका का विधायिका के प्रति सामूहिक उत्तरदायित्व
+केवल कुछ उदारवादियों द्वारा
-विधि का शासन
-केवल जॉन लॉक द्वारा
-बहुमत का शासन
-केवल जॉन स्टुअर्ट मिल द्वारा
||संसदीय सरकार का सबसे महत्त्वपूर्ण लक्षण कार्यपालिका का विधायिका के प्रति सामूहिक उत्तरदायित्व है। अनुच्छेद 75 (3) के अनुसार, मंत्रिपरिषद [[लोक सभा]] के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायित्व होती है।
||हॉब्स ने जीवन के अधिकार को प्राकृतिक अधिकार माना तथा लॉक ने जीवन, स्वतंत्रता तथा संपत्ति के अधिकार को प्राकृतिक अधिकार माना। स्पेंसर ने स्वाधीनता के अधिकार को प्राकृतिक अधिकार माना। इस प्रकार कुछ उदारवदियों द्वारा प्राकृतिक अधिकारों के सिद्धांतों की पुष्टि की गई।


{निम्न में से कौन-सा राजनीतिक दल का आवश्यक तत्व नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-105,प्रश्न-5
{संसदीय सरकार में कार्यपालिका की वास्तविक शक्तियां किसमें निहित हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-100,प्रश्न-1
|type="()"}
|type="()"}
-संगठन
-प्रधानमंत्री
+विदेशों द्वारा मान्यता
-संसद
-सामान्य सिद्धांतों में सहमति
+मंत्रिपरिषद
-संवैधानिक साधनों में विश्वास
-राष्ट्रपति
||विदेशों द्वारा मान्यता राजनीतिक दल का आवश्यक तत्व नहीं है।
||संसदीय सरकार में कार्यपालिका की वास्तविक शक्तियां प्रधानमंत्री को अध्यक्षता वाली मंत्रिपरिषद के पास होती हैं। भारतीय संविधान के अनु.74 में उल्लिखित है कि राष्ट्रपति को सहायता एवं सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी जिसका प्रधान, प्रधानमंत्री होगा प्रधानमंत्री के चायन तथा नियुक्ति के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 75 में उल्लेख है।


{एकल संक्रमणीय मत प्रणाली का सर्वप्रथम प्रतिपादन करने वाले राजनीतिक चिंतक का नाम क्या है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-109,प्रश्न-2
{किस देश में एक दलीय पद्धति है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-105,प्रश्न-6
|type="()"}
|type="()"}
-जे.एस. मिल
-भारतवर्ष
+थॉमस हेयर
-फ्रांस
-डेविस ईस्टन
+चीन
-लुसियन पाई
-ब्रिटेन
||एकल संक्रमणीय मत प्रणाली का सर्वप्रथम अविष्कार 'थामस राइट हिल' किया। डेनमार्क में इस प्रणाली का सर्वप्रथम प्रयोग चुनावों में किया गया। लेकिन 'एकल संक्रमणीय मत प्रणाली' (Single Transfer-able Vote System- STV) का सर्वप्रथम व्यवस्थित प्रतिपादन करने वाले राजनीतिक चिंतक ब्रिटिश विधिवेत्ता थॉमस हेयर थे जिन्होंने इसका प्रतिपादन अपनी पुस्तक 'द मशीनरी ऑफ रिप्रेजेंटेशन' में सन् 1857 में किया। इन्होंने 'आनुपातिक प्रतिनिधित्व' की प्रणाली का भी सर्वप्रथम प्रतिपादन किया जिसे 'हेयर प्रणाली' भी कहा जाता है। यह प्रणाली अल्पसंख्यकों को प्रतिनिधित्व प्रदान करने की उत्तम व्यवस्था है।
||एक दलीय पद्धति वाले देशों में केवल एक ही पार्टी को सरकार बनाने का अधिकार होता है। चीन गणराज्य में वर्ष 1949 से एक दलीय शासन है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य ही वहां सरकार में शामिल होते हैं।
 


{[[भारत]] के [[योजना आयोग]] और रेलवे को प्रमुख तौर पर क्रमश: क्या माना जाएगा? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-133,प्रश्न-26
{हेयर प्रणाली का संबंध है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-110,प्रश्न-3
|type="()"}
|type="()"}
-वित्तीय और संचार संस्था
-सूकी निर्वाचन पद्धति से
-पूर्ण और अपूर्ण स्टॉफ
-सार्वभौम मताधिकार से
+स्टॉफ और सूत्र संस्था
-कार्यात्मक प्रतिनिधित्व से
-पूर्ण और अपूर्ण सूत्र संस्था
+एकल संक्रमणीय पद्धति से
||[[भारत]] के योजना और रेलवे के क्रमश: स्टॉफ और सूत्र संस्था माना जा सकता है। मुख्य कार्यपालिका को सहायता तथा परामर्श उपलब्ध कराने के संबंध में दो प्रकार के प्रशासनिक अभिकरण कार्य करते हैं-.सूत्र अभिकरण 2.स्टॉफ अभिकरण 
||एकल संक्रमणीय पद्धति को 'हेयर प्रणाली' के नाम से भी जाना जाता है। एकल संक्रमणीय मत प्रणाली में प्रत्येक मरदाता वोट तो एक ही देगा किंतु वह मतदाता पत्र कर अपनी पसंद 1,2,3,4 लिखकर वरीयताक्रम में प्रदर्शित करेगा कि वह किस क्रम में उम्मीदवारों को पसंद करता है, चाहे कितने ही प्रत्याशी क्यों न खड़े हों। इसमें निर्वाचन क्षेत्र में न्यूनतम 3 सदस्य होने चाहिए। एकल संक्रमणीय प्रणाली अल्पसंख्यकों को प्रतिनिधित्व देने की पद्धतियों में से सबसे अच्छी मानी जाती है।




{[[लोक सभा]] में दिए गए सभी भाषण और अभ्युक्तियां किसे संबोधित की जाती हैं? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं- 139,प्रश्न-15
{निम्न में से कौन-सा भारत का स्टाफ अभिकरण नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-133,प्रश्न-27
|type="()"}
|type="()"}
-[[भारत के राष्ट्रपति]]
-मंत्रिमंडलीय सचिवालय
-[[प्रधानमंत्री]]
-प्रधामंत्री कार्यालय
+[[लोक सभा अध्यक्ष|अध्यक्ष]]
-योजना आयोग
-संबंधित
+रेल मंत्रालय
||[[संविधान]] के अनुच्छेद 93 में उपबंधित है कि [[लोक सभा]] यथाशीघ्र अपने दो सदस्यों को अपना अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष चुनेगी और जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष का पद रिक्त होगा तब लोक सभा किसी अन्य सदस्य को अध्यक्ष या उपाध्यक्ष चुनेगी। सदन के कार्य का संचालन शांत एवं व्यवस्थित ढंग से सुनिश्चित करने के लिए अध्यक्ष को बहुत शक्तियां प्राप्त हैं। लोक सभा में दिए गए सभी भाषण और अभ्युक्तियां अध्यक्ष को संबोधित की जाती हैं।


{भारतीय संसदीय शासन प्रणाली में मंत्रिमंडल किसके प्रति उत्तरदायी होता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-173,प्रश्न-205
{भारतीय संविधान के अनुसार संसद की बैठक एक साल में कम से कम कितनी बार होनी चाहिए? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-139,प्रश्न-16
|type="()"}
|type="()"}
-[[राष्ट्रपति]] के प्रति
-एक बारा
+[[लोक सभा]] के प्रति
+दो बार
-[[राज्य सभा]] के प्रति
-तीन बार
-[[सर्वोच्च न्यायालय]] के प्रति
-चार बार
||मंत्रिमंडल (Cabinet), [[मंत्रिपरिषद]] (Council of Ministers) की एक छोटी इकाई है। हमारे संविधान में 'मंत्रिमंडल' शब्द का उल्लेख अनुच्छेद 352 (3) में किया गया है। ब्रिटेन की परंपरा के अनुसार हमारे यहां भी मंत्रिमंडल का अस्तित्व चला आ रहा है। यह हमारी सांविधानिक प्रणाली का एक आवश्यक अंग बन गया है। मंत्रिमंडल नीति-निर्धारण करने वाली सर्वोच्च संस्था है। चूंकि संसदीय प्रणाली सामूहिक उत्तरायित्व के आधार पर कार्य करती है, अत: अनुच्छेद 75 (3) के अंतर्गत यह उत्तरदायित्व लोक सभा (निम्न सदन) के प्रति होता है।
||अनुच्छेद 85(1) के अनुसार संसद के प्रत्येक सदन के एक सत्र की अंतिम बैठक और आगामी सत्र की प्रथम बैठक के बीच 6 माह से अधिक का अंतर नहीं होगा। इस प्रकार एक वर्ष में कम से कम 2 बार बैठक होना अनिवार्य है।


{सामान्यत: [[ग्राम पंचायत]] उत्तरदायी नहीं है इसके लिए- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-186,प्रश्न-5
{मुख्य लेखा अधिकारी इनमें से किसके आय-व्यय की जांच नहीं करते? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-173,प्रश्न-206
|type="()"}
|type="()"}
-ग्राम की सड़कों और तालाबों का निर्माण
-राज्य सरकार की
-स्वच्छता, प्रसूति और बाल कल्याण
-केंद्रीय सरकार की
+कृषकों को वित्त देना
+नगर निगम की
-कृषि उत्पादन
-सरकारी उद्योग की
||संविधान का अनुच्छेद 243 () पंचायतों की शक्तियों, प्राधिकार तथा उत्तरदायित्व संबंधी प्रावधान करता है। 11 वीं अनुसूची में ग्राम की सड़कों और तालाबों का निर्माण, स्वच्छता, प्रसूति और बाल कल्याण, कृषि उत्पादन आदि हेतु ग्राम पंचायतों को उत्तरदायी बनाया गया है जबकि कृषकों को वित्त देना इस अनुसूची में वर्णित नहीं है।
||अनुच्छेद 149 के अनुसार, मुख्य लेखा अधिकारी (नियंत्रक महालेखा परीक्षक) के दो प्रमुख कर्त्तव्य हैं- (1) एकाउन्टेंट के रूप में वह भारत की संचित निधि से निकाली जाने वाली सभी रकमों पर नियंत्रण रखता है, (2) ऑडीटर के रूप में वह संघ और राज्यों के सभी खर्चों की लेखा- परीक्षा करता है। इनमें सरकारी उपक्रमों के आय-व्यय की लेखा-परीक्षा भी सम्मिलित है।


{'मंडल आयोग' गठित किया गया था: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-189,प्रश्न-5
{निर्वाचान के बाद, सरपंच के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया जा सकता है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-186,प्रश्न-6
|type="()"}
|type="()"}
-सन 1953 ई. में
-3 माह बाद
-सन 1982 ई. में
-6 माह बाद
-सन 1980 ई. में
-1 वर्ष बाद
+सन 1979 ई. में
+2 वर्ष बाद
||वर्ष 1979 ई. में [[मोरारजी देसाई]] की [[जनता पार्टी|जनता पार्टी]] सरकार ने द्वितीय पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन संसद सदस्य बी.पी. मंडल की अध्यक्षता में किया। आयोग ने अपनी रिपोर्ट [[1980]] में प्रस्तुत की और 3743 जातियों की पहचान की, जो सामाजिक एवं शैक्षणिक आधार पर पिछड़ी थीं। ज्ञातव्य है कि 1952 में [[काका कालेलकर]] की अध्यक्षता में प्रथम पिछड़ा वर्ग आयोग गठित किया गया। इसने अपनी रिपोर्ट [[1955]] में प्रस्तुत की।
||निर्वाचन के बाद, सरपंच के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव 2 वर्ष बाद ही प्रस्तुत किया जा सकता है। सरपंच के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए ग्राम पंचायत के कुल मरदाताओं का न्यूनतम पांचवां भाग अर्थात 20% मतदाताओं के हस्ताक्षर से युक्त एक आवेदन पत्र जिला पंचायत राज अधिकारी को दिया जाता है। जिला पंचायत राज अधिकारी 15 दिन के भीतर ग्राम सभा की एक विशेष बैठक का आयोजन करते हैं जिसकी अध्यक्षता जिला पंचायत राज अधिकारी स्वयं करते हैं। इस बैठक में दो तिहाई बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव पारित करके सरपंथ को हटाया जा सकता है परंतु अविश्वास प्रस्ताव पारित न होने की दशा में पुन: इस दिन से अगले एक वर्ष की अवधि तक सरपंथ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया सकता है। सरपंथ के कार्यकाल के अंतिम छ: माह की अवधि में भी अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है।


{निम्न में से कौन एक अधिकार का लक्षण नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-91,प्रश्न-16
{निम्नलिखित में से कौन-से तत्व भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-189,प्रश्न-6
|type="()"}
|type="()"}
-कल्याणकारी स्वरूप
-जाति
-लोकहित में प्रयोग
-धर्म
-राज्य का संरक्षण
-क्षेत्र
+समाज का संरक्षण
+उपर्युक्त दोनों
||अधिकार की सामान्य धारणा के आधार पर अधिकार के निम्नलिखित आवश्यक लक्षण कहे जा सकते हैं- 1.सामाजिक स्वरूप, 2.कल्याणकारी स्वरूप, 3.लोकहित में प्रयोग, 4.राज्य का संरक्षण 5.सार्वभौतिकता या सर्वव्यापकता। अत: स्पष्ट है कि 'समाज का संरक्षण' अधिकार का लक्षण नहीं है।
||भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में जाति, धर्म, भाषा एवं क्षेत्र महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये तत्व भारतीय राजनीतिक व्यवस्था को निर्धारित एवं प्रभावित करते हैं।


{निम्नलिखित में से किस देश का संविधान एक संघीय दृष्टांत का नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-97,प्रश्न-6
{राजनीतिक अधिकारों में किसे सम्मिलित नहीं करते? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-91,प्रश्न-18
|type="()"}
|type="()"}
-[[संयुक्त राज्य अमेरिका]]
-मतदान
-स्विट्जरलैंड
-सरकार का विरोध करना
-[[ऑस्ट्रेलिया]]
-निर्वाचित होना
+[[ब्रिटेन|ग्रेट ब्रिटेन]]
+काम पाना
||ग्रेट ब्रिटेन में एकात्मक शासन प्रणाली है। ब्रिटेन में समस्त शक्तियां केंद्र में निहित हैं। इसके विपरीत संयुक्त राज्य अमेरिका, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया तथा [[भारत]] में संघात्मक शासन प्रणाली है।
||मतदान, सरकार का विरोध करना, विरोचित होना आदि राजनीतिक अधिकारों में सम्मिलित हैं जबकि 'काम पाना' इसमें सम्मिलित नहीं है।
 
 
{संसदीय सरकार में कार्यपालिका की वास्तविक शक्तियां किसमें निहित हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-100,प्रश्न-1
|type="()"}
-[[प्रधानमंत्री]]
-[[संसद]]
+[[मंत्रिपरिषद]]
-[[राष्ट्रपति]]
||संसदीय सरकार में कार्यपालिका की वास्तविक शक्तियां [[प्रधानमंत्री]] को अध्यक्षता वाली मंत्रिपरिषद के पास होती हैं। [[भारतीय संविधान]] के अनुच्छेद 74 में उल्लिखित है कि [[राष्ट्रपति]] को सहायता एवं सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी जिसका प्रधान, प्रधानमंत्री होगा प्रधानमंत्री के चयन तथा नियुक्ति के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 75 में उल्लेख है।{{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[मंत्रिपरिषद]]
 


</quiz>
</quiz>
|}
|}
|}
|}

Revision as of 11:51, 25 November 2017

1 प्राकृतिक अधिकारों के सिद्धांत की पुष्टि की गई है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-91,प्रश्न-17

सभी उदारवादियों द्वारा
केवल कुछ उदारवादियों द्वारा
केवल जॉन लॉक द्वारा
केवल जॉन स्टुअर्ट मिल द्वारा

2 संसदीय सरकार में कार्यपालिका की वास्तविक शक्तियां किसमें निहित हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-100,प्रश्न-1

प्रधानमंत्री
संसद
मंत्रिपरिषद
राष्ट्रपति

3 किस देश में एक दलीय पद्धति है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-105,प्रश्न-6

भारतवर्ष
फ्रांस
चीन
ब्रिटेन

4 हेयर प्रणाली का संबंध है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-110,प्रश्न-3

सूकी निर्वाचन पद्धति से
सार्वभौम मताधिकार से
कार्यात्मक प्रतिनिधित्व से
एकल संक्रमणीय पद्धति से

5 निम्न में से कौन-सा भारत का स्टाफ अभिकरण नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-133,प्रश्न-27

मंत्रिमंडलीय सचिवालय
प्रधामंत्री कार्यालय
योजना आयोग
रेल मंत्रालय

6 भारतीय संविधान के अनुसार संसद की बैठक एक साल में कम से कम कितनी बार होनी चाहिए? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-139,प्रश्न-16

एक बारा
दो बार
तीन बार
चार बार

7 मुख्य लेखा अधिकारी इनमें से किसके आय-व्यय की जांच नहीं करते? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-173,प्रश्न-206

राज्य सरकार की
केंद्रीय सरकार की
नगर निगम की
सरकारी उद्योग की

8 निर्वाचान के बाद, सरपंच के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया जा सकता है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-186,प्रश्न-6

3 माह बाद
6 माह बाद
1 वर्ष बाद
2 वर्ष बाद

9 निम्नलिखित में से कौन-से तत्व भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-189,प्रश्न-6

जाति
धर्म
क्षेत्र
उपर्युक्त दोनों

10 राजनीतिक अधिकारों में किसे सम्मिलित नहीं करते? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-91,प्रश्न-18

मतदान
सरकार का विरोध करना
निर्वाचित होना
काम पाना