अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान 222: Difference between revisions
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{दो उदासीन वक्र 1C<sub>1</sub> और 1C<sub>2</sub> एक-दूसरे को नहीं काट सकते क्योंकि- | |||
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1C<sub>1</sub> मूल बिन्दू से नतोदर होता है | |||
-1C<sub>2</sub> मूल बिंदु से नतोदर होता है | |||
+1C<sub>1</sub> और 1C<sub>2</sub> संतोष के विभिन्न स्तरों को व्यक्त करते हैं | |||
-1C<sub>1</sub> और 1C<sub>2</sub> समानांतर नहीं होते हैं | |||
||दो अनधिमान वक्र एक-दूसरे को न काट सकते हैं और न एक-दूसरे को स्पर्श कर सकते हैं क्योंकि प्रत्येक अनधिमान वक्र संतुष्टि के एक निश्चित स्तर को प्रकट करता है, इसलिए ऊपर वाला वक्र नीचे चक्र की अपेक्षा अधिक संतुष्टि का स्तर व्यक्त करता है। '''अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य'''- अनधिमान वक्र की अन्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं- 1. अनधिमान वक्रों की ढाल ऋणात्मक होती है अर्थात ये ऊपर से नीचे की ओर दाहिनी ओर गिरते हुए होते हैं। 2. अनधिमान वक्र मूल बिंदु की ओर उन्नतोदार होते हैं। यह अनधिमान वक्र की सबसे प्रमुख विशेषता है। समान संतुष्टि के स्तर पर बने रहने के लिए यह आवश्यक है कि y के लिए x की प्रतिस्थापन की सीमांत दर क्रमश: घटती जाए। 3. निम्नतर अनधिमान वक्र की तुलना में उच्चतर अनधिमान वक्र अपेक्षाकृत अधिक संतुष्टि प्रदर्शित करेगा। | |||
{तटस्थता विधि से उपभोक्ता के संतुलन निर्धारण के लिए उदासीनता वक्र का मूल बिंदु की ओर नतोदर होना आवश्यक है, यह कथन है- | {तटस्थता विधि से उपभोक्ता के संतुलन निर्धारण के लिए उदासीनता वक्र का मूल बिंदु की ओर नतोदर होना आवश्यक है, यह कथन है- | ||
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Latest revision as of 11:24, 12 December 2017
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