पहेली 17 जनवरी 2018: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
('{| class="bharattable-green" width="100%" |- | right|120px <quiz display=simple> {आदि शं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
No edit summary |
||
Line 7: | Line 7: | ||
+[[केरल]] | +[[केरल]] | ||
-[[मध्य प्रदेश]] | -[[मध्य प्रदेश]] | ||
-[[ | -[[तमिलनाडु]] | ||
-[[आन्ध्र प्रदेश]] | -[[आन्ध्र प्रदेश]] | ||
||[[चित्र:Adi-Shankaracharya.jpg|right|100px|border|आदि शंकराचार्य]]'आदि शंकराचार्य' अद्वैत वेदान्त के प्रणेता, [[संस्कृत]] के विद्वान, [[उपनिषद]] व्याख्याता और [[हिन्दू धर्म]] प्रचारक थे। हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार इनको [[शिव|भगवान शंकर]] का [[अवतार]] माना जाता है। [[आदि शंकराचार्य]] ने लगभग पूरे [[भारत]] की यात्रा की और इनके जीवन का अधिकांश भाग [[उत्तर भारत]] में बीता। चार पीठों (मठ) की स्थापना करना इनका मुख्य रूप से उल्लेखनीय कार्य रहा, जो आज भी मौजूद है। शंकराचार्य का जन्म [[दक्षिण भारत]] के [[केरल]] में अवस्थित नम्बूदरीपाद ब्राह्मणों के 'कालडी़ ग्राम' में 788 ई. में हुआ था। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय उत्तर भारत में व्यतीत किया। उनके द्वारा स्थापित 'अद्वैत वेदांत सम्प्रदाय' 9वीं शताब्दी में काफ़ी लोकप्रिय हुआ। उन्होंने प्राचीन भारतीय उपनिषदों के सिद्धान्तों को पुनर्जीवन प्रदान करने का प्रयत्न किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[आदि शंकराचार्य]] | ||[[चित्र:Adi-Shankaracharya.jpg|right|100px|border|आदि शंकराचार्य]]'आदि शंकराचार्य' अद्वैत वेदान्त के प्रणेता, [[संस्कृत]] के विद्वान, [[उपनिषद]] व्याख्याता और [[हिन्दू धर्म]] प्रचारक थे। हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार इनको [[शिव|भगवान शंकर]] का [[अवतार]] माना जाता है। [[आदि शंकराचार्य]] ने लगभग पूरे [[भारत]] की यात्रा की और इनके जीवन का अधिकांश भाग [[उत्तर भारत]] में बीता। चार पीठों (मठ) की स्थापना करना इनका मुख्य रूप से उल्लेखनीय कार्य रहा, जो आज भी मौजूद है। शंकराचार्य का जन्म [[दक्षिण भारत]] के [[केरल]] में अवस्थित नम्बूदरीपाद ब्राह्मणों के 'कालडी़ ग्राम' में 788 ई. में हुआ था। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय उत्तर भारत में व्यतीत किया। उनके द्वारा स्थापित 'अद्वैत वेदांत सम्प्रदाय' 9वीं शताब्दी में काफ़ी लोकप्रिय हुआ। उन्होंने प्राचीन भारतीय उपनिषदों के सिद्धान्तों को पुनर्जीवन प्रदान करने का प्रयत्न किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[आदि शंकराचार्य]] |
Latest revision as of 11:28, 19 December 2017
right|120px
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान
|