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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
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| | {जापानी कला 'इकेबाना' क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-171,प्रश्न-40 |
| | |type="()"} |
| | -चित्र |
| | +पुषो संयोजन |
| | -गृहसज्जा |
| | -नार्शल आर्ट |
| | ||इकेबाना, पुष्प संयोजन की जापानी कला है। इकेबाना प्रसिद्ध खूबसूरती की भावनाओं पर असर डालती है। |
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| | {भारत में पहली विज्ञापन एजेंसी खुली थी- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-192,प्रश्न-59 |
| | |type="()"} |
| | -दिल्ली |
| | -मुंबई |
| | -अहमदाबार |
| | +कलकत्ता |
| | ||भारत में पहली विज्ञापन एजेंसी कलकत्ता में खुली थी। यह विज्ञापक एजेंसी वर्ष 1780 में आयरिश जेम्स आगस्ट हेकीज द्वारा स्थापित समाचार-पत्र 'बंगाल गजट' से प्रारंभ हुई थी। |
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| {'मैरिज ऑफ़ वर्जिन' चित्रण किसके द्वारा चित्रित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-109,प्रश्न-46 | | {जैन चित्रकला भारत के किस क्षेत्र की है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-45,प्रश्न-32 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -[[लियोनार्डो दा विंची]] | | -उत्तर |
| -टर्नर | | -पूर्व |
| -ड्यूरर
| | +पश्चिम |
| +राफेल | | -मध्य |
| ||'द मैरिज ऑफ़ वर्जिन' का तैल चित्र चरम पुनरुत्थानवादी (High Renaissance) [[चित्रकार]] राफेल (Raphael) ने चित्रित किया था। राफेल को 'डिवाइन पेंटर' कहा जाता है।
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| {किस [[चित्रकार]] ने अपना कान काटकर अपनी प्रेमिका को भेंट किया था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-122,प्रश्न-58 | | {चित्रकला की अपभ्रंश शैली को किस शासकों ने संरक्षण प्रदान किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-51,प्रश्न-29 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +वान गॉग ने
| | -विजयनगर और बीजापुर के शासकों ने |
| -गॉगिन ने | | -चंदेल वंशीय शासकों ने |
| -डाली ने | | -राष्ट्रकूट वंशीय शासकों ने |
| -लौत्रेक ने
| | +इनमें से कोई नहीं |
| ||उत्तर प्रभाववादी [[चित्रकार]] विंसेंट वान गॉग ने अपना कान काटकर अपनी प्रेमिका को भेंट किया था। | | ||चित्रकला की उपभ्रंश शैली का ही विकसित रूप मेवाड़ चित्रकला शैली है। इसे मेवाड़ के शासकों ने संरक्षण प्रदान किया। मेवाड़ शैली के आरंभिक चित्र उपभ्रंश शैली में निर्मित जैन ग्रंथ 'सुपार्श्वनाथचरितम्' में प्राप्त होते है। |
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| {'लीथोग्राफ़िक' किस कला की विधा है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-176,प्रश्न-78 | | {जहांगीर के दरबार के पक्षियों का सबसे अच्छा चित्रकार कौन था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-61,प्रश्न-38 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -ग्लास पेंटिंग | | -दसवंत |
| -म्यूरल पेंटिंग | | -गोवर्धन |
| +फ्राफ़िक कला
| | -अबुल फजल |
| -कंम्यूटर कला | | +मंसूर |
| ||जुल्स चर्ट लिथोग्राफ़िक पोस्टरों के लिए विख्यात हैं। जुल्स चर्ट को 'रंग लिथोग्राफ़ का पिता' तथा 'पोस्टर कला' के लिए जाना जाता है। इन्हें आधुनिक विज्ञापन के लिए 'मास्टर' कहा जाता है। उनकी पेंटिंग्स व्यावसायिक कला के दायरे से बाहर थी। वे अपने साथी कलाकारों देगा तथा माने की कला से प्रभावित थे। लीथोग्राफ़ि, ग्राफ़िक कला की एक विधा है।
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| {'आधुनिक कला का पिता' किसे कहा जाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-124,प्रश्न-70 | | {शाहजहां की चित्रशाला का विशिष्ट हिंदू चित्रकार था- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-69,प्रश्न-86 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +सेजां
| | -खेमकरण |
| -पिकासो | | -माधो |
| -माने
| | +होनहार |
| -मोने | | -महेश |
| ||पॉल सेजां का जन्म 1839 ई. में एजा प्रिवांस में हुआ था। बीसवीं सदी की कला पर सेजां का सर्वाधिक प्रभाव पड़ा, इसलिए इन्हें 'आधुनिक कला का जन्मदाता' कहा जाता है। [[चित्रकार]] सोरा, वान गॉग एवं गॉगिन, सेजां आदि थे जिन्हें उत्तर प्रभाववादी के नाम से विश्लेषित किया गया। ये सभी कलाकार [[प्रभाववाद]] से असंतुष्ट थे। सेजां ने अपने अधिकांश विख्यात चित्र 1870 ई. से 1900 ई. के मध्य बनाए। | | ||शाहजहां की चित्रशाला का विशिष्ट हिंदू चित्रकार होनहार था। शाहजहां की चित्रशाला के अन्य प्रमुख हिंदू चित्रकार गोवर्धन, बालचंद्र अनूप, चतुर, विचित्र, चिंतारमण थे। |
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| {इनका परिप्रेक्ष्य सिद्धांत में महत्त्व है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-168,प्रश्न-18 | | {हरिपुरा कांग्रेस के पोस्टर किसने चित्रित किए? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-81,प्रश्न-34 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -दूरी और नैकट्य
| | +नंदलाल बोस |
| -प्रकाश और रंग | | -जामिनी राय |
| -विलीयमान बिंदु और क्षितिज रेखा | | -ए.के. हल्दर |
| +उपरोक्त सभी
| | -के.के. हेब्बर |
| ||दूरी और नैकट्य, [[प्रकाश]] और [[रंग]] तथा विलीयमान बिंदु और क्षितिज रेखा, तीनों का विभिन्न कला सिद्धांतों में महत्त्व है। यदि द्विआयामी अंतराल में गहराई का विचार करने पर त्रिआयामी अंतराल की सृष्टि हो जाती है, तो इसे 'परिप्रेक्षीय अंतराल' कहते हैं। इससे वस्तुओं में निकटता, दूरी या घनत्व का भाव पैदा होता है। त्रिआयामी अंतराल को प्रभावित करने वाली विधियां हैं- 1.विकर्ण संयोजन, 2.अपराच्छादित तल, 3.आकार भिन्नता, 4.छाया-प्रकाश, 5.वायुमंडलीय प्रभाव, 6.ज्यामितिक रूपयोजना।
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| {[[सुमित्रानन्दन पंत]] को किस रचना के लिए [[ज्ञानपीठ पुरस्कार|ज्ञानपीठ]] मिला था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-184,प्रश्न-18 | | {नोबेल पुरस्कार किसे दिया गया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-85,प्रश्न-66 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -यामा
| | +रबीन्द्रनाथ टैगोर |
| -ययाति | | -जवाहरलाल नेहरू |
| +[[चिदम्बरा -सुमित्रानन्दन पंत|चिदम्बरा]]
| | -वी. शांताराम |
| -गणदेवता | | -बाल गंगाधर तिलक |
| ||[[सुमित्रानन्दन पंत]] कवि थे। वे [[हिंदी साहित्य]] में [[छायावादी युग]] के चार स्तंभों में से एक थे। इनका जन्म [[20 मई]], [[1900]] में [[कौसानी]] (वर्तमान [[उत्तराखंड]]) में तथा [[28 दिसंबर]], [[1977]] में [[इलाहाबाद]] में निधन हो गया।
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| {किस व्यक्ति को [[नोबेल पुरस्कार]] दो बार मिला? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-190,प्रश्न-49 | | {ब्रिटिश दृश्य-चित्रकार का नाम बताइए- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-118,प्रश्न-18 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +मैडम क्यूरी | | +जॉन कांस्टेबल |
| -[[रबीन्द्रनाथ टैगोर]] | | -एंड्रिया साची |
| -हेनरी ड्यूनेन्ट | | -टिपोलो |
| -गैरी बाल्डी | | -विलियम होगार्थ |
| ||मैडम क्यूरी की वर्ष [[1903]] में भौतिकी के लिए अपने पति के साथ रेडियोएक्टिविटी की खोज के लिए और वर्ष [[1911]] में रसायन शास्त्र में रेडियम तत्त्वों की खोज के लिए [[नोबेल पुरस्कार]] मिला था। वर्ष [[1913]] में [[रबीन्द्रनाथ टैगोर]] को साहित्य का नोबेल मिला था। वर्ष [[1901]] में हेनरी ट्यूनेन्ट व फ्रेडरिक पैसी (Passy) को संयुक्त रूप से शांति का नोबेल मिला था जबकि गैरी बाल्डी को नोबेल पुरस्कार प्राप्त नहीं हुआ है। | | ||आधुनिक काल के प्रणेताओं में गोया, दाविए तथा टर्नर के साथ ही जॉन कांस्टेबल का नाम लिखा जाता है। टर्नर की भांति वह प्राकृतिक दृश्य को किसी पौराणिक अथवा ऐतिहासिक कथानक से या प्रतीक से जोड़कर प्रस्तुत नहीं करता था अपितु किसी भी सरल, सुपरिचित स्थान को सरल विधि से ही अंकित करना चाहता था। इसलिए उसके दृश्य-चित्र 'प्रकृत्याश्रित' कहे जाते हैं। |
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| {'द मर्चेंट ऑफ़ वेनिस' किसने लिखा था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-206,प्रश्न-157 | | {पॉप आर्ट की शुरुआत किस देश से हुई थी? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-147,प्रश्न-69 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -[[रबीन्द्रनाथ टैगोर]]
| | +इंग्लैंड |
| +विलियम शेक्सपियर | | -जर्मनी |
| -[[थॉमस ग्रे]] | | -अमेरिका |
| -विलियम वर्डसवर्थ | | -डेनमार्क |
| ||'द मर्चेंट ऑफ़ वेनिस' एक हास्य नाटक है जो [[यहूदी]] और [[ईसाई]] व्यापारियों पर आधारित है। यह विलियम शेक्सपियर द्वारा 1597 ई. में लिखी गई।
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