प्रयोग:दीपिका3: Difference between revisions
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<quiz display=simple> | <quiz display=simple> | ||
{फॉसीवाद | {फॉसीवाद विश्वास करता है कि- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-43,प्रश्न-20 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+राज्य दल से श्रेष्ठ है | +राज्य दल से श्रेष्ठ है | ||
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-राज्य और दल दोनों एक-दूसरे से अलग हैं | -राज्य और दल दोनों एक-दूसरे से अलग हैं | ||
-राज्य और दल एक ही हैं | -राज्य और दल एक ही हैं | ||
||फॉसीवाद के अनुसार राज्य दल से श्रेष्ठ है। फॉसीवाद शब्द का प्रयोग उस सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक व्यवस्था के रूप का वर्णन करने के लिए किया जाता है जो मुसोलिनी के में 1922 में इटली में स्थापित हुई। | ||फॉसीवाद के अनुसार राज्य दल से श्रेष्ठ है। फॉसीवाद शब्द का प्रयोग उस सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक व्यवस्था के रूप का वर्णन करने के लिए किया जाता है जो मुसोलिनी के नेतृत्व में 1922 में [[इटली]] में स्थापित हुई। | ||
{डायसी ने निम्न में से किस अवधारणा की श्रेष्ठ व्याख्या की? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-69,प्रश्न-30 | {डायसी ने निम्न में से किस अवधारणा की श्रेष्ठ व्याख्या की? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-69,प्रश्न-30 | ||
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-धार्मिक विधि | -धार्मिक विधि | ||
-विधि का अमूर्तन | -विधि का अमूर्तन | ||
||विख्यात ब्रिटिश न्यायवेत्ता ए.वी. डायसी ने 'विधि के शासन' की अवधारणा की श्रेष्ठ व्याख्या प्रस्तुत की है। डायसी ने अपनी कृति 'इंट्रोडक्शन टु द स्टडी ऑफ़ द लॉ ऑफ़ द कांस्टीट्यूशन' में [[इंग्लैंड]] के [[संविधान]] को 'विधि के शासन' की संज्ञा दी है, जो आगे चलकर | ||विख्यात ब्रिटिश न्यायवेत्ता ए.वी. डायसी ने 'विधि के शासन' की अवधारणा की श्रेष्ठ व्याख्या प्रस्तुत की है। डायसी ने अपनी कृति 'इंट्रोडक्शन टु द स्टडी ऑफ़ द लॉ ऑफ़ द कांस्टीट्यूशन' में [[इंग्लैंड]] के [[संविधान]] को 'विधि के शासन' की संज्ञा दी है, जो आगे चलकर सांवैधानिक शासन का प्रमाण बन गया। | ||
{निम्नलिखित में से कौन विकसित [[संविधान]] का उदाहरण है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-192,प्रश्न-2 | {निम्नलिखित में से कौन विकसित [[संविधान]] का उदाहरण है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-192,प्रश्न-2 | ||
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+[[संयुक्त राष्ट्र अमेरिका]] में है | +[[संयुक्त राष्ट्र अमेरिका]] में है | ||
-[[चीन]] में है | -[[चीन]] में है | ||
||[[अमेरिका]] में न्यायिक सर्वोच्चता के सिद्धांत को अपनाया गया है। न्यायिक पुनरावलोकन की विस्तृत शक्ति इसे प्राप्त है। [[सर्वोच्च न्यायालय]] ही वहां संविधान एवं नागरिक अधिकारों का रक्षक है। इसकी व्यापक शक्ति को देखते | ||[[अमेरिका]] में न्यायिक सर्वोच्चता के सिद्धांत को अपनाया गया है। न्यायिक पुनरावलोकन की विस्तृत शक्ति इसे प्राप्त है। [[सर्वोच्च न्यायालय]] ही वहां संविधान एवं नागरिक अधिकारों का रक्षक है। इसकी व्यापक शक्ति को देखते जस्टिस हूज ने कहा है कि हम (अमेरिकी जनता) एक संविधान के अधीन तो हैं किंतु संविधान वहीं जो न्यायाधीश कहते है। जस्टिस फ्रैंकफर्टर ने तो यहां तक कह दिया कि "सर्वोच्च न्यायालय ही संविधान है।" | ||
{निम्न में से किस पुस्तक का लेखक [[प्लेटो]] है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-202,प्रश्न-10 | {निम्न में से किस पुस्तक का लेखक [[प्लेटो]] है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-202,प्रश्न-10 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -रिपब्लिक | ||
-स्टेट्समैन | -स्टेट्समैन | ||
-द लाज | -द लाज | ||
+उपर्युक्त सभी | +उपर्युक्त सभी | ||
||[[प्लेटो]] महान यूनानी दार्शनिक था। इसने लगभग 36 या 38 ग्रंथों की रचना की। प्लेटो द्वारा किया गया राजशास्त्र पर विशद् विवेचन उसकी प्रमुख तीन कृतियों | ||[[प्लेटो]] महान यूनानी दार्शनिक था। इसने लगभग 36 या 38 ग्रंथों की रचना की। प्लेटो द्वारा किया गया राजशास्त्र पर विशद् विवेचन उसकी प्रमुख तीन कृतियों रिपब्लिक, स्टेट्समैन और लाज में मिलते हैं। इन तीनों ग्रंथों में प्लेटो ने सर्वप्रथम 'रिपब्लिक' उसके बाद स्टेट्समैन तथा उसके बाद 'द लाज' की रचना की। इसके अलावा प्लेटो के अन्य ग्रंथ निम्नलिखित हैं- 1-अपोलॉजी 2-क्रोटो 3-प्रोटागोरस 4-जोर्जियाज | ||
{राज्य के आवश्यक तत्त्व हैं- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-9,प्रश्न-33 | {राज्य के आवश्यक तत्त्व हैं- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-9,प्रश्न-33 |
Revision as of 12:02, 28 December 2017
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