प्रयोग:रिंकू1: Difference between revisions
रिंकू बघेल (talk | contribs) No edit summary |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
प्रमुख शिक्षाशास्त्री और कृषि की उन्नति के क्षेत्र | प्रमुख शिक्षाशास्त्री और कृषि की उन्नति के क्षेत्र में अग्रणी पंजाब राव देशमुख का जन्म 2७ नवंबर 1८९८ ई. को तत्कालीन मध्य प्रदेश के अमरावती जिले में पपल गाँव में हुआ था। गाँव में आरंभिक शिक्षा के बाद वे पूना के फरग्यूसन काँलेज में भर्ती हुए। फिर 1९2० में उनके पिता रामराव ने अपनी संपत्ति गिरवी रख कर पुत्र को उच्च शिक्षा के लिये इंगलैंड भेज दिया। वहाँ से पंजाब राव डी.फिल.और कानून की डिग्री लेकर 1९2६ में अमरावती वापस आ गए। 1९2७ में सत्यशोधक समाज की रीति से विमला वैध के साथ उनका विवाह हुआ। विमला ने भी शिक्षा पूरी करने के बाद अनेक महिला संगठ्नो में काम किया और बाद में रज्यसभा की सदस्य चुनी गयी थी। | ||
पंजाब राव देशमुख आरंभ से ही सार्वजनिक कर्यो | पंजाब राव देशमुख आरंभ से ही सार्वजनिक कर्यो में रुचि लेने लगे थे। 1९2८ में वे अमरावती जिला कौंसिल के अध्यक्ष चुने गए। उन्होने उसी समय सब सार्वजनिक कुएँ हरिजन के लिये खोल दिये थे। 1९३० में वे सी.पी. बरार की लेजिस्लेचर के सद्स्य और वहाँ के शिक्षा मंत्री बने। 1९३1 में उन्होने शिवाजी एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना की। इस संस्था की उन्नति का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि पजाब राव देशमुख की मृत्यु के समय (1९६८) इस संस्था के अंतर्गत 2८ काँलेज ४० लडको के हाई स्कूल और 1४ ग्रामीण शिक्षा संस्थान काम कर रहे थे। साथ ही उन्होने " युवा कृषक लीग" राष्ट्रिय पिछ्डा वर्ग संगथन आदि संस्थओ की भी स्थापना की। | ||
सर्किय राजनीति | सर्किय राजनीति में भाग लेते हुए पंजाब राव देशमुख 1९५2, 1९५७ और 1९६2 में लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। इस पूरी अवधि में वे केंद्र सरकार में कृषि मंत्री रहे। उन्होने कृषि संबंधी सम्मेंलनो में समय-समय पर वाशिंगट्न,रोम, रुस, कैरो आदि में भारतीय प्रतिनिधिमंड्लो का नेतृत्व किया। कांग्रस संगठ्न के सद्स्य वे जीवन के अंत बने रहे। 1९६८ में पंजाब राब देशमुख का देहांत हो गया। |
Revision as of 11:01, 29 December 2017
प्रमुख शिक्षाशास्त्री और कृषि की उन्नति के क्षेत्र में अग्रणी पंजाब राव देशमुख का जन्म 2७ नवंबर 1८९८ ई. को तत्कालीन मध्य प्रदेश के अमरावती जिले में पपल गाँव में हुआ था। गाँव में आरंभिक शिक्षा के बाद वे पूना के फरग्यूसन काँलेज में भर्ती हुए। फिर 1९2० में उनके पिता रामराव ने अपनी संपत्ति गिरवी रख कर पुत्र को उच्च शिक्षा के लिये इंगलैंड भेज दिया। वहाँ से पंजाब राव डी.फिल.और कानून की डिग्री लेकर 1९2६ में अमरावती वापस आ गए। 1९2७ में सत्यशोधक समाज की रीति से विमला वैध के साथ उनका विवाह हुआ। विमला ने भी शिक्षा पूरी करने के बाद अनेक महिला संगठ्नो में काम किया और बाद में रज्यसभा की सदस्य चुनी गयी थी। पंजाब राव देशमुख आरंभ से ही सार्वजनिक कर्यो में रुचि लेने लगे थे। 1९2८ में वे अमरावती जिला कौंसिल के अध्यक्ष चुने गए। उन्होने उसी समय सब सार्वजनिक कुएँ हरिजन के लिये खोल दिये थे। 1९३० में वे सी.पी. बरार की लेजिस्लेचर के सद्स्य और वहाँ के शिक्षा मंत्री बने। 1९३1 में उन्होने शिवाजी एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना की। इस संस्था की उन्नति का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि पजाब राव देशमुख की मृत्यु के समय (1९६८) इस संस्था के अंतर्गत 2८ काँलेज ४० लडको के हाई स्कूल और 1४ ग्रामीण शिक्षा संस्थान काम कर रहे थे। साथ ही उन्होने " युवा कृषक लीग" राष्ट्रिय पिछ्डा वर्ग संगथन आदि संस्थओ की भी स्थापना की। सर्किय राजनीति में भाग लेते हुए पंजाब राव देशमुख 1९५2, 1९५७ और 1९६2 में लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। इस पूरी अवधि में वे केंद्र सरकार में कृषि मंत्री रहे। उन्होने कृषि संबंधी सम्मेंलनो में समय-समय पर वाशिंगट्न,रोम, रुस, कैरो आदि में भारतीय प्रतिनिधिमंड्लो का नेतृत्व किया। कांग्रस संगठ्न के सद्स्य वे जीवन के अंत बने रहे। 1९६८ में पंजाब राब देशमुख का देहांत हो गया।