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भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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{'ग्रामर ऑफ़ पॉलिटिक्स' के लेखक कौन हैं- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-202,प्रश्न-11
|type="()"}
-लॉर्ड ब्राइस
-हरमन फाइनर
-जॉन आस्टिन
+हेरोल्ड लास्की
||'ग्राम ऑफ़ पॉलिटिक्स' के लेखक हेरोल्ड लास्की हैं। इसकी रचना हेरोल्ड लास्की ने [[अक्टूबर]], 1925 में किया था।


{"शक्ति नहीं बल्कि सदिच्छा राज्य का आधार है"। यह वाक्य किस विचार का प्रतिनिधित्व करता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-10,प्रश्न-34
|type="()"}
+आदर्शवादी
-मार्क्सवादी
-यथार्थवादी
-विकासवादी
||राज्य किसी ऐसी संस्था में निहित होता जो एक बार और हमेशा के लिए बनी हो। यह उस सामान्य इच्छा को व्यक्त करता है जो एक 'सामान्य भले' हेतु कार्यशील होती है। टी.एच. ग्रीन (T.H. Green) जो एक ब्रिटिश दार्शनिक और विचारक थे, का ऐसा ही मत था। इन्हें [[इंग्लैंड]] में आदर्शवादी विचारधारा का समर्थक माना जाता है।
{लॉक का विश्वास था कि संप्रभु- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-24,प्रश्न-11
|type="()"}
-समस्त कानूनों का प्रमुखकर्ता है।
+विद्यमान कानूनों से बंधा हुआ है।
-समस्त कानूनों से ऊपर है।
-उपर्युक्त में से कोई नहीं।
||लॉक का विश्वास था कि संप्रभु विद्यमान कानूनों से बंधा हुआ है।
{[[अरस्तू]] के अनुसार, दासता- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-34, प्रश्न-21
|type="()"}
-दैवीय दंड का एक रूप है किंतु हानिकारक है
-अप्राकृतिक और अस्थायी है
-प्राकृतिक और दैवीय है किंतु निंदनीय है
+प्राकृतिक और लाभप्रद है
||अरस्तू के अनुसार, दासता प्राकृतिक है और यह स्वामी तथा दास दोनों पक्षों के लिए लाभकारी है। अरस्तू का मानना है कि प्रकृति ने मनुष्यों को दो समूहों में बांटा है, जिन आत्माओं में प्रकृति ने शासन और आदेश मानने का सिद्धांत जमाया है वे प्राकृतिक दास तथा दूसरे मनुष्य स्वतंत्र होते हैं और शासक के रूप में पैदा होते हैं, उनमें बौद्धिक बल होता है। वे स्वामी होते हैं। इस तरह बौद्धिक असमानता और शारीरिक क्षमता के आधार पर दास-स्वामी का संबंध प्रारंभ हुआ।
{इटली में फॉसीवादी का उदय किसका परिणाम था- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-42,प्रश्न-12
|type="()"}
-पुनर्जागरण का
+प्रथम विश्व युद्ध का
-नेपोलियानिक युद्ध का
-ओद्योगिक क्रांति का
||फासिस्ट आंदोलन के प्रारंभिक दौर में मुसोलिनी का ध्येय केवल सत्ता को अपने हाथ में लेना था, किंतु प्रथम विश्व युद्ध के बाद की परिस्थितियों में मुसोलिनी ने अपना दृष्टिकोण बदला और वर्ष 1926 के बाद उसकी सरकार का स्वरूप अधिनायक तंत्रीय हो गया।
{निम्नलिखित में से कौन प्रत्यक्ष प्रजातंत्र का साधन नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-48,प्रश्न-22
|type="()"}
-जनमत संग्रह
-उपक्रम
+दबाव समूह
-लैंडसजीमिंडे
||'दबाव समूह' प्राय: प्रतिनिध्यात्मक या अप्रत्यक्ष लोकतंत्र की विशेषता होते हैं। दबाव समूह एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा सामान्य हित वाले व्यक्ति सार्वजनिक मामलों को प्रभावित करने का प्रयत्न करते हैं। इसके अतिरिक्त जनमत संग्रह, उपक्रम, प्रत्याह्वान, आरंभन, लोकसभाएं आदि प्रत्यक्ष लोकतंत्र के उपकरण हैं। प्रत्यक्ष प्रजातंत्र स्विट्जरलैंड में पाई जाने वाली शासन प्रणाली है। प्राचीन काल में यह ग्रीक नगर राज्यों में पाई जाती थी।
{निम्नलिखित में से किसको 'कानून के समादेश सिद्धांत' (Command theory of low) का उन्नायक कहा जाता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-68,प्रश्न-24
|type="()"}
-जेरेमी बेंथम को
-जॉ बोदडां को
+जॉन ऑस्टिन को
-ए.वी. डायसी को
||जॉन ऑस्टिन के अनुसार "कानून उच्चतर द्वारा निम्नतर को दिया गया आदेश है।" या "कानून संप्रभु की आज्ञा (आदेश) है।" ऑस्टिन के कानून को इस परिभाषा में तीन तत्व निहित है- (1) संप्रभुता (2) आदेश (समादेश) (3) शास्ति-अर्थात संप्रभु के आदेश की अवहेलना करने वाले को दण्ड देने की शक्ति। इस प्रकार ऑस्टिन ने कानून को संप्रभु का आदेश (समादेश) माना है। ऑस्टिन ने अपनी पुस्तक में संप्रभुता की एकलवादी अवधारणा का प्रतिपादन किया है।
{'भारत-सोवियत संधि' पर हस्ताक्षर हुए थे: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-112,प्रश्न-12
|type="()"}
-1955 में
-1972 में
+1971 में
-1969 में
||[[भारत]] और सोवियत संघ के बीच 9 अगस्त, 1971 में 'शांति, मित्रता और सहयोग' की संधि पर हस्ताक्षर हुए थे।
{संयुक्त राष्ट्र संघ के किस सदस्य को निषेधाधिकार (वीटो शक्ति) प्राप्त नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-120,प्रश्न-13
|type="()"}
-[[चीन]]
-[[रूस]]
+[[जर्मनी]]
-[[ब्रिटेन]]
||संयुत्क राष्ट्र सुरक्षा परिषद में किसी प्रस्ताव के पारित होने के लिए समस्त स्थायी सदस्यों की सहमति आवश्यक होती है। उनमें से किसी एक के भी असहमत होने पर प्रस्ताव पारित नहीं हो सकता। इसे ही 'निषेधाधिकार' या 'वीटो शक्ति' कहा जाता है क्योंकि कोई भी स्थायी सदस्य किसी प्रस्ताव को अपनी असहमति द्वारा पारित होने से रोक सकता है। उल्लेखनीय है कि सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य रूस, [[चीन]], [[संयुक्त राज्य अमेरिका]], [[फ्रांस]] और [[यूनाइटेड किंगडम]] हैं।
{निम्नलिखित में से किसने नौकरशाही को 'विवेकपूर्ण विधिक सत्ता' के रूप में चित्रित किया? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-134,प्रश्न-33
|type="()"}
-पैरेटो
-एफ.एम. मार्क्स
+[[मैक्स वेबर]]
-बेंथम
||मैक्स वेबर ने नौकरशाही को 'विवेकपूर्ण विविध सत्ता' के रूप में चित्रित किया। उन्होंने प्राधिकार (नौकरशाही) के तीन रूप बताए हैं-(1) पारंपरिक प्राधिकार, (2) करिश्माई प्राधिकार, (3) कानूनी-तार्किक प्राधिकार। इनमें से तीसरा प्राधिकार 'विवेकपूर्ण विविक सत्ता' से संबंधित है।


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Revision as of 12:03, 31 December 2017