प्रयोग:दीपिका3: Difference between revisions
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-लास्की की | -लास्की की | ||
||'एन इंक्वायरी इन टू दि नेचर एंड कॉलेज ऑफ़ दि वेल्थ ऑफ़ नेशंस' एडम स्मिथ द्वारा लिखी गई है, जिसका संक्षिप्त शीर्षक, 'वेल्थ ऑफ़ नेशंस' है। इसका प्रकाशन वर्ष 1776 में किया गया। | ||'एन इंक्वायरी इन टू दि नेचर एंड कॉलेज ऑफ़ दि वेल्थ ऑफ़ नेशंस' एडम स्मिथ द्वारा लिखी गई है, जिसका संक्षिप्त शीर्षक, 'वेल्थ ऑफ़ नेशंस' है। इसका प्रकाशन वर्ष 1776 में किया गया। | ||
{"राज्य न ही ईश्वर की रचना है, न श्रेष्ठ शारीरिक बल की, न ही प्रस्तावों एवं सम्मेलनों की कृति है न ही परिवार का मात्र विस्तार है।" यह कथन किसका है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-11,प्रश्न-38 | |||
|type="()"} | |||
-मैकाइवर | |||
+गार्नर | |||
-गेटेल | |||
-मोरगान | |||
||[[राज्य]] की उत्पत्ति एवं विकास की व्याख्या करने के क्रम में दैवीय सिद्धांत, शक्ति सिद्धांत, सामाजिक समझौता सिद्धांत, पैतृक सिद्धांत एवं मातृक सिद्धांत अस्तित्व में आए। राज्य की उत्पत्ति का सर्वाधिक की व्याख्या आंशिक रूप से ही कर पाए। राज्य की उत्पत्ति का सर्वाधिक मान्य सिद्धांत ऐतिहासिक या विकासवादी सिद्धांत है। विकासवादी सिद्धांत के समर्थन में ही गार्नर ने कहा है कि "राज्य न ही ईश्वर की रचना है, न श्रेष्ठ शारीरिक बल का परिणाम है, न ही किसी प्रस्ताव व समझौते की कृति है तथा न ही परिवार का विस्तृत रूप है। यह तो क्रमिक विकास से उदित एक ऐतिहासिक संस्था है।'' | |||
{प्रभुसत्ता के एकत्ववादी सिद्धांत का प्रतिपादन निम्नलिखित में से किसने किया? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-24,प्रश्न-15 | |||
|type="()"} | |||
+ऑस्टिन | |||
-ऑक | |||
-एक्वीनास | |||
-मैटलैंड | |||
||जॉन ऑस्टिन द्वारा प्रतिपादित प्रभुसत्ता सिद्धांत को 'एकलवादी सिद्धांत' कहा जाता है। ऑस्टिन ने सकारात्मक कानून (Positive Law) का सिद्धांत भी प्रस्तुत किया था जो राज्य की कानूनी प्रभुसत्ता से जुड़ा है। | |||
{निम्नलिखित में से किस व्यवहारवादी विचारक ने अपने चिंतन में 'मानवीय स्वतंत्रता एवं प्रतिष्ठा' को इरादों (Intention), प्रयोजन (purpose) और प्रेरणा (Motive) से जोड़ा है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-35, प्रश्न-25 | |||
|type="()"} | |||
+बी.एफ. स्कीनर | |||
-डेविड ईस्टन | |||
-लियोवार्ड ह्वाइट | |||
-शूमा | |||
||प्रसिद्ध व्यवहारवादी विचारक बी.एफ. स्कीनर ने अपने चिंतन में मानवीय स्वतंत्रता एवं प्रतिष्ठा को इरादों (Intention), प्रयोजन (purpose) और प्रेरणा (Motive) से जोड़ा है? | |||
{निम्नलिखित में से किसने 'फॉसीवाद के सिद्धांत' का वर्णन, इस रूप में किया है कि वह समाजवाद का राष्ट्रवादी रूप है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-42,प्रश्न-16 | |||
|type="()"} | |||
-मार्टिन हैडेगर | |||
-जॉर्जेज सोरेल | |||
+एल्फ्रेडो रोक्को | |||
-रूडोल्फ जेलेन | |||
||एल्फ्रेडो रोक्को ने फासीवाद के सिद्धांत का वर्णन इस रूप में किया है कि वह "समाजवाद का राष्ट्रवादी रूप है।" रोक्को इटली में लंबे समय तक राष्ट्रवादियों का नेता था। वह इटली में नए गठबंधन सरकार में न्यायमंत्री (Minister of justice) था। उपरोक्त परिभाषा को उसने 1925 में चैम्बर ऑफ डिपुटीज के समक्ष भाषण देते हुए कहा था कि समाजवाद का राष्ट्रीय वर्जन प्रत्येक लोगों में खुशी लायेगा। | |||
{फॉसीवादियों के अनुसार जनतंत्र का सर्वाधिक वास्तविक रूप निम्न में से किसके द्वारा चलाई जाने वाली सरकार में पाया जाता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-42,प्रश्न-17 | |||
|type="()"} | |||
+अभिजात वर्ग | |||
-जंगखोर | |||
-जनतंत्रवादी | |||
-अराजकतावादी | |||
||फॉसीवाद समानता विरोधी और विशिष्ट वर्ग के सिद्धांत तथा नेतृत्व पूजा में विश्वास रखते हैं। इनके अनुसार [[फ्रांस]] के पश्चात लोकतंत्रवाद आया पर वह वास्तविक रूप में जनता के शासन की स्थापना न कर सका। इनके अनुसार लोकतंत्र में शक्ति कुछ चतुर और स्वार्थी लोगों के हाथों में केंद्रित हो जाती हैं। इसीलिए ये लोकतंत्र को भ्रष्ट, काल्पनिक तथा अव्यावहारिक शासन व्यवस्था मानते हैं। | |||
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Revision as of 11:34, 7 January 2018
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