अक्कोरांबोनी वित्तोरिया: Difference between revisions
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'''अक्कोरांबोनी, वित्तोरिया''' (1557-1585) अपने सौंदर्य, गुणों और करुणा इतिहास के लिए प्रसिद्ध इटालियन महिला। 1573 में फ्रांसेस्को पेरेती से विवाह। रोम के अनेक गण्यमान्य पुरुष उसके प्रशंसक थे जिनमें ब्रासियानो का ड्यूक भी था। ड्यूक ने वित्तोरिया के भाई मार्सेलो के साथ मिलकर पेरेती की हत्या कर दी। शीघ्र ही विधवा वित्तोरिया और ड्यूक का विवाह हो गया। ड्यूक पर हत्या का संदेह हुआ। बचने के लिए नवदंपति वेनिस भाग गए। वहीं 1585 में ड्यूक की मृत्यु हो गई। उसकी अपार संपत्ति की स्वाभिमानी बनी वित्तोरिया। दुखिनी विधवा पादुआ में अपना जीवन बिताने लगी पर शीघ्र ही लुदविको ओरसिनो ने धन के लालच में उसका वध कर दिया।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1|लेखक= |अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=67 |url=}}</ref> | '''अक्कोरांबोनी, वित्तोरिया''' (1557-1585) अपने सौंदर्य, गुणों और करुणा इतिहास के लिए प्रसिद्ध इटालियन महिला। 1573 में फ्रांसेस्को पेरेती से विवाह। रोम के अनेक गण्यमान्य पुरुष उसके प्रशंसक थे जिनमें ब्रासियानो का ड्यूक भी था। ड्यूक ने वित्तोरिया के भाई मार्सेलो के साथ मिलकर पेरेती की हत्या कर दी। शीघ्र ही विधवा वित्तोरिया और ड्यूक का विवाह हो गया। ड्यूक पर हत्या का संदेह हुआ। बचने के लिए नवदंपति वेनिस भाग गए। वहीं 1585 में ड्यूक की मृत्यु हो गई। उसकी अपार संपत्ति की स्वाभिमानी बनी वित्तोरिया। दुखिनी विधवा पादुआ में अपना जीवन बिताने लगी पर शीघ्र ही लुदविको ओरसिनो ने धन के लालच में उसका वध कर दिया।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1|लेखक= |अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=67 |url=}}</ref> | ||
Revision as of 11:29, 19 May 2018
अक्कोरांबोनी, वित्तोरिया (1557-1585) अपने सौंदर्य, गुणों और करुणा इतिहास के लिए प्रसिद्ध इटालियन महिला। 1573 में फ्रांसेस्को पेरेती से विवाह। रोम के अनेक गण्यमान्य पुरुष उसके प्रशंसक थे जिनमें ब्रासियानो का ड्यूक भी था। ड्यूक ने वित्तोरिया के भाई मार्सेलो के साथ मिलकर पेरेती की हत्या कर दी। शीघ्र ही विधवा वित्तोरिया और ड्यूक का विवाह हो गया। ड्यूक पर हत्या का संदेह हुआ। बचने के लिए नवदंपति वेनिस भाग गए। वहीं 1585 में ड्यूक की मृत्यु हो गई। उसकी अपार संपत्ति की स्वाभिमानी बनी वित्तोरिया। दुखिनी विधवा पादुआ में अपना जीवन बिताने लगी पर शीघ्र ही लुदविको ओरसिनो ने धन के लालच में उसका वध कर दिया।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 67 |
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