अरब का इतिहास: Difference between revisions
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'''अरब का इतिहास''' अरब के अंतर्गत विविध प्रादेशिक इकाइयों में यमन, हेजाज़, ओमान, हज़मौत, नज्द, हसा और हिरा मुख्य हैं। 19वीं शताब्दी में दक्षिणी अरब से जो प्राचीन शिलालेख प्राप्त हुए हैं उनके अनुसार हज़रत ईसा से कम से कम एक हजार वर्ष पहले अरब में एक ऊँचे दरजे की सभ्यता विद्यमान थी। प्राचीन असूरी शिलालेखों, इंजील के पुराने अहदनामे और प्राचीन ग्रंथों से भी इसकी पुष्टि होती है। अरब इतिहास के सभी विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1|लेखक= |अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=216 |url=}}</ref> | '''अरब का इतिहास''' अरब के अंतर्गत विविध प्रादेशिक इकाइयों में यमन, हेजाज़, ओमान, हज़मौत, नज्द, हसा और हिरा मुख्य हैं। 19वीं शताब्दी में दक्षिणी अरब से जो प्राचीन शिलालेख प्राप्त हुए हैं उनके अनुसार हज़रत ईसा से कम से कम एक हजार वर्ष पहले अरब में एक ऊँचे दरजे की सभ्यता विद्यमान थी। प्राचीन असूरी शिलालेखों, इंजील के पुराने अहदनामे और प्राचीन ग्रंथों से भी इसकी पुष्टि होती है। अरब इतिहास के सभी विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1|लेखक= |अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=216-18 |url=}}</ref> | ||
Latest revision as of 07:21, 1 June 2018
अरब का इतिहास अरब के अंतर्गत विविध प्रादेशिक इकाइयों में यमन, हेजाज़, ओमान, हज़मौत, नज्द, हसा और हिरा मुख्य हैं। 19वीं शताब्दी में दक्षिणी अरब से जो प्राचीन शिलालेख प्राप्त हुए हैं उनके अनुसार हज़रत ईसा से कम से कम एक हजार वर्ष पहले अरब में एक ऊँचे दरजे की सभ्यता विद्यमान थी। प्राचीन असूरी शिलालेखों, इंजील के पुराने अहदनामे और प्राचीन ग्रंथों से भी इसकी पुष्टि होती है। अरब इतिहास के सभी विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 216-18 |